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Naxal operation in Jharkhand: कोल्हान में नक्सलियों से घमासान, हेलीकॉप्टर बन रहा सबसे बड़ा सहारा - नक्सल ऑपरेशन में श्वान दस्ता की भूमिका

झारखंड के कोल्हान इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच घमासान मचा हुआ है. लगातार हो रहे धमाकों के बीच भी सुरक्षा बलों का अभियान लगातार जारी है. इस लड़ाई में झारखंड पुलिस के लिए हेलीकॉप्टर, बम निरोधक दस्ता (बीडीएस) और श्वान दस्ता वरदान साबित हो रहे हैं.

Naxal operation in Jharkhand
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Published : Feb 3, 2023, 5:57 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 6:44 PM IST

वीडियो में देखें पूरी स्टोरी

रांची: झारखंड के कोल्हान इलाके में नक्सलियों के खिलाफ चल रही निर्णायक लड़ाई में हेलीकॉप्टर, श्वान दस्ता और बीडीएस टीम फोर्स को मजबूती प्रदान कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ नक्सलियों के मन में खौफ पैदा कर रहे हैं. नक्सलियों के साथ चल रही इस लड़ाई में अचानक हुए धमाकों में कई बार जवान घायल भी हुए, जिन्हें सुरक्षित रेस्क्यू कर हेलीकॉप्टर के जरिए आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है. इन संसाधनों की वजह से मुठभेड़ में घायल जवानों को सुरक्षित करने में बड़ी मदद मिल रही है.

ये भी पढ़ें- IED recovered in Chaibasa: सर्च ऑपरेशन में चाईबासा पुलिस बल को बड़ी सफलता, 51 आईईडी बरामद कर किया नष्ट

11 जनवरी से अब तक 12 जवानों को किया गया रेस्क्यू: जंगलों में अपने आप को बचाने के लिए भाकपा माओवादी पिछले 22 दिनों में 7 बार आईईडी ब्लास्ट कर चुके हैं. झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब एक ही महीने में 7 से अधिक बार हेलीकॉप्टर के जरिए जवानों को एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया. कोल्हान इलाके में नक्सलियों के खिलाफ जोरदार अभियान शुरू हुआ है तब से हेलीकॉप्टर को अलर्ट मोड में ही रखा जा रहा है. यही वजह है कि पूरे अभियान के दौरान जवानों को समय से अस्पताल पहुंचाने में आसानी हुई.

स्वान दस्ता और बीडीएस टीम का भी मिल रहा सहयोग: नक्सलियों के खिलाफ चल रहे इस अभियान में सुरक्षाबलों को श्वान दस्ते और बीडीएस टीम का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. जंगलों में नक्सलियों के द्वरा छुपा कर रखे गए लैंडमाइंस और दूसरे तरह के विस्फोटक को खोजने में श्वान दस्ता बेहतरीन सहयोग दे रहे हैं. वहीं बीडीएस की टीम उन्हें नष्ट करने के लिए लगातार श्वान दस्ते के साथ अभियान चला रही है. बम निरोधक दस्ता (बीडीएस) और श्वान दस्ते के बेहतरीन काम करने की वजह से ही समय रहते नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईडी बमों की जानकारी पुलिस को मिल पा रही है.

ये भी पढ़ें- Naxal operation in Saranda: बूढ़ापहाड़ के बाद सारंडा कैप्चर करने की मुहिम में लगे जवान, आईईडी ब्लास्ट कर रोकने की कोशिश

कोल्हान है टारगेट: बूढ़ापहाड़ पर फतह हासिल करने के बाद झारखंड के कोल्हान के जंगलों में घमासान मचा हुआ है. झारखंड पुलिस और केंद्रीय बल एक साथ मिलकर किसी भी कीमत पर अब कोल्हान को नक्सलियों से मुक्त करवाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. वहीं नक्सली अपनी जमीन बचाने के लिए जमकर आईडी बमों का प्रयोग कर रहे हैं. आए दिन जंगलों में धमाके हो रहे हैं. बेहतर रणनीति के बल पर पुलिस अधिकारियों ने बूढ़ापहाड़ पर फतह हासिल की. वही अधिकारी अब कोल्हान जीतने के लिए मेहनत कर रहे हैं.

