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सदन में गूंजा साहिबगंज रबिता हत्याकांड, सीएम का विपक्ष पर निशाना, लाश पर कर रहे हैं राजनीति, रणधीर सिंह किए गये मार्शल आउट

साहिबगंज रबिता हत्याकांड की गूंज विधानसभा (Rabita murder case in assembly) तक पहुंच गई. शीतकालीन सत्र के दौरान बीजेपी विधायकों ने इसे लेकर जमकर हंगामा किया. विधायकों ने होषियों को फांसी की सजा देने की मांग की.

Sahibganj Rabita murder case
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सीएम हेमंत सोरेन
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Published : Dec 19, 2022, 4:14 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले दिन मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने जमकर हंगामा किया. स्पीकर के प्रारंभिक वक्तव्य के दौरान ही भाजपा के विधायक वेल में आ गये और सरकार से साहिबगंज रबिता हत्याकांड के हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग करने लगे (Rabita murder case in assembly). भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार के तुष्टिकरण के कराण इस तरह की घटना हो रही हैं. हो-हंगामे के बीच स्पीकर ने सभापति तालिका की घोषणा और समितियों के गठन के बाद शोक प्रकाश की प्रक्रिया शुरू की. इस दौरान भाजपा की ओर से मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने इस बात पर आपत्ति जतायी कि साहिबगंज में आदिम जनजाति की बेटी के कई टुकड़े कर दिए गये. इससे पूरा राज्य शर्मसार है.

ये भी पढ़ें- साहिबगंज रबिता हत्याकांड: सीएम हेमंत ने कहा- घटना के पीछे सामाजिक विकृति

उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हत्यारा एक खास वर्ग का है. इतना कहने भर की देरी थी कि सत्ता पक्ष के लोग भी उनके विरोध में उठ खड़े हुए. मंत्री मिथिलेश ठाकुर और मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस घटना को एक खास वर्ग से जोड़ने पर आपत्ति जतायी. बीच बचाव करते हुए स्पीकर ने कहा कि शोक प्रकाश के दौरान राजनीतिक बात से बचना चाहिए. ऐसे में परंपरा टूटेगी. इस बात को बाद में भी रखा जा सकता था.

हंगामा बढ़ा तो सदन के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया व्यवक्त की. उन्होंने कहा कि वह विपक्ष की संवेदनाओं से वाकिफ हैं. इनकी बातों का जवाब दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लाश पर राजनीति होने से सदन की गरिमा आहत होती है. ये लोग मृतजनों पर राजनीति कर रहे हैं. सीएम के इतना कहते ही भाजपा शोर मचाने लगी. इसी दौरान भाजपा विधायक रणधीर सिंह अपने चेयर पर खड़े हो गये. इसकी वजह से उन्हें मार्शल आउट कर दिया गया. इस बीच स्पीकर बार-बार बोलते रहे कि शोक प्रकाश के दौरान ऐसा होना अशोभनीय है. दूसरी तरफ शोक प्रकाश पर दिवंगतों को श्रद्धांजलि देते हुए विधायक प्रदीप यादव ने साहिबगंज रबिता हत्याकांड (Sahibganj Rabita murder case) का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पूर्व दिल्ली में इसी तरह से श्रद्धा की हत्या हुई थी. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नया कानून बनाना की जरूरत है. उन्होंने कहा कि नये कानून में रबिता हत्याकांड जैसे मामलों में सार्वजनिक रूप से फांसी देने की प्रावधान होना चाहिए.

ये भी पढ़ें- झारखंड में श्रद्धा हत्याकांड: दिलदार अंसारी ने किए रबिता पहाड़िन के कई टुकड़े!

