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झारखंड में उद्योगपति क्यों नहीं करना चाहते हैं व्यापार, क्या आती है समस्या सुने व्यापारियों की राय - उद्योग सचिव पूजा सिंघल

रांची में उद्योग विभाग के अधिकारियों ने राज्य के उद्योगपतियों के साथ बैठक की, जिसमें व्यापार करने में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की गई. राज्य की उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने उद्योगपतियों को व्यापार करने में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर समाधान करने का आश्वासन दिया.

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बिजनेसमैन की बैठक
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Published : Mar 15, 2021, 3:45 PM IST

Updated : Mar 15, 2021, 9:22 PM IST

रांची: झारखंड उद्योग विभाग ने राज्य के सभी उद्योगपतियों के साथ बैठक की, जिसमें उद्योगपतियों से व्यापार में आने वाली समस्या पर चर्चा की गई. बैठक में राज्य की उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने बैठक में आए उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि राज्य में बिजनेसमैन को व्यापार करने में किसी तरह की समस्या नहीं होगी.

देखें पूरी खबर
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वहीं सम्मेलन में आए उद्योगपतियों ने बताया कि एमएसएमई से जुड़े व्यापारियों की संख्या सबसे अधिक है, ऐसे में जरूरी है कि व्यापारियों को बिजली, सुरक्षा, जमीन संबंधित जैसी बुनियादी सुविधाएं विशेष तरीके से मुहैया कराया जाए. बैठक में आए व्यापारियों ने कहा कि राज्य में नए उद्योग नीति को लागू किया जाए, साथ ही साथ कार्य करने में आने वाली छोटी-छोटी समस्याओं के निराकरण पर भी विचार किया जाए.

झारखंड में वृहद स्तर पर जमीन उपलब्ध नहीं: गुणवंत सिंह मोंगिया

सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे झारखंड के सबसे बड़े उद्योगपति मोंगिया स्टील कंपनी के मालिक गुणवंत सिंह मोंगिया ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि झारखंड में व्यापार करने वाले लोगों को सरकार के तरफ से मदद की जरूरत है, ताकि वह अच्छे तरह से बिजनेस कर सके. वहीं उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगपतियों के लिए सबसे बड़ी समस्या जमीन की समस्या है, क्योंकि झारखंड में वृहद स्तर पर जमीन उपलब्ध नहीं हो पाता है, जिसके कारण बड़े-बड़े व्यापारी राज्य में निवेश करना नहीं चाहते.

उद्योगपति गुणवंत सिंह मोंगिया से खास बातचीत

इसे भी पढ़ें: झारखंड देश का 7वां राज्य, जहां प्राइवेट कंपनियों में 75% नौकरियां स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित


व्यापारियों के लिए लॉ एंड ऑर्डर बड़ी समस्या
गुणवंत सिंह मोंगिया ने कहा कि व्यापारियों के लिए लॉ एंड ऑर्डर भी एक बड़ी समस्या है, सरकार को व्यापारियों के लिए सुरक्षा मुहैया कराना पड़ेगा, तभी व्यापारी निर्भीक होकर व्यापार कर सकते हैं.

बंद पड़े उद्योगों की संख्या 600 से ज्यादा

सम्मेलन में उद्योग विभाग ने आश्वस्त किया कि इस वर्ष में बंद पड़े उद्योगों को खोलना सरकार की पहली प्राथमिकता रहेगी विभाग इस दिशा में काम कर रहा है, मुख्यमंत्री की ओर से विभाग को निर्देश दिया गया है कि बंद पड़े उद्योगों की संख्या 600 से ज्यादा है, जिससे विभाग चिन्हित कर फिर से खोलने के लिए काम कर रहा है. सम्मेलन में आए राज्य के बड़े उद्योगपतियों विष्णु अग्रवाल ने सम्मेलन में शामिल होने के बाद उद्योग विभाग से अपील किया कि उद्योगपतियों को मिलने वाले ट्रेड लाइसेंस में आने वाली समस्या को समाप्त करें. उन्होंने सम्मेलन में सुझाव देते हुए कहा कि सरकार शुरुआत के कुछ दिनों तक सभी टैक्स को मुक्त कर दें, ताकि व्यापारियों को थोड़ी राहत मिल सके. वहीं फिनाइल व्यापारी कुंदन उपाध्याय बताते हैं कि झारखंड में ज्यादातर एमएसएमई कंपनियां कार्यरत हैं, इसीलिए जरूरी है कि सरकार राज्य के छोटे उद्योगपतियों का ज्यादा से ज्यादा मदद करें, ताकि माइक्रो और स्मॉल सेक्टर के व्यापारी भी राज्य में व्यापार कर सकें.

उद्योग विभाग के अधिकारियों की उद्योगपतियों के साथ बैठक

इसे भी पढ़ें: बजट के 10वें दिन विपक्ष ने जमकर किया हंगामा, गिनाईं हेमंत सरकार की कमियां

व्यापारियों को नहीं मिल रहा बाजार
राज्य में टेक्सटाइल का व्यापार कर रहे युवा व्यापारी रमजान अंसारी बताते हैं कि सरकार की तरफ से रोजगार शुरू करने के लिए संसाधन तो मुहैया करा दिया गया, लेकिन व्यापारियों को बाजार सरकार की तरफ से नहीं दिया जा रहा है, जिस वजह से हम नए और युवा व्यापारियों को व्यापार में लाभ नहीं हो पाता है, इसलिए जरूरी है कि सरकार हमें बेहतर बाजार दें, ताकि हम अपने व्यापार को बढ़ा सकें. जमशेदपुर के बड़े उद्योगपति अशोक चौधरी बताते हैं कि इस सम्मेलन में नई उद्योग नीति को लाने के लिए राज्य के सभी उद्योगपतियों ने अपना सुझाव दिया है और हम उम्मीद करते हैं कि राज्य में ऐसी इंडस्ट्रियल पॉलिसी लाई जाएगी कि बाहर के भी उद्योगपति झारखंड में निवेश करने के लिए इच्छुक होंगे.