मुख्यालय से लगातार अभियान की मॉनिटरिंग की जा रही है. इस अभियान में नक्सली अपने आप को बचाने के लिए लगातार आईईडी बमों का प्रयोग कर रहे हैं. जंगलों में लगातार धमाकों की गूंज सुनाई दे रही है. हर दूसरे दिन जंगलों में कई धमाके हो रहे हैं, ताकि किसी भी तरह सुरक्षा बल पीछे लौटने को मजबूर हो जाय. लेकिन इसके बावजूद अभियान में लगे जवानों का मनोबल जरा भी कम नहीं हुआ है. जवानों के रेस्क्यू के लिए हेलीकॉप्टर कोल्हान में 24 घंटे उपलब्ध है.

घिर चुके है बड़े नक्सली: कोल्हान इलाके में भाकपा माओवादियों के खात्मे को लेकर बड़ा अभियान शुरू किया गया है. माओवादियों के खिलाफ चल रहे अभियान में एक करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा, चमन, कांडे, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन अपने दस्ते के साथ घिरे हुए हैं. 31 जनवरी को माओवादियों के खिलाफ पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त अभियान शुरू किया था.

ये भी पढ़ें- IED Blast in Chaibasa: चाईबासा में एक बार फिर हुआ आईईडी ब्लास्ट, तीन जवान घायल, एयरलिफ्ट कर लाया गया रांची

भारी मात्रा में आईईडी बरामद: राज्य पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी प्रेस बयान में बताया गया है कि पुलिस, कोबरा की 209, 203, 205 बटालियन और सीआरपीएफ की 157, 174, 193, 7 व 26 बटालियन और जगुआर की टीमें अभियान में शामिल हैं. शनिवार को अभियान के दौरान मेरालगढ़ा के आसपास 51 आईईडी विस्फोटक बरामद किए गए हैं. संयुक्त बलों का अभियान अब भी जारी है.

नए कैंप बनने से घबराए माओवादी: दरअसल, चाईबासा में सुरक्षाबलों के द्वारा माओवादियों के प्रभाव वाले इलाके हाथीबुरू और लुईया में कैंप स्थापित किए जा रहे हैं. इन गांवों में माओवादियों का ठिकाना हुआ करता था, ऐसे में कैंप स्थापित किए जाने से माओवादी घबराए हुए हैं. यही वजह है कि माओवादियों ने इलाके में आईईडी कई जगह प्लांट किए हैं, ताकि पुलिस बलों को टारगेट किया जा सके.

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रांची: झारखंड के कोल्हान इलाके में नक्सलियों के खिलाफ चल रही निर्णायक लड़ाई में हेलीकॉप्टर, श्वान दस्ता और बीडीएस टीम फोर्स को मजबूती प्रदान कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ नक्सलियों के मन में खौफ पैदा कर रहे हैं. नक्सलियों के साथ चल रही इस लड़ाई में अचानक हुए धमाकों में कई बार जवान घायल भी हुए, जिन्हें सुरक्षित रेस्क्यू कर हेलीकॉप्टर के जरिए आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है. इन संसाधनों की वजह से मुठभेड़ में घायल जवानों को सुरक्षित करने में बड़ी मदद मिल रही है.

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11 जनवरी से अब तक 12 जवानों को किया गया रेस्क्यू: जंगलों में अपने आप को बचाने के लिए भाकपा माओवादी पिछले 22 दिनों में 7 बार आईईडी ब्लास्ट कर चुके हैं. झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब एक ही महीने में 7 से अधिक बार हेलीकॉप्टर के जरिए जवानों को एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया. कोल्हान इलाके में नक्सलियों के खिलाफ जोरदार अभियान शुरू हुआ है तब से हेलीकॉप्टर को अलर्ट मोड में ही रखा जा रहा है. यही वजह है कि पूरे अभियान के दौरान जवानों को समय से अस्पताल पहुंचाने में आसानी हुई.

