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'अस्पताल में दौड़ते रहे लेकिन नहीं आए डॉक्टर साहब, मेरे सामने ही दम तोड़ गई मां' - ruckus in nmch

गुरुवार की रात एनएमसीएच पटना में एक कोविड मरीज की मौत हो गई. मरीज की मौत के बाद परिजन अस्पताल में हंगामा और तोड़फोड़ करने लगे. परिजनों का आरोप है कि कई बार डॉक्टरों से इलाज करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. वहीं, इस घटना के बाद जूनियर डॉक्टर सुरक्षा की मांग को लेकर अड़े हुए हैं.

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पीड़ित परिजन
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Published : Apr 23, 2021, 2:15 PM IST

पटना: एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल) में कोविड मरीज की मौत से भड़के परिजनों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ कर डॉक्टरों से हाथापाई की. परिजनों ने डॉक्टरों की लापरवाही से मौत होने का आरोप लगाया. वहीं, इस घटना के बाद डॉक्टर सुरक्षा की मांग पर अड़े हुए हैं.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ें - देश के बड़े शहरों में क्या है बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की उपलब्धता का हाल

मामला शांत कराने में जुटी पुलिस
वहीं, आलमगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर आक्रोशित परिजनों को समझाने में जुटी हुई है. अस्पताल के अधीक्षक, उपाधीक्षक और प्रिंसिपल समेत कई आलाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर मामले को सुलझाने में जुटे हुए हैं. अधीक्षक भी आक्रोशित डॉक्टरों को समझाने में जुटे हैं, लेकिन वे मांग पर अड़े हुए हैं.

क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, बिहार के बक्सर जिला की रहने वाली तेतरी देवी की गुरुवार की शाम एनएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई. बताया जा रहा है कि मृतका को 11 अप्रैल को एनएमसीएच के कोविड वार्ड में भर्ती कराया था. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती, जिस वजह से उसकी मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि जब तेतरी देवी की तबीयत बिगड़ने लगी, तब वे डॉक्टर और नर्स का चक्कर लगाते रहे, लेकिन कोई भी देखने नहीं आया. कई बार डॉक्टरों से इलाज करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी.

"कोरोना के कारण अस्पताल में मां का इलाज चल रहा था. अचानक उसकी हालत खराब हो गई. इसके बाद हम लोग डॉक्टर के पास गए, तो उन्होंने कहा कि नर्स के पास जाओ और जब नर्स के पास गए तो वो बोलती हैं कि डॉक्टर के पास जाओ. इसी बीच मां की मौत हो गई. हम लोग पूरे अस्पताल में दौड़ते रहे और डॉक्टर हम लोगों पर ही आरोप लगा रहे हैं."- धर्मशीला देवी, परिजन

क्या बोले डॉक्टर
वहीं, इस पूरे मामले में डॉक्टर्स का कहना है कि कि महिला की हालत पहले से ही गंभीर बनी हुई थी. लाख प्रयास के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका. डॉक्टर का कहना है कि तेतरी देवी की मौत के बाद परिजन काफी आक्रोशित हो गए और वार्ड में तोड़फोड़ करने लगे. अस्पताल में रखे कई सामानों को उन्होंने तोड़ दिया. जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट भी की.

10 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक सुरक्षा मुहैया नहीं कराया गया है. ना ही कोई पुलिस पदाधिकारी मिलने आए. इस स्थिति में कार्य करना मुश्किल है. हमलोग काम करना चाहते हैं लेकिन वार्ड के अंदर किसी तरह की कोई सुरक्षा नहीं है, जबकि अस्पताल के अधीक्षक ने भी जिलाधिकारी को पर्याप्त बल की मांग को लेकर पत्र लिखा है लेकिन अभी तक जवाब नहीं मिला है. जूनियर डॉक्टर इलाज करने जा रहे हैं लेकिन हालत देख वापस लौट जा रहे हैं- रामचन्द्र कुमार, अध्यक्ष, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन

इधर, जूनियर डॉक्टर अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर एनएमसीएच के अधीक्षक के पास पहुंचे और अस्पताल में समुचित सुरक्षा बल की मांग की. अधीक्षक ने जिला प्रशासन से अस्‍पताल में तीन शिफ्टों में 20-20 पुलिसकर्मियों की तैनाती की मांग की है.