क्या है पूरा मामला: साहिबगंज के बोरियो में 22 वर्षीय रबिता उर्फ रुबिका की हत्या कर पति और उसके घरवालों ने शव के 18 से अधिक टुकड़े किए और फिर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया था. बोरियो थाना क्षेत्र के गोडा पहाड़ की पहाड़िया महिला रबिता पहाड़िन की निर्मम हत्या के आरोप में बोरियो बेल टोला के रहने वाले मोहम्मद मुस्तकीम अंसारी और पत्नी मरियम खातून, पुत्र दिलदार अंसारी और पत्नी गुलेरा, मुस्तकीम के दूसरे पुत्र अमीर अंसारी, महताब अंसारी, पुत्री शारेजा खातून सहित 9 लोगों की गिरफ्तार की गयी है.

रांची: झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले दिन मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने जमकर हंगामा किया. स्पीकर के प्रारंभिक वक्तव्य के दौरान ही भाजपा के विधायक वेल में आ गये और सरकार से साहिबगंज रबिता हत्याकांड के हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग करने लगे (Rabita murder case in assembly). भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार के तुष्टिकरण के कराण इस तरह की घटना हो रही हैं. हो-हंगामे के बीच स्पीकर ने सभापति तालिका की घोषणा और समितियों के गठन के बाद शोक प्रकाश की प्रक्रिया शुरू की. इस दौरान भाजपा की ओर से मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने इस बात पर आपत्ति जतायी कि साहिबगंज में आदिम जनजाति की बेटी के कई टुकड़े कर दिए गये. इससे पूरा राज्य शर्मसार है.

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उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हत्यारा एक खास वर्ग का है. इतना कहने भर की देरी थी कि सत्ता पक्ष के लोग भी उनके विरोध में उठ खड़े हुए. मंत्री मिथिलेश ठाकुर और मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस घटना को एक खास वर्ग से जोड़ने पर आपत्ति जतायी. बीच बचाव करते हुए स्पीकर ने कहा कि शोक प्रकाश के दौरान राजनीतिक बात से बचना चाहिए. ऐसे में परंपरा टूटेगी. इस बात को बाद में भी रखा जा सकता था.

हंगामा बढ़ा तो सदन के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया व्यवक्त की. उन्होंने कहा कि वह विपक्ष की संवेदनाओं से वाकिफ हैं. इनकी बातों का जवाब दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लाश पर राजनीति होने से सदन की गरिमा आहत होती है. ये लोग मृतजनों पर राजनीति कर रहे हैं. सीएम के इतना कहते ही भाजपा शोर मचाने लगी. इसी दौरान भाजपा विधायक रणधीर सिंह अपने चेयर पर खड़े हो गये. इसकी वजह से उन्हें मार्शल आउट कर दिया गया. इस बीच स्पीकर बार-बार बोलते रहे कि शोक प्रकाश के दौरान ऐसा होना अशोभनीय है. दूसरी तरफ शोक प्रकाश पर दिवंगतों को श्रद्धांजलि देते हुए विधायक प्रदीप यादव ने साहिबगंज रबिता हत्याकांड (Sahibganj Rabita murder case) का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पूर्व दिल्ली में इसी तरह से श्रद्धा की हत्या हुई थी. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नया कानून बनाना की जरूरत है. उन्होंने कहा कि नये कानून में रबिता हत्याकांड जैसे मामलों में सार्वजनिक रूप से फांसी देने की प्रावधान होना चाहिए.

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क्या है पूरा मामला: साहिबगंज के बोरियो में 22 वर्षीय रबिता उर्फ रुबिका की हत्या कर पति और उसके घरवालों ने शव के 18 से अधिक टुकड़े किए और फिर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया था. बोरियो थाना क्षेत्र के गोडा पहाड़ की पहाड़िया महिला रबिता पहाड़िन की निर्मम हत्या के आरोप में बोरियो बेल टोला के रहने वाले मोहम्मद मुस्तकीम अंसारी और पत्नी मरियम खातून, पुत्र दिलदार अंसारी और पत्नी गुलेरा, मुस्तकीम के दूसरे पुत्र अमीर अंसारी, महताब अंसारी, पुत्री शारेजा खातून सहित 9 लोगों की गिरफ्तार की गयी है.

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