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शिव प्रसाद हत्याकांडः चार साल बाद आरोपी बायोलॉजी टीचर श्वेता मलानी गिरफ्तार

रांची के शिव प्रसाद हत्याकांड में चार साल बाद आरोपी बायोलॉजी टीचर श्वेता मलानी गिरफ्तार कर ली गयी (Biology teacher Shweta Malani arrested) है. श्वेता ने ही शिव की हत्या की साजिश रची और सुपारी देकर हत्या करवाई थी. 7 जुलाई 2018 को लालपुर थाना क्षेत्र में शिव प्रसाद की गोली मारकर हत्या की गयी थी.

Biology teacher Shweta Malani arrested after four years Shiv Prasad murder case in Ranchi
रांची
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Published : Oct 1, 2022, 6:58 AM IST

रांचीः छात्रों को डॉक्टर बनाने के लिए दिन रात मेहनत करने वाली बायोलॉजी की मशहूर शिक्षिका श्वेता मलानी ने अपने ही सहयोगी रहे केमिस्ट्री के शिक्षक शिवप्रसाद की हत्या सुपारी देकर करवा दी थी. रांची पुलिस ने 4 साल बाद प्रसाद के हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाते हुए श्वेता मालानी सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार (Shweta Malani arrested in Ranchi) कर लिया है.


क्या है मामलाः शिव प्रसाद की हत्या की साजिश रचने के आरोप में पुलिस ने बायोलॉजी शिक्षिका श्वेता मलानी, कृष्णा प्रसाद के साथ-साथ गोली मारने वाले दोनों शूटर अशोक लकड़ा और रोहित सिंह को गिरफ्तार (Shiv Prasad murder accused Biology teacher) कर लिया है. 7 जुलाई 2018 को रांची के गुरु नानक स्कूल के शिक्षक शिव प्रसाद की हत्या लालपुर थाना क्षेत्र में कर दी गई थी. इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए लालपुर थाना के तत्कालीन प्रभारी अरविंद सिंह के द्वारा काफी कोशिश की गई लेकिन वो हत्याकांड की गुत्थी को नहीं सुलझा पाए. इसी बीच रांची में सीनियर एसपी के रूप में किशोर कौशल ने पदभार ग्रहण किया, उस दौरान अपराधियों के द्वारा मारे गए शिक्षक शिव प्रसाद के माता पिता सीनियर एसपी से मिलने उनके गोपनीय कार्यालय पहुंचे थे और अपने बेटे के हत्यारों को गिरफ्तार करने का आग्रह किया था. इसके बाद रांची एसएसपी किशोर कौशल ने शिव प्रसाद मर्डर केस के फाइल को दोबारा ओपन करवाया. रांची के सिटी डीएसपी दीपक कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाकर मामले में ठोस कार्रवाई करने का प्लान तैयार किया गया. इसी बीच रांची जेल से एक सूचना आई कि किसी कृष्णा नाम के व्यक्ति का इस हत्याकांड से सीधा जुड़ाव है. पुलिस जब मामले की तफ्तीश में जुटी तक उन्हें यह जानकारी मिली कि शिव प्रसाद पहले तनीषा कोचिंग सेंटर में पढ़ाया करते थे, उस कोचिंग सेंटर में कृष्णा प्रसाद नाम का व्यक्ति भी काम किया करता था जो श्वेता मलानी का काफी करीबी था. एक ठोस लीड मिलते ही सिटी डीएसपी और लालपुर थाना प्रभारी राजीव कुमार ने सबसे पहले कृष्णा को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया.

कृष्णा ने खोला हत्या का राजः पुलिस की पूछताछ में कृष्णा टूट गया. उसने बताया कि उसने ही अशोक लकड़ा और रोहित सिंह नामक दो अपराधियों को शिव प्रसाद की हत्या के लिए 50 हजार की सुपारी एडवांस में दिया था, हत्या का सौदा 2 लाख में तय हुआ था. इसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस की टीम ने छापेमारी कर अशोक और रोहित दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

तीन दिन तक नहीं बताया मलानी का नामः कृष्णा प्रसाद, श्वेता मलानी का बेहद करीबी था, गिरफ्तारी के बावजूद उसने श्वेता का नाम पुलिस के सामने नहीं बताया. उसने पुलिस को यही बताया कि उसी ने कोचिंग को लेकर विवाद (dispute over coaching) में शिव प्रसाद की हत्या सुपारी देकर करवा (Biology teacher Shweta Malani arrested) दी थी. हालांकि पुलिस को कृष्ण प्रसाद के बयान पर भरोसा नहीं था. जिसके बाद टेक्निकल सेल की मदद से 4 साल पूर्व कृष्ण प्रसाद और श्वेता मलानी का सीडीआर निकाला गया. सीडीआर से यह पता चला कि हत्या वाले दिन कृष्ण प्रसाद और श्वेता मलानी के बीच 50 से अधिक बार बातचीत हुई थी. पुलिस ने जब और सख्ती बरती तो कृष्ण प्रसाद ने यह स्वीकार कर लिया कि श्वेता मलानी के कहने पर ही उसने दो सुपारी किलर को पैसे देकर शिव प्रसाद की हत्या करवाई थी. जानकारी मिलते ही महिला थाना प्रभारी के सहयोग से श्वेता मलानी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

