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जानलेवा ठंड! इस मौसम में रहें सावधान, ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का ज्यादा शिकार हो रहे लोग - Jharkhand news

कई लोगों को गुलाबी सर्दी काफी पसंद है. लेकिन कई बार ये ठंड जानलेवा भी साबित होती है खास कर बुजुर्गों के लिए ठंड का मौसम काफी खतरनाक होता है. इस मौसम में क्रिटिकल केयर सेंटर पहुंचने वालों की संख्या में 15 से 20 फीसदी का इजाफा हो जाता है (stroke and heart attack increases in cold weather).

stroke and heart attack increases in cold weather
stroke and heart attack increases in cold weather
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Published : Dec 7, 2022, 6:13 PM IST

Updated : Dec 7, 2022, 6:34 PM IST

रांची: राजधानी रांची सहित राज्यभर में ठंड लगातार बढ़ रहा है, पश्चिम दिशा से चलने वाली तेज पछुआ हवा के चलते राज्य के कई इलाकों में शीत लहर की स्थिति है. अब यह मौसम जानलेवा भी साबित हो रहा है. रांची के रिम्स में हर दिन ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का शिकार होकर क्रिटिकल केयर सेंटर पहुंचने वालों की संख्या सामान्य दिनों की अपेक्षा 15 से 20 प्रतिशत बढ़ गयी है (stroke and heart attack increases in cold weather).

ये भी पढ़ें: डालटनगंज में पड़ रही है हाड़ कंपाने वाली ठंड, रांची में भी सताएगी सर्दी, देखिए अगले पांच दिनों का मौसम का हाल


सर्दी का मौसम बुजुर्गों या बीमार लोगों के लिए जानलेवा: रिम्स के क्रिटिकल केयर के हेड डॉक्टर प्रदीप भट्टाचार्या ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि ऐसे मरीज जो उच्च रक्तचाप यानि हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त होते हैं लेकिन अनजान होते हैं, इस मौसम में सर्दी की वजह से उनकी आर्टरी सिकुड़ जाती है जिससे वह रक्त का दवाब सह नहीं पाता और हेमरेज हो जाता है. इसी तरह का हार्ट अटैक में होता है. डॉ प्रदीप भट्टाचार्या ने कहा कि इसी तरह ठंड होने की वजह से लोग इस मौसम में पानी कम पीते हैं, इस वजह से शरीर मे द्रव्य की कमी हो जाती है जिस वजह से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो जाता है. परिणाम स्वरूप स्ट्रोक और एंजाइना ज्यादा होता है. सिहरन और कोल्ड एक्सपोजर की वजह से भी स्ट्रोक और ह्रदयघात की घटना ज्यादा होती है.

डॉ प्रदीप भट्टाचार्या से बात करते संवाददाता उपेंद्र


बुजुर्गों को इस मौसम से बचा कर रखने की जरूरत: डॉ प्रदीप भट्टाचार्या का कहना है कि इस मौसम में बुजुर्गों को घर में ही रहना चाहिए और गर्म कपड़े पहनकर रहना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि बुजुर्ग घर के खिड़की दरवाजे बंद रखें ताकि ठंडी हवाएं घर में न आए, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि घर या कमरे में आक्सीजन की कमी न हो.

हर दिन दवा खाना जरूरी: डॉ प्रदीप भटाचार्य बताते हैं कि जो भी बीपी, शुगर के मरीज हैं वह दवा को एक दम नहीं छोड़े और डॉक्टर के सलाह के अनुसार दवा जरूर खाएं ताकि कोई खतरा जीवन पर न आये.

सामान्य दिनों से 15-20% अधिक मरीज: राज्य में इस ठंड की वजह से ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या 15 से 20 फीसदी बढ़ गयी है, रिम्स के क्रिटिकल केयर में बेड फुल हैं, मरीजों के लिए वेटिंग की स्थिति है. ऐसे में इमरजेंसी और क्रिटिकल केयर में बेड कैसे बढ़ाई जाए इस पर भी प्रबंधन विचार कर रहा है .

रांची: राजधानी रांची सहित राज्यभर में ठंड लगातार बढ़ रहा है, पश्चिम दिशा से चलने वाली तेज पछुआ हवा के चलते राज्य के कई इलाकों में शीत लहर की स्थिति है. अब यह मौसम जानलेवा भी साबित हो रहा है. रांची के रिम्स में हर दिन ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का शिकार होकर क्रिटिकल केयर सेंटर पहुंचने वालों की संख्या सामान्य दिनों की अपेक्षा 15 से 20 प्रतिशत बढ़ गयी है (stroke and heart attack increases in cold weather).

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सर्दी का मौसम बुजुर्गों या बीमार लोगों के लिए जानलेवा: रिम्स के क्रिटिकल केयर के हेड डॉक्टर प्रदीप भट्टाचार्या ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि ऐसे मरीज जो उच्च रक्तचाप यानि हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त होते हैं लेकिन अनजान होते हैं, इस मौसम में सर्दी की वजह से उनकी आर्टरी सिकुड़ जाती है जिससे वह रक्त का दवाब सह नहीं पाता और हेमरेज हो जाता है. इसी तरह का हार्ट अटैक में होता है. डॉ प्रदीप भट्टाचार्या ने कहा कि इसी तरह ठंड होने की वजह से लोग इस मौसम में पानी कम पीते हैं, इस वजह से शरीर मे द्रव्य की कमी हो जाती है जिस वजह से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो जाता है. परिणाम स्वरूप स्ट्रोक और एंजाइना ज्यादा होता है. सिहरन और कोल्ड एक्सपोजर की वजह से भी स्ट्रोक और ह्रदयघात की घटना ज्यादा होती है.

डॉ प्रदीप भट्टाचार्या से बात करते संवाददाता उपेंद्र


बुजुर्गों को इस मौसम से बचा कर रखने की जरूरत: डॉ प्रदीप भट्टाचार्या का कहना है कि इस मौसम में बुजुर्गों को घर में ही रहना चाहिए और गर्म कपड़े पहनकर रहना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि बुजुर्ग घर के खिड़की दरवाजे बंद रखें ताकि ठंडी हवाएं घर में न आए, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि घर या कमरे में आक्सीजन की कमी न हो.

हर दिन दवा खाना जरूरी: डॉ प्रदीप भटाचार्य बताते हैं कि जो भी बीपी, शुगर के मरीज हैं वह दवा को एक दम नहीं छोड़े और डॉक्टर के सलाह के अनुसार दवा जरूर खाएं ताकि कोई खतरा जीवन पर न आये.

सामान्य दिनों से 15-20% अधिक मरीज: राज्य में इस ठंड की वजह से ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या 15 से 20 फीसदी बढ़ गयी है, रिम्स के क्रिटिकल केयर में बेड फुल हैं, मरीजों के लिए वेटिंग की स्थिति है. ऐसे में इमरजेंसी और क्रिटिकल केयर में बेड कैसे बढ़ाई जाए इस पर भी प्रबंधन विचार कर रहा है .

Last Updated : Dec 7, 2022, 6:34 PM IST
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