रांची: झारखंड में कोरोना महामारी के बीच दुर्गा पूजा आयोजन के लिए गाइडलाइन जारी कर दिए गए हैं. गाइडलाइन के अनुसार इस बार दुर्गा पूजा के लिए 4 फीट से ज्यादा उंची प्रतिमा पर रोक लगा दी गई है, जिसके बाद से रांची के मूर्तिकार पेरशान हैं. मूर्तिकारों को इससे काफी नुकसान होगा.
मूर्तिकारों की बढ़ी परेशानी
रांची में मूर्तियां बनाकर आजीविका चलाने वाले रामपाल बताते हैं कि कोरोना महामारी के कारण रामनवमी के बाद से किसी भी आयोजन के लिए ज्यादा मूर्ति के ऑर्डर नहीं मिल रहा था, दुर्गा पूजा में भी अधिक उम्मीद नहीं थी, अब दुर्गा पूजा के लिए 4 फीट की छोटी मूर्तियां बनाने का ऑर्डर है, इसके पैसे भी कम मिल रहे हैं. रामपाल के एक सहायक मूर्तिकार ने बताया कि रांची में दूर्गा पूजा के लिए बड़ी मूर्तियों का ऑर्डर मिला था. लेकिन सरकार की गाइडलाइन के बाद अब ऑर्डर कैंसिल कर दिया गया है, अब सिर्फ छोटी मूर्तियों के ऑर्डर हैं, हम मूतिर्यों के लिए लगभग 15 कारीगर काम करते थे, अब सिर्फ 4 कारीगर ही काम कर रहे हैं.
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कोरोना संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए झारखंड सरकार ने गाइडलाइन जारी किए हैं. इसके मुताबिक पूजा अनुष्ठान में 7 लोग ही शामिल हो सकते हैं. आयोजन स्थल में लाउडस्पीकर और लाइट की अनुमति नहीं होगी, साथ ही लोगों के बीच भोग बांटने की भी अनुमति नहीं है, भजन-कीर्तन पर भी रोक है. अब पूजा आयोजन समिति के लोग कई तर्कों के साथ सरकार से गाइडलाइन पर पुर्नविचार करने की अपील कर रहे हैं. हर साल दुर्गा पूर्जा भव्य तरीके से आयोजित की जाती है. बड़ी मूर्तियां और जगमग लाइटिंग देखने के लिए दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों से भी लोग राजधानी रांची आते हैं, पर सरकार की गाइडलाइन के अनुसार अब पहले जैसा पूजा का आयोजन संभव नहीं होगा.
कोरोना काल में इस साल पूजा आयोजकों के साथ-साथ मूर्तिकारों के लिए भी काफी परेशानी भरा है. दुर्गोत्सव के दौरान राजधानी रांची में भव्य पूजा पंडालों का निर्माण होता था. हर साल दूर-दराज से लोग कोलकाता की तर्ज पर राजधानी रांची में बने पंडालों को देखने पहुंचते थे, इस साल कोरोना महामारी ने तमाम चीजों पर विराम लगा दिया है.