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रांचीः जान जोखिम में डालकर सैनिटाइजेशन कर रहे सफाईकर्मी, हिंदपीढ़ी के अलावा अन्य वार्डों में मेडिकल गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन

राजधानी रांची में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. खासकर हिंदपीढ़ी इलाके में इसके मरीज मिलने से प्रशासन में हड़कंप है. इस वार्ड में विशेष ध्यान दिया जा रहा है लेकिन अन्य वार्डों में मानकों के विपरीत सैनिटाइजेशन काम हो रहा है.

जान जोखिम में डालकर सैनिटाइजेशन कर रहे सफाईकर्मी
जान जोखिम में डालकर सैनिटाइजेशन कर रहे सफाईकर्मी
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Published : Apr 18, 2020, 2:07 PM IST

रांचीः राजधानी रांची में कोरोना का खौफ बढ़ रहा है. नागरिकों में भारी दहशत है. खासकर रांची की हिंदपीढ़ी इलाका काफी सुर्खियों में है. कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बना हिंदपीढ़ी इलाके में विशेष कदम उठाए जा रहे हैं. नगर निगम और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास के बाद विशेष सुरक्षा और संक्रमण से बचाव के सभी उपायों को पूरा करते हुए पीपीई किट से लैस होकर सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है, लेकिन शहर के अन्य वार्डों में मेडिकल गाइडलाइन को दरकिनार कर सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है, जो कोरोना संक्रमण के फैलाव के लिए घातक साबित हो सकता है.

जान जोखिम में डालकर सैनिटाइजेशन कर रहे सफाईकर्मी.

दरअसल हिंदपीढ़ी क्षेत्र में ही मेडिकल गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करते हुए सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है लेकिन सीमित संसाधनों की वजह से निगम के सफाई कर्मियों द्वारा अन्य वार्डों में इस गाइड लाइन को पूरा नहीं किया जा पा रहा है.

मजबूरन सफाईकर्मी बिना पीपीई किट के अन्य वार्डों में काम कर रहे हैं. ऐसे में एक वार्ड से दूसरे वार्ड में सैनिटाइजेशन का काम करने जा रहे सफाई कर्मियों को तो खतरा बना हुआ है. साथ ही कोरोना संक्रमण के फैलने का भी खतरा बना हुआ है. हालांकि नगर निगम की ओर से लगातार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शहर में सैनिटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है.

लेकिन सीमित संसाधन की वजह से सैनिटाइजेशन का सही तरीके से काम नहीं हो पा रहा है. इसको लेकर निगम ने राज्य सरकार से 10 करोड़ की मांग की है. इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा जा चुका है, लेकिन अब तक सरकार की ओर से निगम को फंड मुहैया नहीं कराया गया है.

यह भी पढ़ेंः 3 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव महिला ने दिया था बच्चे को जन्म, सदर अस्पताल का प्रसूति विभाग हुआ सील

ऐसे में निगम जहां शहर को सैनिटाइज करने का प्रयास कर रही है तो वहीं निगम के 2,400 सफाईकर्मियों की जान भी सीमित संसाधन की वजह से खतरे में है. बिना जरूरी मेडिकल उपकरणों से लैस होकर जिस तरह वार्डों में सफाईकर्मी सैनिटाइजेशन का काम कर रहे हैं. वह भविष्य में घातक साबित हो सकता है.

ऐसे में मेयर आशा लकड़ा ने फंड न मिलने का हवाला देते हुए शहर के सैनिटाइजेशन में आ रही समस्याओं से अवगत कराया है. तो वहीं डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि निगम को सीधे फंड मुहैया कराए, ताकि इस संकट की घड़ी में निगम शहर को सैनिटाइज कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अपनी अहम भूमिका निभा सकें.

रांचीः राजधानी रांची में कोरोना का खौफ बढ़ रहा है. नागरिकों में भारी दहशत है. खासकर रांची की हिंदपीढ़ी इलाका काफी सुर्खियों में है. कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बना हिंदपीढ़ी इलाके में विशेष कदम उठाए जा रहे हैं. नगर निगम और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास के बाद विशेष सुरक्षा और संक्रमण से बचाव के सभी उपायों को पूरा करते हुए पीपीई किट से लैस होकर सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है, लेकिन शहर के अन्य वार्डों में मेडिकल गाइडलाइन को दरकिनार कर सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है, जो कोरोना संक्रमण के फैलाव के लिए घातक साबित हो सकता है.

जान जोखिम में डालकर सैनिटाइजेशन कर रहे सफाईकर्मी.

दरअसल हिंदपीढ़ी क्षेत्र में ही मेडिकल गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करते हुए सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है लेकिन सीमित संसाधनों की वजह से निगम के सफाई कर्मियों द्वारा अन्य वार्डों में इस गाइड लाइन को पूरा नहीं किया जा पा रहा है.

मजबूरन सफाईकर्मी बिना पीपीई किट के अन्य वार्डों में काम कर रहे हैं. ऐसे में एक वार्ड से दूसरे वार्ड में सैनिटाइजेशन का काम करने जा रहे सफाई कर्मियों को तो खतरा बना हुआ है. साथ ही कोरोना संक्रमण के फैलने का भी खतरा बना हुआ है. हालांकि नगर निगम की ओर से लगातार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शहर में सैनिटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है.

लेकिन सीमित संसाधन की वजह से सैनिटाइजेशन का सही तरीके से काम नहीं हो पा रहा है. इसको लेकर निगम ने राज्य सरकार से 10 करोड़ की मांग की है. इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा जा चुका है, लेकिन अब तक सरकार की ओर से निगम को फंड मुहैया नहीं कराया गया है.

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ऐसे में निगम जहां शहर को सैनिटाइज करने का प्रयास कर रही है तो वहीं निगम के 2,400 सफाईकर्मियों की जान भी सीमित संसाधन की वजह से खतरे में है. बिना जरूरी मेडिकल उपकरणों से लैस होकर जिस तरह वार्डों में सफाईकर्मी सैनिटाइजेशन का काम कर रहे हैं. वह भविष्य में घातक साबित हो सकता है.

ऐसे में मेयर आशा लकड़ा ने फंड न मिलने का हवाला देते हुए शहर के सैनिटाइजेशन में आ रही समस्याओं से अवगत कराया है. तो वहीं डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि निगम को सीधे फंड मुहैया कराए, ताकि इस संकट की घड़ी में निगम शहर को सैनिटाइज कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अपनी अहम भूमिका निभा सकें.

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