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अवैध रुप से बने बिल्डिंग करा लें रेगुलर, नहीं तो देना होगा दोगुना होल्डिंग और वाटर टैक्स

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Published : Apr 10, 2023, 10:08 PM IST

Updated : Apr 10, 2023, 10:19 PM IST

झारखंड के शहरी क्षेत्र में वगैर नक्शा पास हुए बने घर वैध होंगे. इसके लिए राज्य सरकार ने योजना बनाई है जिसमें निर्धारित समय में अवैध रुप से बने बिल्डिंग रेगुलराइज कराये जा सकते हैं. मगर कानूनी पेंचिदगी इस तरह है कि इस योजना पर सवाल अभी से उठने लगे हैं.

Regularize illegal buildings in Ranchi
बैठक में मौजदू लोग
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रांची: राज्य के शहरी क्षेत्र में लंबे समय से बने अनाधिकृत बिल्डिंग को नियमितीकरण करने में सरकार जुट गई है. इसके तहत बनाई गई अनाधिकृत आवासीय निर्माण को नियमितीकरण करने के लिए योजना 2022 को सरकार जल्द लागू करने जा रही है. योजना के तहत 21 दिसंबर 2019 के पूर्व से निर्मित आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों का नियमितीकरण हो सकेगा. इस योजना को और अधिक प्रभावी और सरल बनाने के लिए सोमवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा कंस्ट्रक्शन कार्य से जुड़े विभिन्न संगठनों का सुझाव लिया गया. इस मौके पर नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि योजना के तहत निर्धारित समय में अनाधिकृत रूप से बने बिल्डिंग को नियमितीकरण कराई जा सकती है लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद यह सुविधा दूसरी बार उन्हें नहीं मिलेगी. जिस बिल्डिंग का नियमितीकरण नहीं होगा उससे विभाग होल्डिंग और वाटर टैक्स दोगुना दर से वसुला जायेगा.

ये भी पढ़ें- 31 दिसंबर 2019 के पूर्व अनाधिकृत रूप से निर्मित भवन होंगे नियमित, सीएम ने दी सहमति

नियमितीकरण को सरल बनाने की मांग: राजधानी सहित पूरे राज्य भर के विभिन्न शहरों में बने अनाधिकृत निर्मित भवनों के नियमितीकरण को सरल बनाने की मांग उठने लगी है. नगर विकास विभाग के द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान रांची सांसद संजय सेठ, रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, क्रेडाई के अध्यक्ष कुमुद झा, चेंबर ऑफ कॉमर्स के किशोर मंत्री सहित अन्य लोगों ने सरकार से सरल नियम बनाने का आग्रह किया. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग अवैध रूप से बने अपने बिल्डिंग को नियमितीकरण कराने का काम करा सकें.

रांची सांसद संजय सेठ नए भवनों का नक्शा पारित करने की प्रक्रिया आसान करने की मांग करते हुए कहा इसे कोई भी आर्किटेक्ट बिल्डिंग बायलॉज के अनुरूप नक्शा बनाकर वेबसाइट पर अपलोड करने की व्यवस्था होना चाहिए ताकि नागरिक अपना भवन निर्माण करा सकें. नगर विकास विभाग का काम यह देखना है कि नियमावली के अनुसार भवन निर्माण हो. उन्होंने कहा कि रांची के हजारों पुराने भवन मालिकों के पास उनके पुराने नक्शे नहीं हैं जबकि वे लगातार होल्डिंग टैक्स भी दे रहे हैं. नगर निगम के पास उन लोगों का रिकॉर्ड होगा उसे निकालकर उपलब्ध कराएं ताकि नागरिक उनका रेगुलराइजेशन करा सकें. उन्होंने कहा कि भवन निर्माण नक्शे को पारित करना और रेगुलराइजेशन के काम को धन उगाही और भयादोहन का साधन ना बनाया जाए. अगर कोई बिल्डिंग सरकारी जमीन पर नहीं बना है तो उसे सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर रेगुलराइज करना चाहिए.

नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि जो वर्तमान तैयारी की गई है उससे 10% भी लोग लाभान्वित नहीं हो पाएंगे और समस्या जस की तस बनी रहेगी. इधर चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष अंचल किंगर ने कहा कि सरकार को अवैध रूप से बने बिल्डिंग को रेगुलराइज करने के लिए बिल्डिंग ऊंचाई का आधार बनाकर रखना चाहिए ना कि 500 वर्ग मीटर तक प्लॉट क्षेत्र. इसके अलावा रेगुलराइज करने के लिए जो कागजात मांगे जा रहे हैं वह भी जमीन और घर मालिकों के लिए काफी मुश्किल भरा काम है. ऐसे में सरकार को नियम को और शिथिल और सरल बनाकर आम लोगों के हितों का ध्यान में रखकर निर्णय लेना चाहिए.

इस तरह से बनाई गई है नियमितीकरण की योजना: नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर अवैध रूप से बने बिल्डिंग को रेगुलराइज करने के लिए योजना बनाई है. इसके तहत वैसे बिल्डिंग जिसकी ऊंचाई 15 मीटर तक हो लेकिन केवल ग्राउंड प्लस 3 मंजिला का होना चाहिए तथा 500 वर्ग मीटर तक प्लॉट क्षेत्र और 500 वर्ग मीटर से अधिक का प्लॉट क्षेत्र जिसका प्लिंथ क्षेत्र 75% या 500 वर्ग मीटर जो भी कम होना चाहिए उसे ही रेगुलराइज किया जाएगा. आवासीय और गैर आवासीय भवनों के नियमितीकरण के लिए विभाग के द्वारा शुल्क का भी निर्धारण किया गया है.

नगर पंचायत स्थित आवासीय भवन के लिए 50 रुपए प्रति वर्ग मीटर एवं गैर आवासीय के लिए 75 रुपए प्रति वर्ग मीटर, नगर पालिका परिषद आवासीय भवन के लिए 75 रुपए प्रति वर्ग मीटर एवं गैर आवासीय भवन के लिए 100 रुपए प्रति वर्ग मीटर तथा नगर निगम विकास प्राधिकरण या नगरपालिका क्षेत्र स्थित आवासीय भवन के लिए 100 रुपए प्रति वर्ग मीटर एवं गैर आवासीय भवन के लिए 150 रुपए प्रति वर्ग मीटर की राशि निर्धारित की गई है.

बहरहाल सरकार के द्वारा की गई पहल की सराहना जरूर की जा रही है. मगर सरकार को जरूर ध्यान रखना होगा कि नियम की पेंचिदगी को यदि सरल नहीं किया गया तो झारखंड के शहरी क्षेत्र में वगैर नक्सा पास के बने हजारों भवन को वैध बनाना नामुमकिन होगा.

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रांची: राज्य के शहरी क्षेत्र में लंबे समय से बने अनाधिकृत बिल्डिंग को नियमितीकरण करने में सरकार जुट गई है. इसके तहत बनाई गई अनाधिकृत आवासीय निर्माण को नियमितीकरण करने के लिए योजना 2022 को सरकार जल्द लागू करने जा रही है. योजना के तहत 21 दिसंबर 2019 के पूर्व से निर्मित आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों का नियमितीकरण हो सकेगा. इस योजना को और अधिक प्रभावी और सरल बनाने के लिए सोमवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा कंस्ट्रक्शन कार्य से जुड़े विभिन्न संगठनों का सुझाव लिया गया. इस मौके पर नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि योजना के तहत निर्धारित समय में अनाधिकृत रूप से बने बिल्डिंग को नियमितीकरण कराई जा सकती है लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद यह सुविधा दूसरी बार उन्हें नहीं मिलेगी. जिस बिल्डिंग का नियमितीकरण नहीं होगा उससे विभाग होल्डिंग और वाटर टैक्स दोगुना दर से वसुला जायेगा.

