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रांची हिंसा में जख्मी नदीम के परिजनों ने सरकार से की बेहतर इलाज की मांग, डॉक्टर्स ने बताया ब्रेन डेड - नदीम का इलाज

रांची हिंसा में जख्मी नदीम के परिजनों ने उसके बेहतर इलाज की मांग सरकार (Relatives demand better treatment for Nadeem) से की है. 10 जून को घायल हुए नदीम की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. डॉक्टर्स ने उसे ब्रेन डेड करार दे दिया है.

Relatives demand better treatment for Nadeem injured in Ranchi violence
नदीम के परिजन
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Published : Jun 18, 2022, 9:51 PM IST

रांची: 10 जून को राजधानी रांची में हिंसक झड़प में घायल लोगों की स्थिति पर सिर्फ परिजनों की ही नहीं बल्कि प्रशासन की भी नजर बनी हुई है. पिछले शुक्रवार (10 जून) को जुमे के बाद हुई हिंसात्मक घटना में घायल हुए नदीम की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजनों ने सरकार से बेहतर इलाज की मांग (Relatives demand better treatment for Nadeem) की है. फिलहाल नदीम अंसारी रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में इलाजरत है और वेंटिलेटर पर उन्हें रखा गया है.

इसे भी पढ़ें- कोमा में रांची हिंसा के दौरान घायल नदीम, रिम्स में चल रहा इलाज

परिजनों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि पिछले 10 दिनों से उसकी स्थिति नाजुक है और डॉक्टर कुछ स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने इलाज के लिए सरकारी स्तर पर उपाय करने की गुहार लगाई है, जिसे उसके स्वास्थ्य में कुछ सुधार हो. उन्होंने बताया कि डॉक्टर्स ने उसका ब्रेन डेड हो चुका है, ऐसा बताया गया है. जिस वजह से घायल नदीम बेहोश पड़ा हुआ है और उसकी स्थिति जस की तस बनी हुई है.

देखें पूरी खबर

परिजनों ने कहा कि जिस प्रकार से पिछले 10 दिनों से नदीम की स्थिति नाजुक (Nadeem injured in Ranchi violence) बनी हुई है ऐसे में परिवार के लोग परेशान हैं. वो सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें बेहतर इलाज कर उनके परिवार के इकलौते चिराग को नई जिंदगी दी जाए. उन्होंने रिम्स प्रबंधन और जिला प्रशासन के लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि नदीम की नाजुक स्थिति होने के बावजूद भी पुलिस प्रशासन के लोग परिजनों को आने जाने में पाबंदी लगा रहे हैं और कई तरह की सख्ती बरत रहे हैं. उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि जब तक नदीम की हालत नाजुक बनी हुई है तब तक उनके परिजनों को मिलने में रियायत दी जाए ताकि वह परिवार के अन्य लोगों को उसकी स्थिति के बारे में सही जानकारी दे सके.


इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन की ओर से जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि 10 जून को हुई हिंसात्मक घटना में घायल लोगों को बेहतर इलाज में कोई कमी नहीं की जा रही है. लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से परिजनों को मिलने की अनुमति प्रशासन के लोगों के आदेश के बाद ही दी जाएगी. क्योंकि 10 जून की घटना में घायल लोगों में कई के आरोपी होने का संदेह हैं जो पुलिस की जांच के बाद स्पष्ट होगा इसीलिए सभी को पुलिस निगरानी में रखा गया है.

रांची: 10 जून को राजधानी रांची में हिंसक झड़प में घायल लोगों की स्थिति पर सिर्फ परिजनों की ही नहीं बल्कि प्रशासन की भी नजर बनी हुई है. पिछले शुक्रवार (10 जून) को जुमे के बाद हुई हिंसात्मक घटना में घायल हुए नदीम की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजनों ने सरकार से बेहतर इलाज की मांग (Relatives demand better treatment for Nadeem) की है. फिलहाल नदीम अंसारी रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में इलाजरत है और वेंटिलेटर पर उन्हें रखा गया है.

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परिजनों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि पिछले 10 दिनों से उसकी स्थिति नाजुक है और डॉक्टर कुछ स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने इलाज के लिए सरकारी स्तर पर उपाय करने की गुहार लगाई है, जिसे उसके स्वास्थ्य में कुछ सुधार हो. उन्होंने बताया कि डॉक्टर्स ने उसका ब्रेन डेड हो चुका है, ऐसा बताया गया है. जिस वजह से घायल नदीम बेहोश पड़ा हुआ है और उसकी स्थिति जस की तस बनी हुई है.

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परिजनों ने कहा कि जिस प्रकार से पिछले 10 दिनों से नदीम की स्थिति नाजुक (Nadeem injured in Ranchi violence) बनी हुई है ऐसे में परिवार के लोग परेशान हैं. वो सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें बेहतर इलाज कर उनके परिवार के इकलौते चिराग को नई जिंदगी दी जाए. उन्होंने रिम्स प्रबंधन और जिला प्रशासन के लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि नदीम की नाजुक स्थिति होने के बावजूद भी पुलिस प्रशासन के लोग परिजनों को आने जाने में पाबंदी लगा रहे हैं और कई तरह की सख्ती बरत रहे हैं. उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि जब तक नदीम की हालत नाजुक बनी हुई है तब तक उनके परिजनों को मिलने में रियायत दी जाए ताकि वह परिवार के अन्य लोगों को उसकी स्थिति के बारे में सही जानकारी दे सके.


इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन की ओर से जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि 10 जून को हुई हिंसात्मक घटना में घायल लोगों को बेहतर इलाज में कोई कमी नहीं की जा रही है. लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से परिजनों को मिलने की अनुमति प्रशासन के लोगों के आदेश के बाद ही दी जाएगी. क्योंकि 10 जून की घटना में घायल लोगों में कई के आरोपी होने का संदेह हैं जो पुलिस की जांच के बाद स्पष्ट होगा इसीलिए सभी को पुलिस निगरानी में रखा गया है.

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