रांचीः चोरी के डर ने राजधानी के जिला अस्पताल यानी रांची सदर अस्पताल को वाहन स्टैंड बना दिया है. यहां कर्मचारी और नर्स अस्पताल भवन के ग्राउंड फ्लोर पर बाइक खड़ा कर रहे हैं. रोजाना यहां 100 से 125 मोटरसाइकिल और स्कूटी यहां खड़े रहते हैं. हाल यह है कि किचन के पास भी वाहन खड़े रहते हैं, जहां हल्की सी चिंगारी वाहनों को 'पेट्रोल बम' में बदल सकती है. इससे अस्पताल में लोगों की जानमाल को खतरा है.
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इसके अलावा सदर अस्पताल के किचन के पास दर्जनों दो पहिया वाहन पार्क रहते हैं. सदर अस्पताल को फायर फाइटिंग NOC तक नहीं मिली है और किचन के पास वाहन खड़े होने से खतरा भी बढ़ रहा है. इतना ही नहीं कोरोना के बाद सदर अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट से लेकर PSA प्लांट तक लग गया है. इससे अस्पताल भवन के अंदर दोपहिया वाहन की टंकी से यहां खतरा बने रहने की आशंका है.
सूचना की नहीं परवाहः सदर अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल भवन के अंदर किचन के पास मोटरसाइकिल पार्क करने की सूचना लगाई है, लेकिन कोई ध्यान नहीं देता. हालांकि प्रबंधन ने भी सूचना लगाने की सिर्फ खानापूर्ति ही की है, क्योंकि नियम का उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. रांची सदर अस्पताल में पोषण विशेषज्ञ और किचन प्रभारी ममता कहती हैं कि यहां दोपहिया वाहन लगाना खतरे को दावत देना है, उन्होंने अपने स्तर पर कोशिश भी की है पर कोई उनकी बात नहीं मानता,इसलिए इस मुद्दे पर जवाब सिविल सर्जन, उपाधीक्षक या हॉस्पिटल मैनेजर ही दे सकते हैं.
प्रबंधन के पास इस सवाल का जवाब नहींः सदर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक ने माना कि मरीज जहां रहते हों या जहां किचन हो, वहां बड़ी संख्या में मोटरसाइकिल या कोई भी दोपहिया वाहन लगाना ठीक नहीं है. डॉ. सव्यसाची मंडल के अनुसार पूर्व में कुछ मोटरसाइकिल चोरी होने की वजह से कर्मचारी अस्पताल के अंदर गाड़ी लगाते हैं, उपाधीक्षक के पास इस बात का जवाब नहीं कि जब अस्पताल परिसर में कई गार्ड की तैनाती की गई है, बाहरी भाग में निजी एजेंसी को स्टैंड चलाने का टेंडर दिया गया है, जब बाकी सब की गाड़ी चोरी नहीं होती तो सिर्फ स्टाफ की गाड़ी ही क्यों चोरी होती है.
CCTV कैमरा लगवाएंगेः इधर सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार का कहना है कि पूरे अस्पताल परिसर में CCTV लगाई जा रही है, उससे बाइक चोरों पर नजर रखी जाएगी. इसके बाद अस्पताल के अंदर स्टैंड भी नहीं होगा.