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रसोइया-संयोजिका संघ का सरकार को अल्टीमेटम, स्थायी करें नहीं तो होगा आंदोलन - ranchi news

रांची के मोरहाबादी मैदान में रसोइया-संयोजिका संघ ने अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर धरना दे रहा है. उन्होंने कहा कि संयोजिकाओं से शुरू से ही मुफ्त में काम लिया जा रहा है. साथ ही मुख्यमंत्री आवास घेराव करने की रणनीति भी तैयार की है.

sanyojika union performed protest
रसोइया-संयोजिका संघ ने दिया धरना
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Published : Feb 23, 2021, 1:27 PM IST

रांची: पारा शिक्षकों के बाद राज्यभर के रसोइया और संयोजिका भी स्थायीकरण की मांग राज्य सरकार से की है. इसी कड़ी में मंगलवार को अपनी 15 सूत्री मांगों के समर्थन में रसोइया और संयोजिका संघ की ओर से राजधानी के मोरहाबादी मैदान में धरना दिया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री आवास घेराव करने की रणनीति भी तैयार की गई.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- बगोदर विधायक रसोइया संघ के सम्मेलन में हुए शामिल, कहा-बजट सत्र में उठाएंगे मांगें

रसोइया और संयोजिकाओं का कहना है कि वर्ष 2004 से राज्य के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि 42 रुपये रोज दिया जा रहा है. संयोजिकाओं से शुरू से ही मुफ्त में काम लिया जा रहा है. इन्हें रसोइया की तर्ज पर मानदेय सरकार द्वारा किया जाए. साथ ही रसोइया और संयोजिका को स्थाई करते हुए न्यूनतम वेतन लागू किया जाए.

sanyojika union performed protest
रसोइया-संयोजिका संघ ने दिया धरना


ये है मांग
इस दौरान राज्यभर से हटाये गए रसोइया और संयोजिका को वापस रखने की मांग भी की गई है. संयोजिकाओं को भी रसोइया की तरह मानदेय क्यों नहीं दिया जा रहा है इसे लेकर सवाल भी खड़ा किया गया है. सभी रसोइया और संयोजिका को केरल के तर्ज पर प्रतिदिन 400 रुपये मजदूरी लागू किया जाए. वर्षों से काम कर रही रसोइया और संयोजिका को नियुक्ति पत्र जारी किया जाए. ऐसे ही 15 सूत्री मांगों को लेकर एक बार फिर इन्होंने आंदोलन की शुरुआत की है. अगर मांगें विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सत्तापक्ष की ओर से नहीं उठाई गई तो सत्र के दौरान ही रसोइया और संयोजिका आंदोलन करने को विवश होंगे.

रांची: पारा शिक्षकों के बाद राज्यभर के रसोइया और संयोजिका भी स्थायीकरण की मांग राज्य सरकार से की है. इसी कड़ी में मंगलवार को अपनी 15 सूत्री मांगों के समर्थन में रसोइया और संयोजिका संघ की ओर से राजधानी के मोरहाबादी मैदान में धरना दिया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री आवास घेराव करने की रणनीति भी तैयार की गई.

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रसोइया और संयोजिकाओं का कहना है कि वर्ष 2004 से राज्य के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि 42 रुपये रोज दिया जा रहा है. संयोजिकाओं से शुरू से ही मुफ्त में काम लिया जा रहा है. इन्हें रसोइया की तर्ज पर मानदेय सरकार द्वारा किया जाए. साथ ही रसोइया और संयोजिका को स्थाई करते हुए न्यूनतम वेतन लागू किया जाए.

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रसोइया-संयोजिका संघ ने दिया धरना


ये है मांग
इस दौरान राज्यभर से हटाये गए रसोइया और संयोजिका को वापस रखने की मांग भी की गई है. संयोजिकाओं को भी रसोइया की तरह मानदेय क्यों नहीं दिया जा रहा है इसे लेकर सवाल भी खड़ा किया गया है. सभी रसोइया और संयोजिका को केरल के तर्ज पर प्रतिदिन 400 रुपये मजदूरी लागू किया जाए. वर्षों से काम कर रही रसोइया और संयोजिका को नियुक्ति पत्र जारी किया जाए. ऐसे ही 15 सूत्री मांगों को लेकर एक बार फिर इन्होंने आंदोलन की शुरुआत की है. अगर मांगें विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सत्तापक्ष की ओर से नहीं उठाई गई तो सत्र के दौरान ही रसोइया और संयोजिका आंदोलन करने को विवश होंगे.

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