रांची: राज्य के पूर्व मंत्री व दिग्गज नेता सरयू राय फिर से एक बार चर्चा का केन्द्र बने हुए हैं, क्योंकि सरयू राय ने हेमंत सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट में जाने की बात कही है. इसको लेकर विधायक सरयू राय ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा कि राज्य सरकार विशेष अधिकारियों को अपने हिसाब से पद दे रही है जिसमें किसी भी मानकों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है.
![Saryu Rai opposed the appointment of two posts of the same officer](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-ran-02-saryuonpkverma-av-7203712_25062020004924_2506f_1593026364_767.jpg)
सरयू राय ने कहा कि राज्य सरकार एक ही अधिकारी को प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष भी बना रही हैं जो कि राज्य सरकार का बिल्कुल ही गलत निर्णय है.
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन का यह निर्णय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन करता है.
विधायक सरयू राय ने ट्वीट के माध्यम से सरकार को कहा कि अगर सरकार पीके वर्मा को पीसीसीएफ और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर नियुक्त करती है तो निश्चित रूप से दोनों ही पदों पर एक ही व्यक्ति का होना गलत निर्णय है.
विधायक सरयू राय ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य सरकार के इस निर्णय के खिलाफ राज्य का कोई भी पर्यावरण प्रेमी सर्वोच्च न्यायालय के एमबी लोकुर और दीपक गुप्ता सहित कई मामलों में एनजीटी के फैसले के अनुसार इसके विरुद्ध हाई कोर्ट जा सकता है.
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राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए पीके वर्मा को राज्य का प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव और प्रदूषण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है, जिसको लेकर सरयू राय ने अपना विरोध जताया है लेकिन राज्य सरकार ने सरयू राय के इस विरोध को नजरअंदाज करते हुए राज्य की वन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए और अधिकारी पीके वर्मा की योग्यता को देखते हुए राज्य सरकार ने अपने इस निर्णय पर मुहर लगा दी है.