कोचिंग में हुआ नुकसान इसलिए मरवा दियाः शिव प्रसाद की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई क्योंकि उसने श्वेता मलानी का कोचिंग सेंटर छोड़कर खुद का अपना कोचिंग सेंटर खोल लिया. शिव प्रसाद एक बेहतरीन शिक्षक थे, जिसकी वजह से उनका कोचिंग सेंटर बहुत जल्द चमक गया, इधर श्वेता का कोचिंग सेंटर बंद होने की कगार पर आ गया. श्वेता ने बताया कि साल 2018 में डीएवी खड़कपुर में उसकी नौकरी हो गई, जिसके बाद उसने कोचिंग को शिव प्रसाद के हवाले कर वह खड़कपुर चली गई. लेकिन शिव प्रसाद ने उसे धोखा देकर अपना कोचिंग सेंटर खोल लिया और उसके कोचिंग के सारे बच्चे शिव प्रसाद के साथ चले गए. कोचिंग बंद होने की वजह से उसे बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ, यही वजह है कि उसने शिव प्रसाद की हत्या की प्लानिंग की, कृष्णा के साथ मिलकर रची और उसे मरवा दिया.


सरेराह हुई थी हत्याः 7 जुलाई 2018 को रांची के गुरु नानक स्कूल के केमिस्ट्री के टीचर शिव प्रसाद लालपुर स्थित एक कोचिंग में क्लास लेने के बाद अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान सरेराह लालपुर थाना क्षेत्र के डिस्टलरी पुल के पास दो अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी. आनन-फानन में शिक्षक को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.

चार साल से हत्यारों को ढूंढ रही थी पुलिसः साल 2018 में शिव प्रसाद की हत्या को अंजाम दिया गया था. उसके बाद से पिछले 4 साल तक पुलिस हत्यारों को ढूंढने के लिए हाथ-पांव मारती रही. यहां तक कि कई बार अखबारों में इश्तेहार भी जारी किए गए. हत्यारों के सुराग के लिए पुलिस मुख्यालय से इनाम भी घोषित किया था. आखिरकार चार साल के बाद पुलिस को सफलता मिली और शिव प्रसाद के हत्यारे और साजिशकर्ता सभी शिकंजे में आ गए.

रांचीः छात्रों को डॉक्टर बनाने के लिए दिन रात मेहनत करने वाली बायोलॉजी की मशहूर शिक्षिका श्वेता मलानी ने अपने ही सहयोगी रहे केमिस्ट्री के शिक्षक शिवप्रसाद की हत्या सुपारी देकर करवा दी थी. रांची पुलिस ने 4 साल बाद प्रसाद के हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाते हुए श्वेता मालानी सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार (Shweta Malani arrested in Ranchi) कर लिया है.


क्या है मामलाः शिव प्रसाद की हत्या की साजिश रचने के आरोप में पुलिस ने बायोलॉजी शिक्षिका श्वेता मलानी, कृष्णा प्रसाद के साथ-साथ गोली मारने वाले दोनों शूटर अशोक लकड़ा और रोहित सिंह को गिरफ्तार (Shiv Prasad murder accused Biology teacher) कर लिया है. 7 जुलाई 2018 को रांची के गुरु नानक स्कूल के शिक्षक शिव प्रसाद की हत्या लालपुर थाना क्षेत्र में कर दी गई थी. इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए लालपुर थाना के तत्कालीन प्रभारी अरविंद सिंह के द्वारा काफी कोशिश की गई लेकिन वो हत्याकांड की गुत्थी को नहीं सुलझा पाए. इसी बीच रांची में सीनियर एसपी के रूप में किशोर कौशल ने पदभार ग्रहण किया, उस दौरान अपराधियों के द्वारा मारे गए शिक्षक शिव प्रसाद के माता पिता सीनियर एसपी से मिलने उनके गोपनीय कार्यालय पहुंचे थे और अपने बेटे के हत्यारों को गिरफ्तार करने का आग्रह किया था. इसके बाद रांची एसएसपी किशोर कौशल ने शिव प्रसाद मर्डर केस के फाइल को दोबारा ओपन करवाया. रांची के सिटी डीएसपी दीपक कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाकर मामले में ठोस कार्रवाई करने का प्लान तैयार किया गया. इसी बीच रांची जेल से एक सूचना आई कि किसी कृष्णा नाम के व्यक्ति का इस हत्याकांड से सीधा जुड़ाव है. पुलिस जब मामले की तफ्तीश में जुटी तक उन्हें यह जानकारी मिली कि शिव प्रसाद पहले तनीषा कोचिंग सेंटर में पढ़ाया करते थे, उस कोचिंग सेंटर में कृष्णा प्रसाद नाम का व्यक्ति भी काम किया करता था जो श्वेता मलानी का काफी करीबी था. एक ठोस लीड मिलते ही सिटी डीएसपी और लालपुर थाना प्रभारी राजीव कुमार ने सबसे पहले कृष्णा को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया.

