रांचीः कोरोना संक्रमण से पीड़ित रिम्स के रेजिडेंट डॉक्टर मोहम्मद सिराजुद्दीन की सोमवार को मौत हो गई. डॉ. सिराजुद्दीन के निधन से रिम्स के जूनियर और सीनियर डॉक्टरों के साथ पूरा रिम्स परिवार शोक में डूब गया है. इसके साथ ही रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JDA) आक्रोशित भी है. जेडीए ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है, जिसमें कहा कि 72 घंटे में सरकार जूनियर और सीनियर डॉक्टरों के हित में फैसला ले.
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मांगे पूरी नहीं की गई, तो किया जाएगा विरोध
रिम्स जेडीए ने डॉक्टर की कोरोना से मौत के बाद आपात बैठक की. जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता में मांग की कि मृत डॉक्टरों के परिजनों को मुआवजा, बीमा राशि मुहैया कराई जाए. जेडीए ने 72 घंटे में मांग पूरा करने का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर टाल मटोल किया गया, तो जेडीए तीव्र विरोध करने को मजबूर होगा.
जेडीए की मुख्य मांगें
- कोरोना संक्रमण से देहांत होने वाले फ्रंटलाइनर्स स्वास्थकर्मियों के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए
- कोरोना संक्रमित स्वास्थकर्मी के इलाज का खर्चा स्वास्थ्य बीमा के द्वारा झारखंड सरकार वहन करे
- कोरोना काल में काम कर रहे चिकित्सकों को सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे ही काम कराया जाए
- अभी तक 40-50 प्रतिशत चिकित्सक और उनके परिवार कोरोना का इलाज करते हुए संक्रमित हो चुके है. आर्थिक तंगी हमें भी हो रही है. चिकित्सकों के बकाया राशि (एरियर और प्रोत्साहन राशि) का यथाशीघ्र भुगतान करें
- महामारी की स्थिति को देखते हुए रिम्स में ECMO मशीन की यथा शीघ्र व्यवस्था की जाए