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ANM और GNM कर्मचारियों का सातवें दिन भी धरना जारी, चरमरा सकती है स्वास्थ्य व्यवस्था - झारखंड न्यूज

स्वास्थ्य मंत्री से मिले आश्वासन के बाद भी एएनएम और जीएनएम के अनुबंध कर्मियों का सातवें दिन हड़ताल जारी है. उनका कहना है कि नियुक्ति अधियाचना जेएसएससी को भेजने के बाद ही हड़ताल खत्म होगी.

ANM और GNM कर्मचारियों का सातवें दिन भी धरना जारी
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Published : Jun 30, 2019, 8:33 PM IST

रांची: राज्य के लगभग 5 हजार एएनएम और जीएनएम अनुबंध कर्मियों का सातवें दिन भी हड़ताल जारी रहा. इसको लेकर सैकड़ों एएनएम और जीएनएम राजभवन के सामने धरने पर बैठी रहीं. पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री से बातचीत होने के बावजूद भी इन्होंने धरना वापस नहीं लिया.

देखें पूरी खबर

स्वास्थ्य मंत्री से मिले आश्वासन के बाद एएनएम और जीएनएम ने 1 जुलाई को अपने संगठन के पदाधिकारी और अधिकारियों की बैठक बुलाई है. उसके बाद ही धरना समाप्त करने पर निर्णय लिया जाएगा. धरने में शामिल सैकड़ों एएनएम और जीएनएम अनुबंध कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में राज्य सरकार और स्वास्थ्य महकमे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

एएनएम और जीएनएम के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर इसका असर देखने को मिल रहा है. वहीं, गुरुवार और शनिवार को टीका दिवस होने के बाद भी स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका नजर आया, जिससे केंद्रों पर आए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

वहीं, धरने पर बैठी एएनएम और जीएनएम कर्मी अनिता कुमारी ने बताया कि पिछले 7 दिनों से वह धरने पर हैं, लेकिन कोई उनकी सुध लेने वाला नहीं है. सुरक्षा की लिहाज से भी सरकार कि ओर से पर्याप्त सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं कराए गए हैं. जिस वजह से बच्चों को भी धरना स्थल पर लाना पड़ रहा है. जिससे बच्चों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

धरने पर बैठे एएनएम और जीएनएम कर्मियों का कहना है कि सरकार उनकी बातों को गंभीरता से नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि जब तक नियुक्ति के लिए अधियाचना जेएसएससी को नहीं भेजी जाएगी और विज्ञापन नहीं निकाला जाएगा तब तक उनका विरोध जारी रहेगा. फिलहाल स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद एएनएम और जीएनएम कर्मियों ने 1 जुलाई को अपने संगठन की बैठक रखी है. उसके बाद ही धरना को समाप्त करने का निर्णय लिया जा सकेगा.

रांची: राज्य के लगभग 5 हजार एएनएम और जीएनएम अनुबंध कर्मियों का सातवें दिन भी हड़ताल जारी रहा. इसको लेकर सैकड़ों एएनएम और जीएनएम राजभवन के सामने धरने पर बैठी रहीं. पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री से बातचीत होने के बावजूद भी इन्होंने धरना वापस नहीं लिया.

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स्वास्थ्य मंत्री से मिले आश्वासन के बाद एएनएम और जीएनएम ने 1 जुलाई को अपने संगठन के पदाधिकारी और अधिकारियों की बैठक बुलाई है. उसके बाद ही धरना समाप्त करने पर निर्णय लिया जाएगा. धरने में शामिल सैकड़ों एएनएम और जीएनएम अनुबंध कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में राज्य सरकार और स्वास्थ्य महकमे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

एएनएम और जीएनएम के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर इसका असर देखने को मिल रहा है. वहीं, गुरुवार और शनिवार को टीका दिवस होने के बाद भी स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका नजर आया, जिससे केंद्रों पर आए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

वहीं, धरने पर बैठी एएनएम और जीएनएम कर्मी अनिता कुमारी ने बताया कि पिछले 7 दिनों से वह धरने पर हैं, लेकिन कोई उनकी सुध लेने वाला नहीं है. सुरक्षा की लिहाज से भी सरकार कि ओर से पर्याप्त सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं कराए गए हैं. जिस वजह से बच्चों को भी धरना स्थल पर लाना पड़ रहा है. जिससे बच्चों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

धरने पर बैठे एएनएम और जीएनएम कर्मियों का कहना है कि सरकार उनकी बातों को गंभीरता से नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि जब तक नियुक्ति के लिए अधियाचना जेएसएससी को नहीं भेजी जाएगी और विज्ञापन नहीं निकाला जाएगा तब तक उनका विरोध जारी रहेगा. फिलहाल स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद एएनएम और जीएनएम कर्मियों ने 1 जुलाई को अपने संगठन की बैठक रखी है. उसके बाद ही धरना को समाप्त करने का निर्णय लिया जा सकेगा.

Intro:राज्य के लगभग 5 हजार एएनएम/जीएनएम अनुबंध कर्मियों का सातवें दिन भी हड़ताल जारी रहा। इसको लेकर सैकड़ो एएनएम/जीएनएम राजभवन के समक्ष धरना पर बैठी रही। पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री से वार्तालाप होने के बावजूद भी धरने पर बैठी एएनएम जीएनएम ने धरना वापस नहीं लिया।
स्वास्थ्य मंत्री से मिले आश्वासन के बाद एएनएम/जीएनएम ने 1 जुलाई को अपने संगठन के पदाधिकारी और अधिकारियों की बैठक बुलाई है,उसके बाद ही धरना समाप्त करने पर निर्णय लिया जाएगा, फिलहाल धरना जारी रहेगा।Body:धरने में शामिल सैकड़ो एएनएम/जीएनएम अनुबंध कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में राज्य सरकार और स्वास्थ्य महकमे खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

एएनएम/जीएनएम के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर इसका असर देखने को मिल रहा है ।वहीं गुरुवार और शनिवार को टीका डे के अवसर पर स्वास्थ्य केंद्र ताला लटका हुआ नजर आया, जिससे केंद्रों पर आए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

वहीं धरने पर बैठी एएनएम/जीएनएम कर्मी अनिता कुमारी ने बताया कि पिछले 7 दिनों से हम धरने पर बैठे हैं, लेकिन हमारी कोई सुध लेने वाला नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से भी सरकार द्वारा हमें पर्याप्त सुरक्षाकर्मी नहीं मौजूद कराए गए हैं वहीं अब हमें बच्चों को भी धरना स्थल पर लाना पड़ रहा है जिससे बच्चों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

Conclusion:धरने पर बैठे एएनएम/जीएनएम कर्मियों का कहना है कि सरकार हमारी बातों को गंभीरता से नहीं ले रही है। जब तक नियुक्ति के लिए हमारी अधियाचना जेएसएससी को नहीं भेजी जाएगी एवं विज्ञापन नहीं निकाला जाएगा तब तक हम लोगों का विरोध जारी रहेगा।

फिलहाल स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद एएनएम/जीएनएम कर्मियों ने 1 जुलाई को अपने संगठन की बैठक रखी है, उसके बाद ही धरना को समाप्त करने का निर्णय लिया जाएगा।

बाइट- रामचंद्र चंद्रवंशी, स्वास्थ्य मंत्री, झारखंड सरकार
बाइट- मीरा कुमारी, प्रदेश अध्यक्ष, एएनएम जीएनएम संगठन
बाइट-अनीता देवी, धरने पर बैठी एएनएम/जीएनएम कर्मी
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