रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लगभग 7 महीनों तक बंद रहने के बाद सरकार के आदेश के बाद गुरुवार से सभी धार्मिक स्थल खुल गए हैं. राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा-पाठ की. राज्यभर में सभी छोटे-बड़े मंदिर, मस्जिद और चर्च में श्रद्धालु पहुंचे.
इसे लेकर इन सभी जगहों पर मंदिर प्रबंधक और जिला प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार सभी तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं. झारखंड सरकार के आदेश के बाद अनलॉक 5.0 में मिले छूट के तहत गुरुवार को झारखंड के प्रसिद्ध देवघर स्थित बाबाधाम, रामगढ़ जिले में अवस्थित रजरप्पा मंदिर, दुमका का बासुकीनाथ मंदिर, रांची के पहाड़ी मंदिर आम श्रद्धालुओं के पूजा-अर्चना के लिए खोल दिया गया है.
इस मौके पर लंबे वक्त के बाद श्रद्धालु यहां पहुंचकर भगवान के दर्शन कर रहे हैं, लेकिन पहले दिन का नजारा काफी बदला-बदला नजर आया. यहां पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या पहले की तुलना में काफी कम देखने को मिली, परंतु भक्तों की आस्था और श्रद्धा में कोई कमी नहीं देखी गई.
राज्य के प्रसिद्ध रजरप्पा मंदिर में रामगढ़ की विधायक ममता देवी सुबह-सुबह मंदिर पहुंचकर भगवान का आशीर्वाद लिया. लंबे वक्त के बाद मंदिर खुलने से श्रद्धालुओं के साथ-साथ व्यापार से जुड़े लोगों में भी काफी खुशी है. लॉकडाउन के दौरान मंदिर बंद होने से इनके रोजी-रोटी पर संकट आ चुका था.
इधर, महीनों बाद मंदिर खुलने से परिसर के दुकानदार खुश तो हैं, लेकिन नियम-शर्तों को लेकर उनमें सरकार के प्रति नाराजगी भी है. पहले की अपेक्षा वैसी भी कम संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं, लेकिन संख्या निर्धारित होने से लोगों की संख्या काफी कम देखने को मिल रही है.
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इससे दुकानदारों को उम्मीद के अनुसार मुनाफा नहीं मिल रहा है. नए गाइडलाइन के अनुसार दूसरे राज्यों से श्रद्धालुओं का आगमन पर रोक है. ऐसे में पुरोहितों और दुकानदारों को मन माफिक कमाई नहीं हो पा रही है. सरकार से इनकी अपील है कि नियमों में बदलाव के साथ-साथ इस तरह की बंदिशों को खत्म करे. इस साल सबकुछ पहली बार हो रहा है, जब लोगों को सभी पर्व-त्यौहारों में सरकार की विशेष गाइडलाइन का इंतजार करना पड़ रहा हो.
इस नवरात्र भी राज्य सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है. इसी के मद्देनजर राज्यभर में तैयारियां चल रहीं है. आज से मंदिर के साथ-साथ अन्य धार्मिक स्थल भी आम लोगों के लिए खुल चुके हैं.
महीनों तक घर में ही पूजा-पाठ करने के बाद लोग भगवान के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे. लॉकडाउन के बाद अनलॉक-5.0 में आस्था और विश्वास की द्वार धीरे-धीरे लोगों के लिए सुलभ हो रहे हैं.