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नारकोटिक्स के लिए हर जिले में खुलेगा अलग मालखाना, गृह मंत्रालय का निर्देश - Jharkhand news

नारकोटिक्स विभाग के लिए अब झारखंड के हर जिले में अलग मालखाना खुलेगा (Separate malkhana will open for narcotics). गृह मंत्रालय ने इसे लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं. अब विभाग को जब्त किए गए नशीले पदार्थों को रखने में किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.

Separate malkhana will open for narcotics
Separate malkhana will open for narcotics
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Published : Dec 11, 2022, 10:17 PM IST

रांची: झारखंड के हर जिले में अब नारकोटिक्स से जुड़े मामलों में जब्त किए गए सामान को रखने के लिए अलग से मालखाना बनेगा(Separate malkhana will open for narcotics). मामले को लेकर गृह मंत्रालय के द्वारा निर्देश जारी किए गए है. जिसके बाद अब झारखंड में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का भी अपना मालखाना होगा.

ये भी पढ़ें: सस्ते नशे की चपेट में युवा, जमकर हो रहा टैबलेट, सिरप और इंजेक्शन का इस्तेमाल



मालखाने की जरूरत: झारखंड में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जाती है. इसके अलावा ब्राउन शुगर, स्मैक और नशीली दवाओं का जमकर प्रयोग होता है. ऐसे में झारखंड में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का योगदान बेहद अहम है. यही वजह है कि राजधानी रांची में अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का ऑफिस भी खुल गया है, लेकिन झारखंड के किसी भी जिले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का अपना मालखाना नहीं है. इस वजह से ब्यूरो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अब झारखंड के हर जिलों में माल खाना खोलने की कवायद शुरू कर दी गई है.

हर जिले में होगा मालखाना: झारखंड के प्रत्येक जिले में नारकोटिक्स से जुड़े केस की जब्ती के सामान को रखने के लिए अलग से मालखाना बनेगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनसीबी के अधिकारियों के साथ राज्य पुलिस के अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई. इसके बाद राज्य पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि नशे से जुड़े कारोबार व उन मामलों में जब्त सामानों को रखने के लिए अलग से मालखाना बनाया जाए. इसके बाद राज्य सीआईडी ने इस संबंध में सभी जिलों के डीसी को निर्देश दिया है कि वह नारकोटिक्स से जुड़े कांडों के प्रदर्शों को रखने के लिए एक मालखाना बनाएं. जिले में जिस किसी भी थाने में नशे का सामान जब्त हो, उसे इसी मालखाने में रखा जाए.

रांची: झारखंड के हर जिले में अब नारकोटिक्स से जुड़े मामलों में जब्त किए गए सामान को रखने के लिए अलग से मालखाना बनेगा(Separate malkhana will open for narcotics). मामले को लेकर गृह मंत्रालय के द्वारा निर्देश जारी किए गए है. जिसके बाद अब झारखंड में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का भी अपना मालखाना होगा.

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मालखाने की जरूरत: झारखंड में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जाती है. इसके अलावा ब्राउन शुगर, स्मैक और नशीली दवाओं का जमकर प्रयोग होता है. ऐसे में झारखंड में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का योगदान बेहद अहम है. यही वजह है कि राजधानी रांची में अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का ऑफिस भी खुल गया है, लेकिन झारखंड के किसी भी जिले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का अपना मालखाना नहीं है. इस वजह से ब्यूरो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अब झारखंड के हर जिलों में माल खाना खोलने की कवायद शुरू कर दी गई है.

हर जिले में होगा मालखाना: झारखंड के प्रत्येक जिले में नारकोटिक्स से जुड़े केस की जब्ती के सामान को रखने के लिए अलग से मालखाना बनेगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनसीबी के अधिकारियों के साथ राज्य पुलिस के अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई. इसके बाद राज्य पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि नशे से जुड़े कारोबार व उन मामलों में जब्त सामानों को रखने के लिए अलग से मालखाना बनाया जाए. इसके बाद राज्य सीआईडी ने इस संबंध में सभी जिलों के डीसी को निर्देश दिया है कि वह नारकोटिक्स से जुड़े कांडों के प्रदर्शों को रखने के लिए एक मालखाना बनाएं. जिले में जिस किसी भी थाने में नशे का सामान जब्त हो, उसे इसी मालखाने में रखा जाए.

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