रांची/हजारीबागः झारखंड के नदी घाटों से चोरी छिपे बालू की अवैध ढुलाई करने वाले बालू चोर अब माफियाओं की तरह हरकत करने लगे हैं. हजारीबाग में 4 जनवरी को हुई घटना तो यही बता रही है. तथाकथित बालू माफियाओं ने रेड डालने गये मजिस्ट्रेट साहेब की न सिर्फ गले की चेन छीन ली बल्कि उंगली से सोने की अंगूठी भी निकाल ली.
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चौपारण के बीडीओ सह सीओ प्रेमचंद कुमार सिन्हा ने एफआईआर में खुद इस बात का जिक्र किया है. घटना 4 जनवरी की है. प्रेमचंद कुमार सिन्हा का कहना है कि वह एएसआई राजू महतो के साथ पुलिस टीम लेकर हजारीधमना के पास बालू घाट पर छापेमारी करने गये थे. उनको बालू लदे सात ट्रैक्टर भी नजर आए. उन्होंने फौरन कार्रवाई की और तीन ट्रैक्टर के चालक से चाबी निकलवा ली. लेकिन इसी बीच पेटादरी और धोबियाटांड के ग्रामीण आ धमके और मारपीट करने लगे. ट्रैक्टर से एक जवान को कुचलने की भी कोशिश की गयी. उन्होंने द्वारिका महतो, संजय यादव, बिक्की यादव, विनोद यादव, महेंद्र साव, रविंद्र राणा और इंद्रदेव यादव को नामजद आरोपी बनाया है. जब सीओ साहब से पूछा गया कि आपके उंगली से सोने की अंगूठी कैसे और किसने निकाली तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब वह कोर्ट में देंगे.
हजारीबाग एसपी मनोज रतन चोथे SP HAJARIBAG ने कहा कि इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में ले लिया गया है. अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. उन्होंने अंगूठी और चेन की छिनतई से जुड़े सवाल पर कहा कि जांच के बाद ही इसपर कुछ कहा जा सकता है. एसपी ने कहा कि मामले को हर पहलू की जांच की जा रही है.
खान विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दिकी ने कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए इस घटना की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से सभी जिलों के डीसी को स्पष्ट निर्देश है कि अवैध खनन मामले में कार्रवाई सुनिश्चित करनी है. उन्होंने कहा कि अवैध खनन और ढुलाई को रोकने की जिम्मेदारी डीसी की होती है. हजारीबाग की डीसी नैंसी सहाय से इस मसले पर प्रतिक्रिया लेने के लिए कई बार फोन किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई.
वहीं पारण के बीडीओ सह सीओ प्रेमचंद कुमार सिन्हा के साथ हुई घटना के बारे में पूछे जाने पर बरही से कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के किसी भी पदाधिकारी के साथ ऐसा दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए. उन्होंने घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
आपको बता दें कि झारखंड में बालू को लेकर खूब राजनीति होती है. सदन से लेकर सड़क तक बालू का उठता रहता है. पिछले दिनों सदन में विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष ने जब सवाल उठाया कि स्थानीय पुलिस वाले ट्रैक्टर लदे बालू को भी जब्त कर लेते हैं. गरीबों को पीएम आवास निर्माण कराना मुश्किल हो रहा है. तब सरकार ने सदन में घोषणा की थी कि बालू लदे ट्रैक्टर को पुलिस जब्त नहीं करेगी. अगर ऐसा होता है कि संबंधित थाना प्रभारी पर कार्रवाई होगी. लेकिन चौपारण सीओ के एफआईआर ने तो खौफ पैदा कर दी है.