रांची: रामनवमी को लेकर शहर में तैयारी जोर-शोर से हो रही है. जिला प्रशासन जहां सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगी है, तो वहीं रामनवमी की जुलूस में शामिल होने वाले अखाड़े और महावीर मंडल के लोग अपनी जुलूस को भव्य और आकर्षक बनाने में जुटे हैं. खासकर, रामनवमी में अस्त्र-शस्त्र चालन प्रतियोगिता सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बना होता है. जिसमें महावीर मंडल के लोग जुलूस में तलवार, भाला, चाकू जैसे खतरनाक हथियार से करतब दिखाते हैं.
रांची महावीर मंडल के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ सदस्य राजीव रंजन मिश्रा बताते हैं कि भगवान राम खुद तीर और धनुष को अपने साथ रखा करते थे. इसीलिए अस्त्र शस्त्र का प्रदर्शन हमारे पौराणिक परंपराओं से जुड़ा हुआ है. रामनवमी के दिन सभी अखाड़े के लोग अपने-अपने अखाड़े में एकत्रित तलवार, भाला, चाकू जैसे हथियार लेकर निकलते हैं. अरगोड़ा स्थित ग्री-आंचल अखाड़े के लोग बताते हैं कि जुलूस में वैसे लोग ही हथियार लेकर शामिल होते हैं, जो पूरी तरह से प्रशिक्षित होते हैं. रामनवमी में परंपरा के अनुसार सभी लोग लाठी, तलवार, भाला, चाकू जैसे पौराणिक हथियार लेकर भगवान राम की जुलूस में शामिल होते हैं.
हथियारों की कीमत छूने लगी आसमान: अखाड़े के वरिष्ठ सदस्य कृष्णा उरांव बताते हैं कि रामनवमी नजदीक आते ही तलवार, चाकू, भाला जैसे हथियारों की कीमत आसमान छूने लगती है. उन्होंने बताया कि एक महीने पहले ही सभी हथियार खरीदने पड़ते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जुलूस में हथियार के साथ शामिल हो सकें. हवाई प्रशासन की तरफ से भी रामनवमी के मौके पर हथियार प्रतियोगिता आयोजन पर नजर रखी जा रही है. जिस क्षेत्र के अखाड़े में अस्त्र शस्त्र चालन प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, उस संबंधित थाने को सूचित किया गया है.
गौरतलब है कि इस वर्ष रामनवमी लोगों के लिए काफी खास है. क्योंकि पिछले 3 वर्षों से कोरोना की वजह से लोग रामनवमी को भव्य तरीके से नहीं मना पा रहे थे. पिछले तीन वर्षो से प्रशासन के द्वारा लगाए गए पाबंदियों के बीच लोगों को रामनवमी मनाना पड़ रहा था. लेकिन, इस बार रामनवमी को लेकर लोग खासा उत्साहित हैं.