रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक वेल में आ गए और नियोजन नीति रद्द होने का मामला उठाते हुए इसे बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़ बताया. इस बीच कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सूचना के तहत आसन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि झारखंड के एक सांसद ने लोकसभा में मुख्यमंत्री को दुष्कर्मी कहा है.प्रदीप यादव ने इसे गंभीर बताते हुए सदन में निंदा प्रस्ताव लाने की बात कही(Ruckus in Jharkhand assembly on calling CM rapist).
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प्रदीप यादव ने कहा कि सांसद का इस तरह से कहना कहीं से भी सही नहीं है. उन्होंने कहा कि संबंधित सांसद ने खुद अपनी बहन से शादी की है. उन्होंने कहा कि जब आरोप सिद्ध ही नहीं हुआ है तो इस तरह की बात कैसे उठाई गई. झारखंड के एक सांसद का ऐसा कहा जाना राज्य की सवा तीन करोड़ जनता का अपमान है. उन्होंने सांसद का नाम लिए बगैर कहा कि उन्होंने लोकसभा में झारखंड का अपमान किया है. प्रदीप यादव ने इसे गंभीर बताते हुए सदन में निंदा प्रस्ताव लाने की बात कही. इसका झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने भी समर्थन किया.
हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने भी कहा कि यह गंभीर मसला है और इस पर निंदा प्रस्ताव लाया जाना चाहिए. हालांकि हो हंगामे के पीछे स्पीकर ने प्रश्नकाल को जारी रखने की पूरी कोशिश की. इसी बीच सत्तापक्ष के विधायक भी वेल में आकर लोकसभा में दिए गए बयान का विरोध करने लगे. झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि इस गंभीर मसले पर आसन की ओर से नियमन जारी होना चाहिए. उसे लोकसभा अध्यक्ष को भेजा जाना चाहिए. लिहाजा सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि वह विधि सम्मत राय मशविरा करने के बाद इस पर फैसला लेंगे. इसके बाद सदन की कार्यवाही 12:45 तक के लिए स्थगित कर दी गई.
बता दें कि सीएमओ की तरफ से ट्वीट कर जानकारी दी गई है कि लोकसभा में झारखंड के सांसद निशिकांत दुबे ने मुख्यमंत्री के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया था, उसे लोकसभा के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. सांसद के इस अमर्यादित टिप्पणी की राज्य सरकार ने कड़ी निंदा की है.