स्वान दस्ता और बीडीएस टीम का भी मिल रहा सहयोग: नक्सलियों के खिलाफ चल रहे इस अभियान में सुरक्षाबलों को श्वान दस्ते और बीडीएस टीम का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. जंगलों में नक्सलियों के द्वरा छुपा कर रखे गए लैंडमाइंस और दूसरे तरह के विस्फोटक को खोजने में श्वान दस्ता बेहतरीन सहयोग दे रहे हैं. वहीं बीडीएस की टीम उन्हें नष्ट करने के लिए लगातार श्वान दस्ते के साथ अभियान चला रही है. बम निरोधक दस्ता (बीडीएस) और श्वान दस्ते के बेहतरीन काम करने की वजह से ही समय रहते नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईडी बमों की जानकारी पुलिस को मिल पा रही है.

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कोल्हान है टारगेट: बूढ़ापहाड़ पर फतह हासिल करने के बाद झारखंड के कोल्हान के जंगलों में घमासान मचा हुआ है. झारखंड पुलिस और केंद्रीय बल एक साथ मिलकर किसी भी कीमत पर अब कोल्हान को नक्सलियों से मुक्त करवाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. वहीं नक्सली अपनी जमीन बचाने के लिए जमकर आईडी बमों का प्रयोग कर रहे हैं. आए दिन जंगलों में धमाके हो रहे हैं. बेहतर रणनीति के बल पर पुलिस अधिकारियों ने बूढ़ापहाड़ पर फतह हासिल की. वही अधिकारी अब कोल्हान जीतने के लिए मेहनत कर रहे हैं.

मुख्यालय से लगातार अभियान की मॉनिटरिंग की जा रही है. इस अभियान में नक्सली अपने आप को बचाने के लिए लगातार आईईडी बमों का प्रयोग कर रहे हैं. जंगलों में लगातार धमाकों की गूंज सुनाई दे रही है. हर दूसरे दिन जंगलों में कई धमाके हो रहे हैं, ताकि किसी भी तरह सुरक्षा बल पीछे लौटने को मजबूर हो जाय. लेकिन इसके बावजूद अभियान में लगे जवानों का मनोबल जरा भी कम नहीं हुआ है. जवानों के रेस्क्यू के लिए हेलीकॉप्टर कोल्हान में 24 घंटे उपलब्ध है.

घिर चुके है बड़े नक्सली: कोल्हान इलाके में भाकपा माओवादियों के खात्मे को लेकर बड़ा अभियान शुरू किया गया है. माओवादियों के खिलाफ चल रहे अभियान में एक करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा, चमन, कांडे, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन अपने दस्ते के साथ घिरे हुए हैं. 31 जनवरी को माओवादियों के खिलाफ पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त अभियान शुरू किया था.

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भारी मात्रा में आईईडी बरामद: राज्य पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी प्रेस बयान में बताया गया है कि पुलिस, कोबरा की 209, 203, 205 बटालियन और सीआरपीएफ की 157, 174, 193, 7 व 26 बटालियन और जगुआर की टीमें अभियान में शामिल हैं. शनिवार को अभियान के दौरान मेरालगढ़ा के आसपास 51 आईईडी विस्फोटक बरामद किए गए हैं. संयुक्त बलों का अभियान अब भी जारी है.

नए कैंप बनने से घबराए माओवादी: दरअसल, चाईबासा में सुरक्षाबलों के द्वारा माओवादियों के प्रभाव वाले इलाके हाथीबुरू और लुईया में कैंप स्थापित किए जा रहे हैं. इन गांवों में माओवादियों का ठिकाना हुआ करता था, ऐसे में कैंप स्थापित किए जाने से माओवादी घबराए हुए हैं. यही वजह है कि माओवादियों ने इलाके में आईईडी कई जगह प्लांट किए हैं, ताकि पुलिस बलों को टारगेट किया जा सके.

Last Updated : Feb 3, 2023, 6:44 PM IST
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