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Jharkhand Politics: हेमंत सरकार के खिलाफ झारखंड में लालू की पार्टी करेगी विरोध प्रदर्शन, 28 जून को इन पार्टियों का भी मिलेगा साथ - झारखंड न्यूज

झारखंड में संयुक्त वाम मोर्चा, राजद और जदयू ने हेमंत सरकार के खिलाफ विस्थापन आयोग की मांग को लेकर राजभवन के समाने 28 जून को प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.

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झारखंड सरकार पर हमला करते भुने
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Published : Jun 8, 2023, 11:23 AM IST

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रांची: झारखंड में संयुक्त वाम मोर्चा, राजद, जदयू की तरफ से राजभवन के समक्ष 28 जून को धरना प्रदर्शन किया जाएगा. अलग-अलग क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को पूर्णतः लागू करने और विस्थापन आयोग की मांग को लेकर ये प्रदर्शन किया जा रहा है. सीपीआई के प्रदेश कार्यालय में वाम दलों और अन्य सहयोगी दलों की संयुक्त पीसी में पूर्व सांसद भुनेश्वर मेहता ने इसकी घोषणा की. सीपीआई नेता और पूर्व सांसद भुनेश्वर मेहता ने कहा कि राज्य भर में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ अलग अलग संगठन आंदोलन कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: एमएसपी पर मोदी सरकार के फैसले को विपक्षी दलों ने बताया छलावा, कहा- वादा पूरा करने के लिए कानून बनाए केंद्र सरकार

आंदोलन को पुलिसिया ताकत के बल पर दबाया जा रहा है. इसलिए अब राज्य में विस्थापन आयोग और 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की निर्णायक लड़ाई वामदल, राजद और जदयू के सहयोग से लड़ेगा. पूर्व सांसद ने कहा कि हेमंत सोरेन ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि जब वह सत्ता में आएंगे तब राज्य में विस्थापन आयोग का गठन करेंगे, लेकिन अब साढ़े तीन साल हो गए राज्य में विस्थापन आयोग का गठन नहीं हुआ है. भुनेश्वर मेहता ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने स्थानीय विस्थापित लोगों को नौकरी दिलाने का वादा किया था. ऐसे में एचईसी की जमीन पर बने विधानसभा और झारखंड उच्च न्यायालय में 75% नौकरी एचईसी के विस्थापित परिवार को मिलना चाहिए.

राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता राजेश यादव ने कहा कि राज्य में विस्थापन एक बड़ी समस्या है. इसका समाधान तब तक संभव नहीं है जब तक कि राज्य विस्थापन आयोग का गठन नहीं हो जाता. ऐसे में उनकी मांग है कि 10 जून को प्रस्तावित राज्य समन्वय समिति की प्रस्तावित बैठक में राज्य में विस्थापन आयोग बनाने का प्रस्ताव लाकर उसे पारित कराया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल होने के बावजूद जनता की आवाज को उनकी समस्याओं को उठाना गलत नहीं है.

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रांची: झारखंड में संयुक्त वाम मोर्चा, राजद, जदयू की तरफ से राजभवन के समक्ष 28 जून को धरना प्रदर्शन किया जाएगा. अलग-अलग क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को पूर्णतः लागू करने और विस्थापन आयोग की मांग को लेकर ये प्रदर्शन किया जा रहा है. सीपीआई के प्रदेश कार्यालय में वाम दलों और अन्य सहयोगी दलों की संयुक्त पीसी में पूर्व सांसद भुनेश्वर मेहता ने इसकी घोषणा की. सीपीआई नेता और पूर्व सांसद भुनेश्वर मेहता ने कहा कि राज्य भर में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ अलग अलग संगठन आंदोलन कर रहे हैं.

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आंदोलन को पुलिसिया ताकत के बल पर दबाया जा रहा है. इसलिए अब राज्य में विस्थापन आयोग और 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की निर्णायक लड़ाई वामदल, राजद और जदयू के सहयोग से लड़ेगा. पूर्व सांसद ने कहा कि हेमंत सोरेन ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि जब वह सत्ता में आएंगे तब राज्य में विस्थापन आयोग का गठन करेंगे, लेकिन अब साढ़े तीन साल हो गए राज्य में विस्थापन आयोग का गठन नहीं हुआ है. भुनेश्वर मेहता ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने स्थानीय विस्थापित लोगों को नौकरी दिलाने का वादा किया था. ऐसे में एचईसी की जमीन पर बने विधानसभा और झारखंड उच्च न्यायालय में 75% नौकरी एचईसी के विस्थापित परिवार को मिलना चाहिए.

राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता राजेश यादव ने कहा कि राज्य में विस्थापन एक बड़ी समस्या है. इसका समाधान तब तक संभव नहीं है जब तक कि राज्य विस्थापन आयोग का गठन नहीं हो जाता. ऐसे में उनकी मांग है कि 10 जून को प्रस्तावित राज्य समन्वय समिति की प्रस्तावित बैठक में राज्य में विस्थापन आयोग बनाने का प्रस्ताव लाकर उसे पारित कराया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल होने के बावजूद जनता की आवाज को उनकी समस्याओं को उठाना गलत नहीं है.

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