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RIMS में अभी भी कई सुविधाओं की जरूरत, ताकि मरीजों को बाहर न जाना पड़े: निदेशक

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Published : Nov 16, 2020, 9:03 PM IST

Updated : Nov 17, 2020, 10:34 AM IST

रांची रिम्स के नए निदेशक के रूप में पद्मश्री डॉ कामेश्वर प्रसाद ने रविवार को अपना योगदान दिया है. डॉ प्रसाद ने कहा कि रिम्स अस्पताल अब एक शैक्षणिक संस्थान भी हो गया है, इसलिए जरूरी है कि अस्पताल में मरीज के इलाज के साथ-साथ डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के द्वारा रिसर्च भी किया जाना चाहिए.

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RIMS में अभी भी कई की सुविधाओं की जरूरत

रांची: रिम्स के नए निदेशक के रूप में पद्मश्री डॉ कामेश्वर प्रसाद ने रविवार को अपना योगदान दिया है. योगदान देने के बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ प्रशासनिक भवन का जायजा लिया.

जानकारी देते रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद

चिकित्सा संस्था की पहली प्राथमिकता पेशेंट केयर

सोमवार को छुट्टी होने के बावजूद डॉ कामेश्वर प्रसाद ने अधीक्षक, उपाधीक्षक और अन्य अधिकारियों के साथ रिम्स गवर्निंग बॉडी (जीबी) के एजेंडों की समीक्षा की. समीक्षा के बाद एजेंडों की प्राथमिकता के आधार पर सूची तैयार की जाएगी, साथ ही जो काम तत्काल होने योग्य होंगे, उसकी शुरुआत भी त्वरित की जाएगी. डॉ कामेश्वर प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसी भी चिकित्सा संस्था की पहली प्राथमिकता पेशेंट केयर है. यह तब ही संभव है, जब इस संस्थान में अच्छी शिक्षा मेडिकल के स्टूडेंट्स को दी जाएगी. इसके लिए जरूरी है कि अस्पताल के सभी विभाग फुल्ली फंक्शनल हो.

ये भी पढ़ें-छठ महापर्व के लिए जारी गाइडलाइन पर पुनर्विचार करे सरकार, सनातन धर्म को पहुंचा है गहरा आघात: दीपक प्रकाश

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध का प्रकाशन

डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि रिम्स अस्पताल अब एक शैक्षणिक संस्थान भी हो गया है, इसीलिए जरूरी है कि अस्पताल में मरीज के इलाज के साथ-साथ डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के द्वारा रिसर्च भी किया जाना चाहिए, ताकि आने वाले समय में रिम्स के शोध से देशवासियों को लाभ मिल सके. तभी रिम्स का नाम पूरे देश में होगा. अस्पताल में लगातार रिसर्च पर काम होता रहेगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध का प्रकाशन हो. उन्होंने बताया कि वे खुद भी डब्लयूएचओ के एक्सपर्ट समूह के सदस्य हैं. आज भी कई तरह के इलाज के लिए गंभीर मरीजों को बाहर जाना पड़ता है.



जरूरत पड़ी तो लालू यादव को कहीं और किया जाएगा शिफ्ट

डॉ कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि जब वो एम्स में थे, तब महीने में हजार से अधिक मामले झारखंड से पहुंचते थे. रिम्स की चिकित्सा व्यवस्था को और सुदृढ़ कर इसे और बेहतर बनाया जाएगा, ताकि सभी तरह के इलाज रिम्स में ही संभव हो सके. निदेशक बंगलों में लालू यादव के रहने के मामले पर उन्होंने कहा कि फिलहाल वह अकेले आए हैं, इसलिए वह मोरहाबादी के गेस्ट हाउस में रह रहे हैं, लेकिन आने वाले समय में लालू यादव के स्वास्थ्य की समीक्षा की जाएगी, क्योंकि वह कई बीमारियों से ग्रसित हैं, इसिलिए उनकी बीमारी और सुरक्षा का दूसरा इंतजाम किया जायेगा. उसके बाद अगर जरूरत पड़ी तो बंगला खाली भी करा लिया जाएगा.

राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में समुचित इलाज

रिम्स में नए निदेशक के योगदान के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में सिर्फ कागजों के आधार पर नहीं, बल्कि वास्तविक में भी एम्स की तर्ज पर बन सकेगा और राज्य के मरीजों को राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में समुचित इलाज भी हो सकेगा.

रांची: रिम्स के नए निदेशक के रूप में पद्मश्री डॉ कामेश्वर प्रसाद ने रविवार को अपना योगदान दिया है. योगदान देने के बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ प्रशासनिक भवन का जायजा लिया.

जानकारी देते रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद

चिकित्सा संस्था की पहली प्राथमिकता पेशेंट केयर

सोमवार को छुट्टी होने के बावजूद डॉ कामेश्वर प्रसाद ने अधीक्षक, उपाधीक्षक और अन्य अधिकारियों के साथ रिम्स गवर्निंग बॉडी (जीबी) के एजेंडों की समीक्षा की. समीक्षा के बाद एजेंडों की प्राथमिकता के आधार पर सूची तैयार की जाएगी, साथ ही जो काम तत्काल होने योग्य होंगे, उसकी शुरुआत भी त्वरित की जाएगी. डॉ कामेश्वर प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसी भी चिकित्सा संस्था की पहली प्राथमिकता पेशेंट केयर है. यह तब ही संभव है, जब इस संस्थान में अच्छी शिक्षा मेडिकल के स्टूडेंट्स को दी जाएगी. इसके लिए जरूरी है कि अस्पताल के सभी विभाग फुल्ली फंक्शनल हो.

ये भी पढ़ें-छठ महापर्व के लिए जारी गाइडलाइन पर पुनर्विचार करे सरकार, सनातन धर्म को पहुंचा है गहरा आघात: दीपक प्रकाश

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध का प्रकाशन

डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि रिम्स अस्पताल अब एक शैक्षणिक संस्थान भी हो गया है, इसीलिए जरूरी है कि अस्पताल में मरीज के इलाज के साथ-साथ डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के द्वारा रिसर्च भी किया जाना चाहिए, ताकि आने वाले समय में रिम्स के शोध से देशवासियों को लाभ मिल सके. तभी रिम्स का नाम पूरे देश में होगा. अस्पताल में लगातार रिसर्च पर काम होता रहेगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध का प्रकाशन हो. उन्होंने बताया कि वे खुद भी डब्लयूएचओ के एक्सपर्ट समूह के सदस्य हैं. आज भी कई तरह के इलाज के लिए गंभीर मरीजों को बाहर जाना पड़ता है.



जरूरत पड़ी तो लालू यादव को कहीं और किया जाएगा शिफ्ट

डॉ कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि जब वो एम्स में थे, तब महीने में हजार से अधिक मामले झारखंड से पहुंचते थे. रिम्स की चिकित्सा व्यवस्था को और सुदृढ़ कर इसे और बेहतर बनाया जाएगा, ताकि सभी तरह के इलाज रिम्स में ही संभव हो सके. निदेशक बंगलों में लालू यादव के रहने के मामले पर उन्होंने कहा कि फिलहाल वह अकेले आए हैं, इसलिए वह मोरहाबादी के गेस्ट हाउस में रह रहे हैं, लेकिन आने वाले समय में लालू यादव के स्वास्थ्य की समीक्षा की जाएगी, क्योंकि वह कई बीमारियों से ग्रसित हैं, इसिलिए उनकी बीमारी और सुरक्षा का दूसरा इंतजाम किया जायेगा. उसके बाद अगर जरूरत पड़ी तो बंगला खाली भी करा लिया जाएगा.

राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में समुचित इलाज

रिम्स में नए निदेशक के योगदान के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में सिर्फ कागजों के आधार पर नहीं, बल्कि वास्तविक में भी एम्स की तर्ज पर बन सकेगा और राज्य के मरीजों को राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में समुचित इलाज भी हो सकेगा.

Last Updated : Nov 17, 2020, 10:34 AM IST
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