ETV Bharat / state

पूरे देश में पान मसाला, गुटखा, सुगन्धित तम्बाकू उत्पादों पर बैन जरूरी, सीड्स ने पीएम को लिखा पत्र, बताई वजह - झारखंड खबर

तंबाकू नियंत्रण के मुद्दे पर अभियान चलाने वाली संस्था सोसिओ इकनोमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश में पान मसाला, गुटखा और चबाने वाले सुगन्धित तम्बाकू उत्पाद बनाने वाले उद्योगों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाये जाने की मांग की है.

Demand to ban pan masala in the country
Demand to ban pan masala in the country
author img

By

Published : Feb 5, 2022, 7:27 PM IST

रांची: देश में पान मसाला का सेवन अब फैशन का रूप लेने लगा है. कई बड़े स्टार सुगंधित तम्बाकू बताकर इसका प्रचार कर रहे हैं. लेकिन, यह कितना घातक साबित हो रहा है, इसको समझने की जरूरत है. तम्बाकू उपयोग के कारण हर साल विश्व स्तर पर लगभग 80 लाख लोगों और भारत में 13.5 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु होती है. ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे रिपोर्ट 2017 (GATS 2) के अनुसार भारत में लगभग 27 करोड़ लोग तंबाकू का उपयोग कर रहे हैं, जिनमें से 20 करोड़ सुगन्धित तम्बाकू, गुटखा और पान मसाला सहित चबाने वाले तंबाकू (SLT) उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं. तम्बाकू सेवन देश की उत्पादकता और अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ी चुनौती है. कैंसर विषेशज्ञों के मुताबिक लगभग 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर तम्बाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों में होता है.

ये भी पढ़ें- सावधान! कोरोना काल में गुटखा खाकर खुले में थूकना सब के लिए घातक

तंबाकू नियंत्रण के मुद्दे पर झारखंड में पिछले एक दशक से अभियान चलाने वाली संस्था सोसिओ इकनोमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश के भविष्य खासतौर पर युवाओं और अवयस्कों की चिंता करते हुए पूरे देश में पान मसाला, गुटखा और चबाने वाले सुगन्धित तम्बाकू उत्पाद बनाने वाले उद्योगों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाये जाने की मांग की है.

दीपक मिश्रा ने बताया कि पान मसाला उद्योग भोले-भाले उपभोक्ताओं खासतौर पर युवाओं और अवयस्कों को लुभाने के लिए सिनेमा जगत के सितारों के माध्यम से व्यापक रूप से अपने उत्पाद की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए विज्ञापन कर रहे हैं. ऐसे भ्रामक विज्ञापनों पर अविलंब प्रतिबन्ध लगाने की आवश्यकता है. उन्होंने उन्होंने पत्र में जिक्र किया है कि पिछले वर्षों में झारखंड और बिहार सरकार ने पान मसाला के विभिन्न ब्राण्डों के नमूनों की जांच करवाई थी, जिसमें मैग्नीशियम कार्बोनेट और निकोटिन की मात्रा पाई गई थी. यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक रसायन है. दोनों राज्य सरकारों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर उक्त पान मसाला ब्राण्डों को प्रतिबंधित करने का आग्रह करते हुए अपने प्रदेश में इसे प्रतिबंधित कर दिया था.

08 फरवरी, 2021 को संसद में पूछे गए प्रश्न पर वित्त मंत्री के उत्तर का हवाला देते हुए उन्होंने बताया है कि विभिन्न राज्यों में स्थित 100 करोड़ या उससे ज्यादा टैक्स की चोरी के मामले में करीब 20 कम्पनियां तंबाकू उद्योग के कारोबार से जुड़ी हुई थी. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के कानपुर और कन्नौज में DGGI की छापामारी में पान मसाला व अन्य तंबाकू उत्पादों के व्यापारियों के पास से मिले बेहिसाब अरबों रूपये की बरामदगी इस बात का सुबूत है.

रांची: देश में पान मसाला का सेवन अब फैशन का रूप लेने लगा है. कई बड़े स्टार सुगंधित तम्बाकू बताकर इसका प्रचार कर रहे हैं. लेकिन, यह कितना घातक साबित हो रहा है, इसको समझने की जरूरत है. तम्बाकू उपयोग के कारण हर साल विश्व स्तर पर लगभग 80 लाख लोगों और भारत में 13.5 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु होती है. ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे रिपोर्ट 2017 (GATS 2) के अनुसार भारत में लगभग 27 करोड़ लोग तंबाकू का उपयोग कर रहे हैं, जिनमें से 20 करोड़ सुगन्धित तम्बाकू, गुटखा और पान मसाला सहित चबाने वाले तंबाकू (SLT) उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं. तम्बाकू सेवन देश की उत्पादकता और अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ी चुनौती है. कैंसर विषेशज्ञों के मुताबिक लगभग 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर तम्बाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों में होता है.

ये भी पढ़ें- सावधान! कोरोना काल में गुटखा खाकर खुले में थूकना सब के लिए घातक

तंबाकू नियंत्रण के मुद्दे पर झारखंड में पिछले एक दशक से अभियान चलाने वाली संस्था सोसिओ इकनोमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश के भविष्य खासतौर पर युवाओं और अवयस्कों की चिंता करते हुए पूरे देश में पान मसाला, गुटखा और चबाने वाले सुगन्धित तम्बाकू उत्पाद बनाने वाले उद्योगों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाये जाने की मांग की है.

दीपक मिश्रा ने बताया कि पान मसाला उद्योग भोले-भाले उपभोक्ताओं खासतौर पर युवाओं और अवयस्कों को लुभाने के लिए सिनेमा जगत के सितारों के माध्यम से व्यापक रूप से अपने उत्पाद की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए विज्ञापन कर रहे हैं. ऐसे भ्रामक विज्ञापनों पर अविलंब प्रतिबन्ध लगाने की आवश्यकता है. उन्होंने उन्होंने पत्र में जिक्र किया है कि पिछले वर्षों में झारखंड और बिहार सरकार ने पान मसाला के विभिन्न ब्राण्डों के नमूनों की जांच करवाई थी, जिसमें मैग्नीशियम कार्बोनेट और निकोटिन की मात्रा पाई गई थी. यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक रसायन है. दोनों राज्य सरकारों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर उक्त पान मसाला ब्राण्डों को प्रतिबंधित करने का आग्रह करते हुए अपने प्रदेश में इसे प्रतिबंधित कर दिया था.

08 फरवरी, 2021 को संसद में पूछे गए प्रश्न पर वित्त मंत्री के उत्तर का हवाला देते हुए उन्होंने बताया है कि विभिन्न राज्यों में स्थित 100 करोड़ या उससे ज्यादा टैक्स की चोरी के मामले में करीब 20 कम्पनियां तंबाकू उद्योग के कारोबार से जुड़ी हुई थी. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के कानपुर और कन्नौज में DGGI की छापामारी में पान मसाला व अन्य तंबाकू उत्पादों के व्यापारियों के पास से मिले बेहिसाब अरबों रूपये की बरामदगी इस बात का सुबूत है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.