कृष्णा ने खोला हत्या का राजः पुलिस की पूछताछ में कृष्णा टूट गया. उसने बताया कि उसने ही अशोक लकड़ा और रोहित सिंह नामक दो अपराधियों को शिव प्रसाद की हत्या के लिए 50 हजार की सुपारी एडवांस में दिया था, हत्या का सौदा 2 लाख में तय हुआ था. इसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस की टीम ने छापेमारी कर अशोक और रोहित दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

तीन दिन तक नहीं बताया मलानी का नामः कृष्णा प्रसाद, श्वेता मलानी का बेहद करीबी था, गिरफ्तारी के बावजूद उसने श्वेता का नाम पुलिस के सामने नहीं बताया. उसने पुलिस को यही बताया कि उसी ने कोचिंग को लेकर विवाद (dispute over coaching) में शिव प्रसाद की हत्या सुपारी देकर करवा (Biology teacher Shweta Malani arrested) दी थी. हालांकि पुलिस को कृष्ण प्रसाद के बयान पर भरोसा नहीं था. जिसके बाद टेक्निकल सेल की मदद से 4 साल पूर्व कृष्ण प्रसाद और श्वेता मलानी का सीडीआर निकाला गया. सीडीआर से यह पता चला कि हत्या वाले दिन कृष्ण प्रसाद और श्वेता मलानी के बीच 50 से अधिक बार बातचीत हुई थी. पुलिस ने जब और सख्ती बरती तो कृष्ण प्रसाद ने यह स्वीकार कर लिया कि श्वेता मलानी के कहने पर ही उसने दो सुपारी किलर को पैसे देकर शिव प्रसाद की हत्या करवाई थी. जानकारी मिलते ही महिला थाना प्रभारी के सहयोग से श्वेता मलानी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

कोचिंग में हुआ नुकसान इसलिए मरवा दियाः शिव प्रसाद की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई क्योंकि उसने श्वेता मलानी का कोचिंग सेंटर छोड़कर खुद का अपना कोचिंग सेंटर खोल लिया. शिव प्रसाद एक बेहतरीन शिक्षक थे, जिसकी वजह से उनका कोचिंग सेंटर बहुत जल्द चमक गया, इधर श्वेता का कोचिंग सेंटर बंद होने की कगार पर आ गया. श्वेता ने बताया कि साल 2018 में डीएवी खड़कपुर में उसकी नौकरी हो गई, जिसके बाद उसने कोचिंग को शिव प्रसाद के हवाले कर वह खड़कपुर चली गई. लेकिन शिव प्रसाद ने उसे धोखा देकर अपना कोचिंग सेंटर खोल लिया और उसके कोचिंग के सारे बच्चे शिव प्रसाद के साथ चले गए. कोचिंग बंद होने की वजह से उसे बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ, यही वजह है कि उसने शिव प्रसाद की हत्या की प्लानिंग की, कृष्णा के साथ मिलकर रची और उसे मरवा दिया.


सरेराह हुई थी हत्याः 7 जुलाई 2018 को रांची के गुरु नानक स्कूल के केमिस्ट्री के टीचर शिव प्रसाद लालपुर स्थित एक कोचिंग में क्लास लेने के बाद अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान सरेराह लालपुर थाना क्षेत्र के डिस्टलरी पुल के पास दो अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी. आनन-फानन में शिक्षक को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.

चार साल से हत्यारों को ढूंढ रही थी पुलिसः साल 2018 में शिव प्रसाद की हत्या को अंजाम दिया गया था. उसके बाद से पिछले 4 साल तक पुलिस हत्यारों को ढूंढने के लिए हाथ-पांव मारती रही. यहां तक कि कई बार अखबारों में इश्तेहार भी जारी किए गए. हत्यारों के सुराग के लिए पुलिस मुख्यालय से इनाम भी घोषित किया था. आखिरकार चार साल के बाद पुलिस को सफलता मिली और शिव प्रसाद के हत्यारे और साजिशकर्ता सभी शिकंजे में आ गए.

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