ETV Bharat / state

Heat Wave in Jharkhand: कोरोना लॉकडाउन में झारखंड में एक दिन भी नहीं चला था लू, इस साल बढ़ती गर्मी और हीट वेव से परेशान हैं राज्यवासी

झारखंड में कोरोना के कारण जब लॉकडाउन लगा था, तब उस दौरान एक भी दिन राज्य में लू या हीट वेव नहीं चला था. लेकिन इस साल राज्यवासी हीट वेव से परेशान हैं.

Heat Wave in Jharkhand
Heat Wave in Jharkhand
author img

By

Published : May 22, 2023, 8:49 PM IST

रांची: राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में भीषण गर्मी पड़ रही है. तपती गर्मी और तेज पछुआ हवा की वजह से हलक सूख रहा है तो लोग गन्ना, फल के जूस या आइसक्रीम, ठंडा पानी पीकर गर्मी को मात देने की कोशिश करते दिख रहे हैं. बढ़ती गर्मी के बीच ईटीवी भारत अपने पाठकों का ध्यान कोरोना लॉकडाउन 1.0 और कोरोना लॉकडाउन 2.0 के दौरान राजधानी रांची सहित राज्यभर के मौसम में आये बदलाव की ओर दिलाना चाहता है, जब राज्य में एक भी दिन हीट वेव नहीं चला था.

यह भी पढ़ें: Jharkhand Weather Update: भीषण गर्मी की चपेट में झारखंड, सभी जिलों का तापमान 40 के पार, फिलहाल राहत की उम्मीद नहीं

रांची स्थित मौसम केंद्र से मिले हीट वेव के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं कि वर्ष 2020 में मार्च से जून तक एक भी दिन लू या हीट वेव नहीं चला और उस दौरान लगातार राज्य में बारिश भी हुई थी. 2021 में भी मार्च से जून गक कमोबेश यही स्थिति बनी हुई थी. लॉकडाउन के दौरान पर्यावरण पर सार्थक असर हुआ था, जिसकी वजह से रांची में जहां एक भी दिन हीट वेव नहीं चला था, वहीं जमशेदपुर और डाल्टनगंज में सिर्फ एक दिन लू जैसी स्थिति बनी थी.

2022 से फिर पहले जैसे हालात बनने शुरू हो गए: साल 2022 से फिर एक बार लॉकडाउन खत्म होने का असर दिखने लगा. सड़कों पर चलने वाली मोटरगाड़ियों के धुएं, कल-कारखानों से निकलता धुंआ, विकास के नाम पर वर्षों पुराने पेड़ को काटने और कंक्रीट के हर दिन उगने वाले जंगल की वजह से तापमान बढ़ने के साथ ही लू जैसी स्थिति भयावह होती गई. मौसम केंद्र के आंकड़ें के अनुसार, 2022 में जहां रांची में 06 दिन और जमशेदपुर में 05 दिन लू चला, वहीं डाल्टनगंज में तो यह 33 दिन लंबा रहा, जो राज्य बनने के बाद का रिकॉर्ड है.

'लॉकडाउन ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण का जिम्मेवार कौन': इस वर्ष बढ़ती गर्मी और हीट वेव कंडीशन के लिए खुद को जिम्मेदार बताते हुए रांची विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्र और पर्यावरण विद डॉ नीतीश प्रियदर्शी कहते हैं कि कोरोना काल के दौरान जब लॉकडाउन लगा, तब प्रकृति ने हमें यह बता दिया कि बढ़ते प्रदूषण और गर्म होती धरती के लिए जिम्मेवार कौन है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कल-कारखाने बंद हो गए थे, सड़कों पर गाड़ियां नहीं चल रही थी, कार्बन एमिशन कम हो रहा था, यही वजह है कि वर्ष 2020 और 2021 के वर्ष में मौसम भी सुहाना हो गया था.

झारखंड में तो ना सिर्फ लगातार रुक-रुक कर बारिश होती रही थी, बल्कि एक भी दिन हीट वेव जैसी स्थिति नहीं बनी थी. डॉ नीतीश प्रियदर्शी ने कहा कि हीट वेव के लिए जो कारक जरूरी होते हैं, वह सभी लॉकडाउन के दौरान घरों में बंद हो गए थे.

यह भी पढ़ें: Jharkhand News: दुमका में नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड, परंपरागत आदिवासी तौर तरीकों से किया गया स्वागत

कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान हीट वेव नहीं चला, यह एक तथ्य- मौसम वैज्ञानिक: रांची मौसम केंद्र के मौसम वैज्ञानिक प्रीति गुनवाणी ने बताया कि यह सही है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान वर्ष 2020 में एक दिन भी हीट वेव नहीं चला था, लेकिन इसकी वजह सिर्फ कोरोना था या कोई अन्य वजहें भी, इस पर रिसर्च की जरूरत है. प्रीति गुनवानी ने कहा कि सिर्फ तापमान कम होने और हीटवेव नहीं चलने के आधार पर ऐसा नहीं कहा जा सकता कि लॉकडाउन की वजह से पर्यावरण बिल्कुल ठीक हो गया था. लू नहीं चलने की अन्य वजहें भी हो सकती हैं, जिस पर रिसर्च की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गाड़ियां नहीं चल रही थी, उद्योग धंधे बंद थे, ऐसे में पर्यावरण कम प्रदूषित हुआ, इसका भी असर हो सकता है.

