रांची: झारखंड में बोर्ड निगम के खाली पदों को भरने की कवायद शुरू होते ही सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं के बीच घमासान शुरू हो गया है. एक अनार सौ बीमार वाली कहावत को सही करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जहां अपने ही विधायकों के खिलाफ बोर्ड निगम में नो इंट्री का बोर्ड लगा दिया है. वहीं आरजेडी और जेएमएम में भी जोड़तोड़ शुरू हो गया है.
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बोर्ड निगम के पदों को भरने की कवायद
जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य के मुताबिक जल्द ही राज्य में खाली पड़े बोर्ड, निगमों के पदों को भरा जाएगा. जेएमएम महासचिव ने बताया कि इसके लिए सबसे पहले 20 सूत्री गठित की जाएगी. उसके बाद दूसरे पदों को भरा जाएगा. सत्तारूढ़ दल जेएमएम ने अपने सहयोगी दल कांग्रेस और राजद से पार्टी कार्यकर्ताओं की सूची देने की मांग की है.
सत्तारूढ़ दलों में घमासान
झारखंड में बोर्ड निगम के खाली पदों को भरने की कवायद शुरू होते ही सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं के बीच घमासान शुरू हो गया है. एक अनार सौ बीमार वाली कहावत को सही करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने ही विधायकों के खिलाफ बोर्ड निगम में नो इंट्री का बोर्ड लगा दिया है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक स्वर से प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी आलाकमान को बोर्ड निगम से पार्टी विधायकों को दूर रखने की मांग की है. प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम की मानें तो मलाइदार पद हमेशा विधायक को ही नहीं दी जा सकती. पार्टी ने चुनाव में टिकट देकर उन्हें विधायक भी बनाया है. सिर्फ कांग्रेस नहीं आरजेडी और जेएमएम में भी कमोबेश यही स्थिति है. पार्टी नेता और कार्यकर्ता मलाइदार पद के लिए गणेश परिक्रमा करने में लगे हैं.
किन-किन बोर्ड निगमों के भरे जाएंगे पद?
अब जिन मलाइदार बोर्ड निगम के पदों के लिए सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं में होड़ लगी है उसे भी जान लिजिए. राज्य सूचना आयोग, लॉ कमीशन, बाल संरक्षण आयोग, राज्य के 22 जिलों में स्थित उपभोक्ता फोरम और राज्य खादी बोर्ड, मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, आरआरडीए, विद्युत नियामक आयोग, 20 सूत्री निगरानी समिति, माडा, जेपीएससी में सदस्यों के पद ये सभी वैसे पद हैं जिसे भरने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.
बीजेपी का सत्तारूढ़ दल पर तंज
पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी चुटकी ले रही है. बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के सभी लोग कुर्सी की चाहत रख रहे हैं जिसके कारण ये स्थिति बनी है.
पदों को भरने में क्यों हुई देरी?
बोर्ड निगम और आयोग के खाली पदों पर मनोनयन मुख्यमंत्री करते हैं. राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जेएमएम, कांग्रेस और राजद की सरकार है. बोर्ड निगम और आयोग में खाली पदों को भरने के लिए तीनों दलों के बीच समन्वय का अभाव भी एक कारण रहा है. दिल्ली में कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ इस पर मंत्रणा हुई है. तीनों दलों के बीच बोर्ड-निगम, आयोग के साथ-साथ 20 सूत्री का भी गठन करने को लेकर कहीं न कहीं पेंच अभी भी फंसा हुआ है. बहरहाल राज्य में खाली पड़े बोर्ड निगम के दिन सुधरने से पहले जिस तरह से सत्तारूढ़ दलों के बीच घमासान मचा हुआ उसने एक अनार सौ बीमार वाली जैसी स्थिति पैदा कर दी है. देखना होगा कि इस अनार को पाने में कौन सफल होता है और किसके लिए अनार खट्टा साबित होता है.