रांची: कहते हैं सिर्फ पढ़ लिखकर किसी पद पर पहुंच जाना उपलब्धि नहीं मानी जा सकती है. पढ़ने लिखने का असली मतलब तब होता है जब आपकी सोच से किसी की मदद हो सके. इसी सोच के साथ देश के प्रसिद्ध स्कूल कहे जाने वाले नेतरहाट स्कूल के पूर्व छात्रों ने महिलाओं में माहवारी की समस्या को देखते हुए एक मुहिम चलाया जो आज महिलाओं के लिए एक उम्मीद बन गयी है.
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ग्रामीण महिलाओं में माहवारी के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से नेतरहाट के पूर्व छात्रों की पहल पर सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन (Sanitary pad vending machine) का निर्माण किया. उसके बाद इस मशीन को ग्रामीण क्षेत्रों में लगाने का निर्णय लिया. इसी क्रम में नेतरहाट के पूर्व छात्रों का काफिला रांची के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचा. यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में इस मशीन लगाने की प्राथमिकता पूर्व छात्रों के द्वारा दी गयी.
नेतरहाट स्कूल के एसोसिएशन के सदस्य एके चौधरी बताते हैं कि नेतरहाट स्कूल से पास आउट छात्रों ने महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए उनके द्वारा सेनेटेरी पैड का वितरण करने वाली वेंडिंग मशीन बनाया है. जिसमें महज एक रुपया डालने से सेनेटेरी पैड निकलता है. उन्होंने बताया कि आज भी गांव की महिलाएं माहवारी के समय कपड़े का उपयोग करने के लिए मजबूर हैं और लोगों के सामने वह अपनी समस्या बताने में हिचकती हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में माहवारी को भ्रम के रूप में देखा जाता है. इस मुश्किल वक्त में महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार और समाज को अलग कर दिया जाता है जो कहीं से भी उचित नहीं है. महिलाओं की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए नेतरहाट के इस एसोसिएशन के द्वारा सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन का आविष्कार किया गया. विभिन्न एनजीओ और सामाजिक संगठन के लोगों की मदद से इसे राज्य के कई ग्रामीण क्षेत्रों में लगाया जा रहा है.
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उन्होंने बताया कि अभी तक पूरे राज्य के 50 जगहों पर यह मशीन लगाई गयी हैं, जिसमें महिलाएं मात्र एक रुपये में सेनेटरी पैड खरीद कर उपयोग कर सकती हैं. नेतरहाट के इस एसोसिएशन की इस पहल को समर्थन दे रहे निजी संस्था के संचालक निशांत यादव बताते हैं कि देश की आधी आबादी अगर स्वस्थ रहेगी तो हमारा देश आगे बढ़ेगा. इसीलिए नेतरहाट के पूर्व छात्रों की इस पहल को हम कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. इसी के मद्देनजर राजधानी के धुर्वा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में संस्था के लोगों के द्वारा महिलाओं के मदद करने के लिए मशीन लगाए जा रहे हैं. आने वाले समय में भी महिलाओं को जागरूक कर इस मशीन की उपयोगिता के बारे में बताया जाएगा.
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मशीन का उपयोग कर रही महिलाओं ने बताया कि इस मशीन के लगने से महिलाएं सेनेटरी पैड के प्रति जागरूक हो रही हैं. आज भी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं माहवारी को लेकर खुलकर बात नहीं कर पाती. लेकिन धुर्वा की ग्रामीण महिलाएं महामारी के समय अपने स्वास्थ्य को लेकर खुलकर बात कर पाएंगे. क्योंकि संस्था के लोग अब महिलाओं को जागरूक करने में लग गए हैं जो आने वाले समय में इस क्षेत्र की महिलाओं के भविष्य को बेहतर बनाएगा.