रांचीः साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव ने अवैध खनन के मामले में कुछ अधिकारियों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. खासकर साहिबगंज एसपी और डीएमओ को लेकर ईडी के सामने दिए गए बयान पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. मंगलवार को ईडी के सामने डीसी ने अवैध खनन के मामले में ठिकरा एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, डीएसपी राजेंद्र दुबे और डीएमओ विभूति कुमार पर फोड़ा है. इसके बाद जिले के कई अधिकारी ईडी के रडार पर आ गए हैं.
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साहिबगंज में 1000 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध खनन और मनी लाउंड्रिंग के मामले में ईडी ने सोमवार को साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव से सात घंटे से अधिक पूछताछ की थी. पूछताछ के दौरान डीसी ने अवैध खनन के मामले का सारा ठिकरा एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा के साथ साथ डीएसपी और डीएमओ पर फोड़ दिया है. ईडी इस मामले में पहले ही डीएमओ विभूति कुमार से पूछताछ कर चुकी है और डीएसपी को समन जारी किया था.
साहिबगंज में अवैध खनन के मामले में एसपी और दूसरे पुलिस अफसरों की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है. अब एसपी से पूछताछ तय मानी जा रही है. गंगा नदी के रास्ते नाव से अवैध तरीके से परिवहन के मामले में एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा की भूमिका पर डीसी ने ईडी को कई जानकारियां दी है. अधिकारी सूत्रों ने बताया कि ईडी ने डीसी से पूछा कि अवैध तरीके से परिचालन करता नाव पकड़ा गया था. इस अवैध खेल में दाहू यादव का नाम सामने आया था. लेकिन दाहू यादव को आरोपी नहीं बनाया गया. इसके जवाब में डीसी ने कहा कि इस मामले में साहिबगंज एसपी को कार्रवाई करनी चाहिए थी. एसपी ने कार्रवाई क्यों नहीं की, इसका जवाब एसपी ही दे पाएंगे. वहीं पुलिस अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए डीसी ने कहा कि अवैध खनन नहीं रोक पाने के कारण डीएसपी राजेंद्र दुबे को भी शोकॉज किया था. लेकिन साहिबगंज पुलिस ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.
एजेंसी द्वारा साहिबगंज के डीसी से पूछताछ के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही साहिबगंज एसपी को भी पूछताछ के लिए समन भेजा जाएगा. तय तिथि पर एसपी को एजेंसी के दफ्तर पहुंचना होगा. बता दें कि एसपी पिछले 3 वर्षों से साहिबगंज में ही तैनात है. इस अवधि में जमकर अवैध खनन हुआ है.