रांची: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से मुलाकात के 24 घण्टे के अंदर ही राज्य के खाद्य आपूर्ति एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री सरयू राय ने उन्हें पत्र लिखकर मुलाकात के दौरान हुई बात की याद दिलाई है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के प्रावधानों के मुताबिक 2011 की जनसंख्या के आधार पर झारखण्ड में अधिकतम 2,64,43,330 लोगों को राशन दिया जा सकता है.
![Saru Rai wrote letter to Ram Vilas Paswan](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/3697581_mantree.jpg)
भारत सरकार के विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिये 1.64 प्रतिशत वार्षिक वृद्वि के आधार पर जनसंख्या का आकलन किया जा रहा है. इस हिसाब से वर्तमान समय में जनसंख्या वृद्वि की दर 16.40 प्रतिशत के आस-पास है. इस वृद्वि दर के परिप्रेक्ष्य मे वर्ष 2019 में झारखण्ड राज्य की जनसंख्या बढ़कर करीब 3,78,57,182 हो गई है.
राज्य में प्रति परिवार करीब 5 व्यक्ति की औसत संख्या के मुताबिक 9,73,810 परिवार 2011 की जनसंख्या की तुलना में बढ़ गये हैं. बढ़ी हुई जनसंख्या के कारण सम्प्रति झारखण्ड के विभिन्न जिलों को मिलाकर कुल 8,45,984 राशन कार्ड का आवेदन लंबित है. यदि वर्ष 2019 की जनसंख्या को आधार स्वीकार कर लिया जाय तो इन सभी परिवारों को राशनकार्ड निर्गत किया जा सकता है. इस आधार पर राशन कार्ड की संख्या में बढ़ोतरी करना उचित प्रतीत हो रहा है. यदि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के मानक (ग्रामीण क्षेत्र में 86.4 प्रतिशत एवं शहरी क्षेत्र में 60.2 प्रतिशत) के अनुसार वर्तमान जनसंख्या को राशन देने या इसके अनुसार राशन कार्ड बनाने की व्यवस्था हो तो सभी पात्र लाभुकों को राशन कार्ड मुहैया कराया जा सकता है.
सरयू राय ने पत्र के जरिये रामविलास पासवान से कहा है कि वर्ष 2019 जनसंख्या को राशन देने का आधार निर्धारित किया जाय, जिससे लाभुकों को मिलने वाले चावल और गेहूं की मात्रा (कोटा) में राज्यवार वृद्वि करने का निर्णय लिया जाय. यह झारखण्ड सहित देश के सभी राज्यों पर समान रूप से प्रभावी होगा।