रांचीः एक तरफ हेमंत सरकार नए वित्तीय वर्ष 2023- 24 के वार्षिक बजट बनाने की तैयारी में जुटी है. वहीं दूसरी ओर चालू वित्तीय वर्ष के समापन होने में सिर्फ 38 दिन शेष हैं. इसके बावजूद आवंटित बजट राशि को खर्च करने में कई विभाग पीछे है. हालत यह है कि राज्य सरकार के कई विभाग 31 जनवरी 2023 तक बजट राशि का 50 फ़ीसदी भी खर्च नहीं कर पाई है.
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कृषि विभाग के बाद सबसे कम खर्च करने वाले विभाग ग्रामीण विकास है, जो अपने बजट राशि का सिर्फ 50 प्रतिशत ही खर्च कर पाई है. 2021- 22 के बजट में ग्रामीण विकास विभाग को 26 अरब 64 करोड़ 33 लाख तीन हजार का प्रावधान किया गया था. इसमें योजना और स्थापना मद में व्यय करने का प्रावधान किया गया था.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के तहत 2500 किलोमीटर सड़क निर्माण और सुदृढ़ीकरण के साथ साथ 250 पुल का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है. इन योजनाओं पर 1050 करोड़ खर्च करने का प्रावधान किया गया. इन योजनाओं में केंद्र से 700 करोड़ और राज्य से 350 करोड़ खर्च करने का प्रावधान किया गया था.
ग्रामीण विकास विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष के निर्धारित बजट राशि का 70 प्रतिशत खर्च करने का लक्ष्य तय किया था. लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद 50 प्रतिशत राशि ही खर्च कर पाई. विभागीय मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि योजना एवं सरकारी प्रक्रिया पूरी होते होते काफी देर हो जाती है, जिस वजह से योजना समय से धरातल पर नहीं उतर पाती है. उन्होंने कहा कि योजना क्रियान्वयह होने में विलंब होती है तो राशि सरेंडर हो जाती है. विभाग ने इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अगले 5 वर्षों का योजना बनाकर स्वीकृति देने का निर्णय किया है. इससे समय रहते योजनाओं को बजट में समाहित कर जमीन पर उतारने का काम किया जा सके.