यह भी पढ़ें - भाजपा सांसद मनोज तिवारी को हुआ कोरोना, ट्वीट करके दी जानकारी

पटना: एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल) में कोविड मरीज की मौत से भड़के परिजनों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ कर डॉक्टरों से हाथापाई की. परिजनों ने डॉक्टरों की लापरवाही से मौत होने का आरोप लगाया. वहीं, इस घटना के बाद डॉक्टर सुरक्षा की मांग पर अड़े हुए हैं.

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मामला शांत कराने में जुटी पुलिस
वहीं, आलमगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर आक्रोशित परिजनों को समझाने में जुटी हुई है. अस्पताल के अधीक्षक, उपाधीक्षक और प्रिंसिपल समेत कई आलाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर मामले को सुलझाने में जुटे हुए हैं. अधीक्षक भी आक्रोशित डॉक्टरों को समझाने में जुटे हैं, लेकिन वे मांग पर अड़े हुए हैं.

क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, बिहार के बक्सर जिला की रहने वाली तेतरी देवी की गुरुवार की शाम एनएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई. बताया जा रहा है कि मृतका को 11 अप्रैल को एनएमसीएच के कोविड वार्ड में भर्ती कराया था. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती, जिस वजह से उसकी मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि जब तेतरी देवी की तबीयत बिगड़ने लगी, तब वे डॉक्टर और नर्स का चक्कर लगाते रहे, लेकिन कोई भी देखने नहीं आया. कई बार डॉक्टरों से इलाज करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी.

"कोरोना के कारण अस्पताल में मां का इलाज चल रहा था. अचानक उसकी हालत खराब हो गई. इसके बाद हम लोग डॉक्टर के पास गए, तो उन्होंने कहा कि नर्स के पास जाओ और जब नर्स के पास गए तो वो बोलती हैं कि डॉक्टर के पास जाओ. इसी बीच मां की मौत हो गई. हम लोग पूरे अस्पताल में दौड़ते रहे और डॉक्टर हम लोगों पर ही आरोप लगा रहे हैं."- धर्मशीला देवी, परिजन

क्या बोले डॉक्टर
वहीं, इस पूरे मामले में डॉक्टर्स का कहना है कि कि महिला की हालत पहले से ही गंभीर बनी हुई थी. लाख प्रयास के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका. डॉक्टर का कहना है कि तेतरी देवी की मौत के बाद परिजन काफी आक्रोशित हो गए और वार्ड में तोड़फोड़ करने लगे. अस्पताल में रखे कई सामानों को उन्होंने तोड़ दिया. जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट भी की.

10 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक सुरक्षा मुहैया नहीं कराया गया है. ना ही कोई पुलिस पदाधिकारी मिलने आए. इस स्थिति में कार्य करना मुश्किल है. हमलोग काम करना चाहते हैं लेकिन वार्ड के अंदर किसी तरह की कोई सुरक्षा नहीं है, जबकि अस्पताल के अधीक्षक ने भी जिलाधिकारी को पर्याप्त बल की मांग को लेकर पत्र लिखा है लेकिन अभी तक जवाब नहीं मिला है. जूनियर डॉक्टर इलाज करने जा रहे हैं लेकिन हालत देख वापस लौट जा रहे हैं- रामचन्द्र कुमार, अध्यक्ष, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन

इधर, जूनियर डॉक्टर अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर एनएमसीएच के अधीक्षक के पास पहुंचे और अस्पताल में समुचित सुरक्षा बल की मांग की. अधीक्षक ने जिला प्रशासन से अस्‍पताल में तीन शिफ्टों में 20-20 पुलिसकर्मियों की तैनाती की मांग की है.

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