रांची: राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में भीषण गर्मी पड़ रही है. तपती गर्मी और तेज पछुआ हवा की वजह से हलक सूख रहा है तो लोग गन्ना, फल के जूस या आइसक्रीम, ठंडा पानी पीकर गर्मी को मात देने की कोशिश करते दिख रहे हैं. बढ़ती गर्मी के बीच ईटीवी भारत अपने पाठकों का ध्यान कोरोना लॉकडाउन 1.0 और कोरोना लॉकडाउन 2.0 के दौरान राजधानी रांची सहित राज्यभर के मौसम में आये बदलाव की ओर दिलाना चाहता है, जब राज्य में एक भी दिन हीट वेव नहीं चला था.

यह भी पढ़ें: Jharkhand Weather Update: भीषण गर्मी की चपेट में झारखंड, सभी जिलों का तापमान 40 के पार, फिलहाल राहत की उम्मीद नहीं

रांची स्थित मौसम केंद्र से मिले हीट वेव के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं कि वर्ष 2020 में मार्च से जून तक एक भी दिन लू या हीट वेव नहीं चला और उस दौरान लगातार राज्य में बारिश भी हुई थी. 2021 में भी मार्च से जून गक कमोबेश यही स्थिति बनी हुई थी. लॉकडाउन के दौरान पर्यावरण पर सार्थक असर हुआ था, जिसकी वजह से रांची में जहां एक भी दिन हीट वेव नहीं चला था, वहीं जमशेदपुर और डाल्टनगंज में सिर्फ एक दिन लू जैसी स्थिति बनी थी.

2022 से फिर पहले जैसे हालात बनने शुरू हो गए: साल 2022 से फिर एक बार लॉकडाउन खत्म होने का असर दिखने लगा. सड़कों पर चलने वाली मोटरगाड़ियों के धुएं, कल-कारखानों से निकलता धुंआ, विकास के नाम पर वर्षों पुराने पेड़ को काटने और कंक्रीट के हर दिन उगने वाले जंगल की वजह से तापमान बढ़ने के साथ ही लू जैसी स्थिति भयावह होती गई. मौसम केंद्र के आंकड़ें के अनुसार, 2022 में जहां रांची में 06 दिन और जमशेदपुर में 05 दिन लू चला, वहीं डाल्टनगंज में तो यह 33 दिन लंबा रहा, जो राज्य बनने के बाद का रिकॉर्ड है.

'लॉकडाउन ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण का जिम्मेवार कौन': इस वर्ष बढ़ती गर्मी और हीट वेव कंडीशन के लिए खुद को जिम्मेदार बताते हुए रांची विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्र और पर्यावरण विद डॉ नीतीश प्रियदर्शी कहते हैं कि कोरोना काल के दौरान जब लॉकडाउन लगा, तब प्रकृति ने हमें यह बता दिया कि बढ़ते प्रदूषण और गर्म होती धरती के लिए जिम्मेवार कौन है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कल-कारखाने बंद हो गए थे, सड़कों पर गाड़ियां नहीं चल रही थी, कार्बन एमिशन कम हो रहा था, यही वजह है कि वर्ष 2020 और 2021 के वर्ष में मौसम भी सुहाना हो गया था.

झारखंड में तो ना सिर्फ लगातार रुक-रुक कर बारिश होती रही थी, बल्कि एक भी दिन हीट वेव जैसी स्थिति नहीं बनी थी. डॉ नीतीश प्रियदर्शी ने कहा कि हीट वेव के लिए जो कारक जरूरी होते हैं, वह सभी लॉकडाउन के दौरान घरों में बंद हो गए थे.

यह भी पढ़ें: Jharkhand News: दुमका में नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड, परंपरागत आदिवासी तौर तरीकों से किया गया स्वागत

कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान हीट वेव नहीं चला, यह एक तथ्य- मौसम वैज्ञानिक: रांची मौसम केंद्र के मौसम वैज्ञानिक प्रीति गुनवाणी ने बताया कि यह सही है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान वर्ष 2020 में एक दिन भी हीट वेव नहीं चला था, लेकिन इसकी वजह सिर्फ कोरोना था या कोई अन्य वजहें भी, इस पर रिसर्च की जरूरत है. प्रीति गुनवानी ने कहा कि सिर्फ तापमान कम होने और हीटवेव नहीं चलने के आधार पर ऐसा नहीं कहा जा सकता कि लॉकडाउन की वजह से पर्यावरण बिल्कुल ठीक हो गया था. लू नहीं चलने की अन्य वजहें भी हो सकती हैं, जिस पर रिसर्च की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गाड़ियां नहीं चल रही थी, उद्योग धंधे बंद थे, ऐसे में पर्यावरण कम प्रदूषित हुआ, इसका भी असर हो सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.