रांची: झारखंड उद्योग विभाग ने राज्य के सभी उद्योगपतियों के साथ बैठक की, जिसमें उद्योगपतियों से व्यापार में आने वाली समस्या पर चर्चा की गई. बैठक में राज्य की उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने बैठक में आए उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि राज्य में बिजनेसमैन को व्यापार करने में किसी तरह की समस्या नहीं होगी.

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वहीं सम्मेलन में आए उद्योगपतियों ने बताया कि एमएसएमई से जुड़े व्यापारियों की संख्या सबसे अधिक है, ऐसे में जरूरी है कि व्यापारियों को बिजली, सुरक्षा, जमीन संबंधित जैसी बुनियादी सुविधाएं विशेष तरीके से मुहैया कराया जाए. बैठक में आए व्यापारियों ने कहा कि राज्य में नए उद्योग नीति को लागू किया जाए, साथ ही साथ कार्य करने में आने वाली छोटी-छोटी समस्याओं के निराकरण पर भी विचार किया जाए.

झारखंड में वृहद स्तर पर जमीन उपलब्ध नहीं: गुणवंत सिंह मोंगिया

सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे झारखंड के सबसे बड़े उद्योगपति मोंगिया स्टील कंपनी के मालिक गुणवंत सिंह मोंगिया ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि झारखंड में व्यापार करने वाले लोगों को सरकार के तरफ से मदद की जरूरत है, ताकि वह अच्छे तरह से बिजनेस कर सके. वहीं उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगपतियों के लिए सबसे बड़ी समस्या जमीन की समस्या है, क्योंकि झारखंड में वृहद स्तर पर जमीन उपलब्ध नहीं हो पाता है, जिसके कारण बड़े-बड़े व्यापारी राज्य में निवेश करना नहीं चाहते.

उद्योगपति गुणवंत सिंह मोंगिया से खास बातचीत

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व्यापारियों के लिए लॉ एंड ऑर्डर बड़ी समस्या
गुणवंत सिंह मोंगिया ने कहा कि व्यापारियों के लिए लॉ एंड ऑर्डर भी एक बड़ी समस्या है, सरकार को व्यापारियों के लिए सुरक्षा मुहैया कराना पड़ेगा, तभी व्यापारी निर्भीक होकर व्यापार कर सकते हैं.

बंद पड़े उद्योगों की संख्या 600 से ज्यादा

सम्मेलन में उद्योग विभाग ने आश्वस्त किया कि इस वर्ष में बंद पड़े उद्योगों को खोलना सरकार की पहली प्राथमिकता रहेगी विभाग इस दिशा में काम कर रहा है, मुख्यमंत्री की ओर से विभाग को निर्देश दिया गया है कि बंद पड़े उद्योगों की संख्या 600 से ज्यादा है, जिससे विभाग चिन्हित कर फिर से खोलने के लिए काम कर रहा है. सम्मेलन में आए राज्य के बड़े उद्योगपतियों विष्णु अग्रवाल ने सम्मेलन में शामिल होने के बाद उद्योग विभाग से अपील किया कि उद्योगपतियों को मिलने वाले ट्रेड लाइसेंस में आने वाली समस्या को समाप्त करें. उन्होंने सम्मेलन में सुझाव देते हुए कहा कि सरकार शुरुआत के कुछ दिनों तक सभी टैक्स को मुक्त कर दें, ताकि व्यापारियों को थोड़ी राहत मिल सके. वहीं फिनाइल व्यापारी कुंदन उपाध्याय बताते हैं कि झारखंड में ज्यादातर एमएसएमई कंपनियां कार्यरत हैं, इसीलिए जरूरी है कि सरकार राज्य के छोटे उद्योगपतियों का ज्यादा से ज्यादा मदद करें, ताकि माइक्रो और स्मॉल सेक्टर के व्यापारी भी राज्य में व्यापार कर सकें.

उद्योग विभाग के अधिकारियों की उद्योगपतियों के साथ बैठक

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व्यापारियों को नहीं मिल रहा बाजार
राज्य में टेक्सटाइल का व्यापार कर रहे युवा व्यापारी रमजान अंसारी बताते हैं कि सरकार की तरफ से रोजगार शुरू करने के लिए संसाधन तो मुहैया करा दिया गया, लेकिन व्यापारियों को बाजार सरकार की तरफ से नहीं दिया जा रहा है, जिस वजह से हम नए और युवा व्यापारियों को व्यापार में लाभ नहीं हो पाता है, इसलिए जरूरी है कि सरकार हमें बेहतर बाजार दें, ताकि हम अपने व्यापार को बढ़ा सकें. जमशेदपुर के बड़े उद्योगपति अशोक चौधरी बताते हैं कि इस सम्मेलन में नई उद्योग नीति को लाने के लिए राज्य के सभी उद्योगपतियों ने अपना सुझाव दिया है और हम उम्मीद करते हैं कि राज्य में ऐसी इंडस्ट्रियल पॉलिसी लाई जाएगी कि बाहर के भी उद्योगपति झारखंड में निवेश करने के लिए इच्छुक होंगे.

Last Updated : Mar 15, 2021, 9:22 PM IST
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