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डीएसपीएमयू में कॉन्ट्रैक्ट पर प्रोफेसर की बहाली शुरू, घंटी के आधार पर दिया जाएगा मानदेय

डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में गठन के बाद से ही प्रोफेसर्स की कमी है, जिसके कारण विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसे देखते हुए विश्वविद्यालय ने फिलहाल अपने स्तर पर यूजी कोर्स के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर घंटी आधारित प्रोफेसर्स की बहाली प्रक्रिया शुरू की है.

Resumption of professors on contract in DSPMU in ranchi
प्रोफेसरों की बहाली शुरू
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Published : Nov 25, 2020, 6:20 PM IST

रांची: डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) में प्रोफेसर की भारी कमी है, जिसके कारण विद्यार्थियों को पठन-पाठन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना वायरस के दौर में ऑनलाइन पठन-पाठन में भी समस्याएं आ रही है. इसे देखते हुए विश्वविद्यालय ने फिलहाल अपने स्तर पर यूजी कोर्स के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर घंटी आधारित प्रोफेसरों की बहाली प्रक्रिया शुरू की है.

देखें पूरी खबर
डीएसपीएमयू गठन के बाद से ही प्रोफेसर की कमी की मार झेल रहा है. इस विश्वविद्यालय में स्थायी प्रोफेसरों की भारी कमी है. हालांकी विश्वविद्यालय अपने स्तर पर समय-समय पर कॉन्ट्रैक्ट पर प्रोफेसर्स की बहाली करता रहा है. एक बार फिर विद्यार्थियों को परेशानी ना हो, उनका पठन-पाठन सुचारू तरीके से संचालित हो, इसे देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से यूजी कोर्स के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर घंटी आधारित प्रोफेसरों की बहाली प्रक्रिया शुरू की गई है. आवेदनों की स्क्रूटनी के बाद प्रशासन ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की तिथि 28 नवंबर से 5 दिसंबर तय किया है.इसे भी पढे़ं:- जमशेदपुर में एशिया कप या कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए करेंगे प्रयास: अर्जुन मुंडाघंटी के आधार पर दिया जाएगा मानदेयविश्वविद्यालय के कुलपति एसएन मुंडा ने अहर्ता पूरा करने वाले अभ्यर्थियों को मैट्रिक से लेकर पीजी तक की डिग्री, शैक्षणिक अनुभव प्रमाण पत्र, रिसर्च पब्लिकेशन समेत अन्य कागजात लेकर वेरिफिकेशन के साथ उपस्थित होने को निर्देशित किया है. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद योग्य अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाएगा. उसके बाद उन्हें बहाल किया जाएगा. कॉन्ट्रैक्ट आधार पर उन्हें रखा जाएगा. घंटी आधारित उन्हें मानदेय दिया जाएगा.

रांची: डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) में प्रोफेसर की भारी कमी है, जिसके कारण विद्यार्थियों को पठन-पाठन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना वायरस के दौर में ऑनलाइन पठन-पाठन में भी समस्याएं आ रही है. इसे देखते हुए विश्वविद्यालय ने फिलहाल अपने स्तर पर यूजी कोर्स के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर घंटी आधारित प्रोफेसरों की बहाली प्रक्रिया शुरू की है.

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डीएसपीएमयू गठन के बाद से ही प्रोफेसर की कमी की मार झेल रहा है. इस विश्वविद्यालय में स्थायी प्रोफेसरों की भारी कमी है. हालांकी विश्वविद्यालय अपने स्तर पर समय-समय पर कॉन्ट्रैक्ट पर प्रोफेसर्स की बहाली करता रहा है. एक बार फिर विद्यार्थियों को परेशानी ना हो, उनका पठन-पाठन सुचारू तरीके से संचालित हो, इसे देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से यूजी कोर्स के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर घंटी आधारित प्रोफेसरों की बहाली प्रक्रिया शुरू की गई है. आवेदनों की स्क्रूटनी के बाद प्रशासन ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की तिथि 28 नवंबर से 5 दिसंबर तय किया है.इसे भी पढे़ं:- जमशेदपुर में एशिया कप या कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए करेंगे प्रयास: अर्जुन मुंडाघंटी के आधार पर दिया जाएगा मानदेयविश्वविद्यालय के कुलपति एसएन मुंडा ने अहर्ता पूरा करने वाले अभ्यर्थियों को मैट्रिक से लेकर पीजी तक की डिग्री, शैक्षणिक अनुभव प्रमाण पत्र, रिसर्च पब्लिकेशन समेत अन्य कागजात लेकर वेरिफिकेशन के साथ उपस्थित होने को निर्देशित किया है. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद योग्य अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाएगा. उसके बाद उन्हें बहाल किया जाएगा. कॉन्ट्रैक्ट आधार पर उन्हें रखा जाएगा. घंटी आधारित उन्हें मानदेय दिया जाएगा.
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