रांची: शहर के चर्चित न्यूक्लियस मॉल के रेलिंग से गिरकर 12 वर्षीय पार्थिव शाह की मौत के 2 महीने बाद आखिरकार मॉल प्रबंधन जाग गया. मॉल में सेफ्टी नेट लगा दिया गया. रविवार देर रात सेफ्टी नेट लगाने का काम पूरा कर लिया गया.
महिला दारोगा का था बेटा
रांची के कोतवाली थाना में पदस्थापित महिला दारोगा का बेटा पार्थिव अपने परिजनों के साथ मॉल घूमने गया था, जहां एस्केलेटर से पैर फिसलने की वजह से वह नीचे गिर गया था. जिससे उसकी बेहद दर्दनाक मौत हो गई थी. यह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है.
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पार्थिव की मौत के बाद उसके पिता राजकुमार शाह ने मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल सहित प्रबंधन पर गैर इरादतन हत्या के तहत मामला दर्ज करवाया था. राजकुमार साह ने अपने आवेदन में कहा था कि उनके बेटे पार्थिव की मौत के जिम्मेवार मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल हैं, क्योंकि मॉल में मानक के अनुरूप सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे. जहां आवश्यक है वहां नेट नहीं लगाया गया था, अगर नेट लगा होता तो उनके बेटे की मौत नहीं होती.
दो महीने के बाद लगा नेट
पार्थिव की मौत के बाद मॉल प्रबंधन के खिलाफ जोरदार आंदोलन किया गया था. हादसे की वजह से शहर के कई मॉल प्रबंधन ने दूसरे ही दिन अपने मॉल में सुरक्षा के इंतजाम कर दिए थे, लेकिन न्यूक्लियस मॉल में 2 महीने बाद सुरक्षा के इंतजाम पूरे किए गए. इस मामले को लेकर मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई भी दी थी. 22 जून को मॉल के एस्केलेटर से गिरने की वजह से 12 वर्षीय पार्थिव शाह की दर्दनाक मौत हुई थी.
क्या था हादसा
पार्थिव की मौत कैसे हुई यह सीसीटीवी फुटेज में भी दिखा था. सीसीटीवी फुटेज में यह साफ दिख रहा था कि पार्थिव एस्केलेटर से सटे लोहे की रेलिंग पर पैर रखकर परिवार के सदस्यों से हंसते हुए बातें कर रहा था. एस्केलेटर से सटा देख एक महिला गार्ड ने उसे पीछे हटने के लिए आवाज लगाई, लेकिन परिवार के सदस्यों ने गार्ड को हाथ दिखाते हुए कहा कि उसे हटा रहे हैं, तभी उसका बांया हाथ एक्सीलेटर की रेलिंग पर सटा. जैसे ही उसका हाथ सटा, वह नीचे की ओर खिंचने लगा. उसने दूसरे हाथ से पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह एस्केलेटर की रबर से खिंचता हुआ फर्स्ट फ्लोर से सीधे लोअर ग्राउंड फ्लोर पर जा गिरा. पृथ्वी का सिर जमीन से टकराकर फट गया. उसे गिरता देख परिवार के सदस्य दौड़े. उसे उठाकर अस्पताल ले गए, लेकिन उससे पहले ही उसकी मौत हो गई थी. डॉक्टरों के अनुसार अधिक खून बहने के कारण पृथ्वी की मौत हो गई थी.