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पारा मेडिकल छात्रों का बढ़ा आक्रोश, कल्याण विभाग और पारा मेडिकल काउंसिल ने निबंधन का दिया आदेश - resentment of para medical students increase in ranchi

27 महीनों से राज्य के 190 एससी/एसटी पारा मेडिकल छात्र अपने डिग्री के निबंधन के लिए परेशान थे, जिसे पारा मेडिकल काउंसिल की ओर से निबंधित नहीं किया जा रहा था. अपनी डिग्री के निबंधन और भविष्य को देखते हुए सभी पारा मेडिकल छात्रों ने मंगलवार को झारखंड अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम के प्रबंध निदेशक कार्यालय में जाकर सुबह से ही धरना पर बैठ गए.

resentment of para medical students increase in ranchi
पारा मेडिकल छात्रों का बढ़ा आक्रोश
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Published : Mar 16, 2021, 10:19 PM IST

रांची: पिछले 27 महीनों से राज्य के 190 एससी/एसटी पारा मेडिकल छात्र अपने डिग्री के निबंधन के लिए परेशान थे, जिसे पारा मेडिकल काउंसिल की ओर से निबंधित नहीं किया जा रहा था. 2017-19 बैच के 190 दलित छात्र ऐसे हैं, जो पारा मेडिकल के 2 सालों के प्रशिक्षण लेने के बाद भी पारा मेडिकल काउंसिल की ओर से निबंधित नहीं किए जा रहे हैं. इस वजह से इन छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.

देखें पूरी खबर

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मेडिकल छात्र डिग्री निबंधन के लिए परेशान
27 महीनों से राज्य के 190 एससी/एसटी पारा मेडिकल छात्र अपने डिग्री के निबंधन के लिए परेशान थे, जिसे पारा मेडिकल काउंसिल की ओर से निबंधित नहीं किया जा रहा था. अपनी डिग्री के निबंधन और भविष्य को देखते हुए सभी पारा मेडिकल छात्रों ने मंगलवार को झारखंड अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम के प्रबंध निदेशक कार्यालय में जाकर सुबह से ही धरने पर बैठ गए.

रिम्स के पारामेडिकल काउंसिल कार्यालय में छात्रों का होगा स्क्रीनिंग
छात्रों की भीड़ को देखते हुए झारखंड राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम लिमिटेड के निदेशक अजय नाथ झा, पारा मेडिकल काउंसिल के निदेशक और रिम्स के अधीक्षक डॉक्टर विवेक कश्यप ने जिस विश्वविद्यालय में छात्रों ने प्रशिक्षण लिया था, उसके कार्यपालक पदाधिकारी के साथ बैठक की. इस दौरान घंटों विचार विमर्श होने के बाद यह निर्णय लिया गया कि सभी छात्र का 18, 20 और 25 मार्च को रिम्स के पैरामेडिकल काउंसिल कार्यालय में एक स्क्रीनिंग की जाएगी. इसमें छात्रों को अपना प्रमाण पत्र और अन्य महत्वपूर्ण कागजात लाने होंगे. उसके बाद सभी छात्रों का पारा मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा.

ये भी पढ़ें-JEE मेन परीक्षा में 6 बच्चों को मिला 100 परसेंटाइल, झारखंड के छात्र साकेत झा बने टॉपर


समस्याओं का निदान
इस दौरान बताया गया कि तकनीकी खराबी के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई थी. बैठक के बाद सभी समस्याओं का निदान कर लिया गया है, ताकि छात्रों को किसी तरह की परेशानी ना हो सके. ये सभी छात्र आईबीएन विश्वविद्यालय नामकुम में 2 साल तक प्रशिक्षण ले चुके हैं, लेकिन प्रशिक्षण लेने के बाद जब ये सभी छात्र पारा मेडिकल काउंसिल में निबंधन कराने पहुंचे तो इनका निबंधन लेने से इनकार कर दिया गया. जबकि ये सभी छात्र कल्याण विभाग के तरफ से मिले आर्थिक मदद के बाद ही नामकुम स्थित वाईबीएन (YBN) विश्वविद्यालय में नामांकन करवाया था. इसके बावजूद इनके रजिस्ट्रेशन को लेकर पारा मेडिकल काउंसिल ने इनकार कर दिया है, जिसके बाद सभी छात्रों ने राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विभाग निगम लिमिटेड के दफ्तर के सामने धरना पर बैठ गए और अपने निबंधन की मांग करने लगे.

