रांची: झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में निदेशक का पद लंबे समय से रिक्त था. आज भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर शशि प्रकाश सिंह ने बतौर निदेशक पदभार ग्रहण कर लिया है. इस मौके पर उन्होंने पदाधिकारियों से मुलाकात कर विभाग की ओर से किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि सरकार के विकास कार्यों का प्रचार-प्रसार कराना उनकी प्राथमिकता होगी. शशि प्रकाश सिंह 2017 बैच के आईएएस अफसर हैं. इससे पहले वह चास के अनुमंडल पदाधिकारी थे. शशि प्रकाश सिंह सख्त प्रशासक माने जाते हैं. उनकी स्कूली शिक्षा बोकारो, डीपीएस में हुई है.
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क्या है थप्पड़ विवाद
चास में एसडीएम रहते उनपर वहां के सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी राजीव कुमार ने थप्पड़ जड़ने का आरोप लगाया था. घटना फरवरी 2020 की थी. राजीव कुमार ने मीडिया को बताया था कि एसडीएम के आदेश पर गोपनीय पहुंचे थे. उनके कार्यालय कक्ष में बोकारो जेनरल अस्पताल की महिला चिकित्सक डॉ. आभा रानी पहले से मौजूद थी. पहुंचते ही एसडीएम ने कहा कि महिला से बात करने का तरीका मालूम नहीं है. डॉ. आभा उन पर कुछ फाइल को नहीं निपटाने की शिकायत लेकर पहुंची थीं. इसपर एसडीएम आग बबूला हो गए. उन्होंने अपने बॉडीगार्ड से कहा कि इसे केबिन से बाहर ले जाकर इतनी जोर से मारो कि उसकी आवाज मुझे यहां तक सुनाई दे. इसका राजीव कुमार ने विरोध किया और कहा कि यह गलत हो रहा है. इस पर एसडीएम अपनी कुर्सी से उठे और थप्पड़ जड़ दिया. हालाकि शशि प्रकाश ने उसी समय स्पष्ट कर दिया था कि उन्होंने राजीव कुमार की पिटाई नहीं की है. बल्कि राजीव कुमार ने ही उनके बॉडीगार्ड के साथ मारपीट की थी जिसकी वजह से उसे पुलिस के हवाल करना पड़ा.
लंबे समय से खाली था पद
शशि प्रकाश सिंह से पहले भारतीय वन सेवा के पदाधिकारी राजीव लोचन बख्शी आईपीआरडी के निदेशक थे. उन्हें 20 फरवरी 2021 के इस पद से हटा दिया गया था. फिलहाल वह वन संरक्षक के अलावा झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव के रूप में सेवारत हैं. राजीव लोचन बख्शी से पहले मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव रहे रमाकांत सिंह को निदेशक पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था.