रांची: रिम्स के डॉक्टर उस समय हैरान रह गए जब उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति के गले में ताला फंसा हुआ है. मरीज को देखने के बाद डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया और एक जटिल सर्जरी के बाद गले में फंसे ताले को बाहर निकाला गया. इएनटी के एचओडी डॉ. पीके सिंह की यूनिट के एसोसिएट प्रो. डॉ. जाहिद खान के नेतृत्व में इस सर्जरी को किया गया.
जानकारी के अनुसार, कोडरमा का रहने वाला यह युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त था. इस वजह से उसे हमेशा जंजीरों में जकड़ कर रखा जाता था. गुस्से में आकर वह किसी तरह जंजीर का ताला तोड़कर खा गया. उसके परिजनों को जैसे ही इस बात की जानकारी हुई उन्होंने उसे तुरंत डॉक्टर के पास दिखाया.
ट्रॉमा सेंटर में नहीं लिया गया भर्ती
मामले में डॉ. जाहिद खान ने बताया कि 23 साल का यह मरीज कोडरमा का रहने वाला है. पिछले शुक्रवार को मरीज को रिम्स में भर्ती किया गया था. एक्सरे से पता चला कि मरीज के गले के नीचे खाने के रास्ते में बड़े आकार का ताला फंसा है. ताला निगलने के बाद उसे धनबाद के किसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उसकी स्थिति को गंभीर देखते हुए उसे रिम्स रेफर कर दिया गया. रिम्स में मरीज चार-पांच विभाग भटकता रहा. ट्रॉमा सेंटर तक में भर्ती नहीं लिया गया. इएनटी विभाग पहुंचने पर डॉ. जाहिद ने ऑपरेशन कर ताला निकालने का मन बनाया.
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जा सकती थी जान
शनिवार को ऑपरेशन कर उसके गर्दन को खोलकर ताला बाहर निकाला गया, जिसके बाद से मरीज की स्थिति बेहतर है. ताला का आकार बड़ा होने के कारण बगैर गर्दन खोले निकालना संभव नहीं था. डॉ. जाहिद ने बताया कि इस केस में सबसे बड़ा कॉम्पलिकेशन लीक होता है. लीक के कारण गले से खाना या कोई अन्य पदार्थ गर्दन में लीक कर जाता है, जिससे सारा इंफेक्शन गर्दन में फैल जाता है, जिसके बाद क्षण भर में मौत हो सकती है. इस सफल ऑपरेशन में डॉ. जाहिद खान, डॉ. संगीता, डॉ. निभा, डॉ. रागिनी, एनेस्थीसिया से डॉ. खन्ना और डॉ. शालिनी शामिल थे.