रांची: प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने वैश्विक महामारी कोरोना के बीच राज्य में सरकार के घटक दल कांग्रेस के ऊपर कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है. बीजेपी सांसद और प्रदेश उपाध्यक्ष समीर उरांव ने शुक्रवार महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह के सरकारी कर्मियों के ऊपर दबाव बनाने का आरोप लगाया है.
समीर उरांव ने कहा कि इस राज्य में जनता का क्या होगा, जहां पुलिस प्रशासन के लोग ही भयभीत और आक्रांत हों. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में पुलिस ने जिस प्रकार से गरीबों की सेवा की है, भोजन की व्यवस्था संभाली है, कानून व्यवस्था को बनाने में दिनरात परिश्रम किया है. ऐसी परिस्थिति में एक जनप्रतिनिधि का अनावश्यक दबाव डालना लोकतंत्र को कलंकित करना है.
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बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन की सरकार जनता की सेवा के लिए नहीं बनी है, बल्कि यह सरकार धौंस दिखाकर अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए बनी है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ट्रांसफर और निलंबन का भय दिखाकर अधिकारियों से नियम विरुद्ध कार्य करा रही. बीजेपी सांसद ने कहा कि चाहे वह रांची से लॉकडाउन में बस चलाने की परमिशन दिलानी हो, या मेहरामा ब्लॉक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की प्रतिनियुक्ति करनी हो, सरकार की एक ही मंशा झलकती है.
समीर उरांव ने कहा कि जनहित से जुड़े मुद्दों में मंत्री के आरोप पर कार्रवाई करने के लिए मंत्री प्रमाण मांगते हैं. वहीं अनावश्यक एफआईआर में विधि सम्मत देर भी बर्दाश्त नहीं, ऐसे में सत्त्ताधारी दल के लिए महामारी संकट को दूर करना महत्वपूर्ण नहीं है. समीर उरांव ने कहा कि बीजेपी की चिंता गहरी होती जा रही है, संथाल परगना सहित पूरा प्रदेश राष्ट्र विरोधी ताकतों की चपेट में आ रहा है, देवघर में जिस प्रकार बाबा मंदिर के नजदीक बांग्लादेशी संदिग्ध अवस्था में पकड़ा गया है, उससे बीजेपी के आशंकाओं की पुष्टि होती है. उन्होंने कहा कि मंत्री ने मंत्री का लॉकडाउन में भेजे गए मजदूरों में भी बांग्लादेशी की आशंका व्यक्त की थी, लोहरदगा में भी रोहिंग्या की उपस्थिति संबंधी रिपोर्ट विशेष शाखा ने दी थी. उन्होंने कहा कि सरकार राज्य को अराजक होने बचाए, विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने जिस प्रकार लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए सरकारी कार्य में बाधा डाला है, समर्थकों सहित उनपर अविलंब एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.