रांची: सिल्ली विधानसभा क्षेत्र के पिस्का गांव में कुंआ धंसान के बाद शुरू किया गया रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है. एनडीआरएफ की टीम की मदद से सभी छह लोगों के शव निकाल लिए गये हैं. इस घटना से पूरे गांव में चीख पुकार मची हुई है.
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मृतकों की पहचान 45 वर्षीय मनोहर मांझी, 60 वर्षीय रमेश चंद्र मांझी, 45 वर्षीय गुरूपद मांझी, 45 वर्षीय विष्णु चरण मांझी, 25 वर्षीय धनंजय बेदिया और 41 वर्षीय बहादुर मांझी के रूप में हुई है. सभी पिस्का गांव के निवासी थे. इस हादसे में दो लोगों को जीवित बचाया गया है. उनके नाम 17 वर्षीय भागीरथ मांझी और 18 वर्षीय अशोक मांझी हैं. कल रात तक दो शव निकाल लिए गये थे. शेष चार शवों को निकालने में काफी दिक्कत हुई. इस दौरान गांव के लोग रातभर इस आस में बैठे रहे कि शायद कोई चमत्कार हो जाए, कोई जिंदा बच निकले. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
20 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन: कुंआ में गिरे बछड़े को निकालने के दौरान मिट्टी धंस गई थी. इसके बाद सिल्ली थाना प्रभारी आकाशदीप के नेतृत्व में शुरूआती बचाव कार्य शुरू कराया गया. बाद में एनडीआरएफ की टीम पहुंची और रेस्क्यू में जुटी. थाना प्रभारी के मुताबिक कल शाम 5 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ जो 18 अगस्त को दोपहर 1 बजे समाप्त हुआ. कुल मिलाकर करीब 20 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला. लेकिन दुर्भाग्यवश कोई जीवित नहीं मिला.
एनडीआरएफ की टीम ने पोकलेन की मदद से ऑपरेशन को पूरा किया. सिल्ली के डीसपी क्रिस्टोफर केरकेट्टा ने कहा कि कुंआ धंस गया था. मिट्टी और पत्थर को हटाने में काफी परेशानी हुई. लेकिन एनडीआरएफ की टीम ने पोकलेन की मदद से बिना विराम लिए ऑपरेशन चलाया.
सुदेश महतो ने सरकार पर साधा निशाना: इस दौरान स्थानीय विधायक सुदेश महतो मौके पर ही डटे रहे. इस विपदा की घड़ी में मूरी में संचालित हिंडाल्को कंपनी की ओर से एंबुलेंस तैनात रखा गया था. ऑपरेशन पूरा होने के बाद आजसू विधायक सुदेश महतो ने पूरे घटनाक्रम पर दुख व्यक्त करते हुए व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि बेशक स्थानीय प्रशासन के लोग पहुंचे थे, लेकिन जिस स्तर पर सरकार को काम करना चाहिए था, वो नहीं दिखा. उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति दुख व्यक्त करते हुए मृतक के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.