कैसे होगा अन्य छात्रों की समस्या का समाधान
बैठक में लिए गए निर्णय को लेकर 190 पारा मेडिकल छात्रों ने खुशी जाहिर की है और कल्याण विभाग का धन्यवाद दिया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब कल्याण विभाग के तरफ से चयनित किए गए छात्रों को दिए गए प्रशिक्षण पर पारा मेडिकल काउंसिल वाईबीएन (Ybn) विश्वविद्यालय पर सवाल खड़ा कर रहा है तो उसी विद्यालय में पढ़ने वाले अन्य छात्रों की समस्या का समाधान कौन करेगा.

रांची: पिछले 27 महीनों से राज्य के 190 एससी/एसटी पारा मेडिकल छात्र अपने डिग्री के निबंधन के लिए परेशान थे, जिसे पारा मेडिकल काउंसिल की ओर से निबंधित नहीं किया जा रहा था. 2017-19 बैच के 190 दलित छात्र ऐसे हैं, जो पारा मेडिकल के 2 सालों के प्रशिक्षण लेने के बाद भी पारा मेडिकल काउंसिल की ओर से निबंधित नहीं किए जा रहे हैं. इस वजह से इन छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.

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मेडिकल छात्र डिग्री निबंधन के लिए परेशान
27 महीनों से राज्य के 190 एससी/एसटी पारा मेडिकल छात्र अपने डिग्री के निबंधन के लिए परेशान थे, जिसे पारा मेडिकल काउंसिल की ओर से निबंधित नहीं किया जा रहा था. अपनी डिग्री के निबंधन और भविष्य को देखते हुए सभी पारा मेडिकल छात्रों ने मंगलवार को झारखंड अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम के प्रबंध निदेशक कार्यालय में जाकर सुबह से ही धरने पर बैठ गए.

रिम्स के पारामेडिकल काउंसिल कार्यालय में छात्रों का होगा स्क्रीनिंग
छात्रों की भीड़ को देखते हुए झारखंड राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम लिमिटेड के निदेशक अजय नाथ झा, पारा मेडिकल काउंसिल के निदेशक और रिम्स के अधीक्षक डॉक्टर विवेक कश्यप ने जिस विश्वविद्यालय में छात्रों ने प्रशिक्षण लिया था, उसके कार्यपालक पदाधिकारी के साथ बैठक की. इस दौरान घंटों विचार विमर्श होने के बाद यह निर्णय लिया गया कि सभी छात्र का 18, 20 और 25 मार्च को रिम्स के पैरामेडिकल काउंसिल कार्यालय में एक स्क्रीनिंग की जाएगी. इसमें छात्रों को अपना प्रमाण पत्र और अन्य महत्वपूर्ण कागजात लाने होंगे. उसके बाद सभी छात्रों का पारा मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा.

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समस्याओं का निदान
इस दौरान बताया गया कि तकनीकी खराबी के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई थी. बैठक के बाद सभी समस्याओं का निदान कर लिया गया है, ताकि छात्रों को किसी तरह की परेशानी ना हो सके. ये सभी छात्र आईबीएन विश्वविद्यालय नामकुम में 2 साल तक प्रशिक्षण ले चुके हैं, लेकिन प्रशिक्षण लेने के बाद जब ये सभी छात्र पारा मेडिकल काउंसिल में निबंधन कराने पहुंचे तो इनका निबंधन लेने से इनकार कर दिया गया. जबकि ये सभी छात्र कल्याण विभाग के तरफ से मिले आर्थिक मदद के बाद ही नामकुम स्थित वाईबीएन (YBN) विश्वविद्यालय में नामांकन करवाया था. इसके बावजूद इनके रजिस्ट्रेशन को लेकर पारा मेडिकल काउंसिल ने इनकार कर दिया है, जिसके बाद सभी छात्रों ने राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विभाग निगम लिमिटेड के दफ्तर के सामने धरना पर बैठ गए और अपने निबंधन की मांग करने लगे.

कैसे होगा अन्य छात्रों की समस्या का समाधान
बैठक में लिए गए निर्णय को लेकर 190 पारा मेडिकल छात्रों ने खुशी जाहिर की है और कल्याण विभाग का धन्यवाद दिया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब कल्याण विभाग के तरफ से चयनित किए गए छात्रों को दिए गए प्रशिक्षण पर पारा मेडिकल काउंसिल वाईबीएन (Ybn) विश्वविद्यालय पर सवाल खड़ा कर रहा है तो उसी विद्यालय में पढ़ने वाले अन्य छात्रों की समस्या का समाधान कौन करेगा.

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