ये भी पढ़ें- 31 दिसंबर 2019 के पूर्व अनाधिकृत रूप से निर्मित भवन होंगे नियमित, सीएम ने दी सहमति

नियमितीकरण को सरल बनाने की मांग: राजधानी सहित पूरे राज्य भर के विभिन्न शहरों में बने अनाधिकृत निर्मित भवनों के नियमितीकरण को सरल बनाने की मांग उठने लगी है. नगर विकास विभाग के द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान रांची सांसद संजय सेठ, रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, क्रेडाई के अध्यक्ष कुमुद झा, चेंबर ऑफ कॉमर्स के किशोर मंत्री सहित अन्य लोगों ने सरकार से सरल नियम बनाने का आग्रह किया. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग अवैध रूप से बने अपने बिल्डिंग को नियमितीकरण कराने का काम करा सकें.

रांची सांसद संजय सेठ नए भवनों का नक्शा पारित करने की प्रक्रिया आसान करने की मांग करते हुए कहा इसे कोई भी आर्किटेक्ट बिल्डिंग बायलॉज के अनुरूप नक्शा बनाकर वेबसाइट पर अपलोड करने की व्यवस्था होना चाहिए ताकि नागरिक अपना भवन निर्माण करा सकें. नगर विकास विभाग का काम यह देखना है कि नियमावली के अनुसार भवन निर्माण हो. उन्होंने कहा कि रांची के हजारों पुराने भवन मालिकों के पास उनके पुराने नक्शे नहीं हैं जबकि वे लगातार होल्डिंग टैक्स भी दे रहे हैं. नगर निगम के पास उन लोगों का रिकॉर्ड होगा उसे निकालकर उपलब्ध कराएं ताकि नागरिक उनका रेगुलराइजेशन करा सकें. उन्होंने कहा कि भवन निर्माण नक्शे को पारित करना और रेगुलराइजेशन के काम को धन उगाही और भयादोहन का साधन ना बनाया जाए. अगर कोई बिल्डिंग सरकारी जमीन पर नहीं बना है तो उसे सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर रेगुलराइज करना चाहिए.

नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि जो वर्तमान तैयारी की गई है उससे 10% भी लोग लाभान्वित नहीं हो पाएंगे और समस्या जस की तस बनी रहेगी. इधर चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष अंचल किंगर ने कहा कि सरकार को अवैध रूप से बने बिल्डिंग को रेगुलराइज करने के लिए बिल्डिंग ऊंचाई का आधार बनाकर रखना चाहिए ना कि 500 वर्ग मीटर तक प्लॉट क्षेत्र. इसके अलावा रेगुलराइज करने के लिए जो कागजात मांगे जा रहे हैं वह भी जमीन और घर मालिकों के लिए काफी मुश्किल भरा काम है. ऐसे में सरकार को नियम को और शिथिल और सरल बनाकर आम लोगों के हितों का ध्यान में रखकर निर्णय लेना चाहिए.

इस तरह से बनाई गई है नियमितीकरण की योजना: नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर अवैध रूप से बने बिल्डिंग को रेगुलराइज करने के लिए योजना बनाई है. इसके तहत वैसे बिल्डिंग जिसकी ऊंचाई 15 मीटर तक हो लेकिन केवल ग्राउंड प्लस 3 मंजिला का होना चाहिए तथा 500 वर्ग मीटर तक प्लॉट क्षेत्र और 500 वर्ग मीटर से अधिक का प्लॉट क्षेत्र जिसका प्लिंथ क्षेत्र 75% या 500 वर्ग मीटर जो भी कम होना चाहिए उसे ही रेगुलराइज किया जाएगा. आवासीय और गैर आवासीय भवनों के नियमितीकरण के लिए विभाग के द्वारा शुल्क का भी निर्धारण किया गया है.

नगर पंचायत स्थित आवासीय भवन के लिए 50 रुपए प्रति वर्ग मीटर एवं गैर आवासीय के लिए 75 रुपए प्रति वर्ग मीटर, नगर पालिका परिषद आवासीय भवन के लिए 75 रुपए प्रति वर्ग मीटर एवं गैर आवासीय भवन के लिए 100 रुपए प्रति वर्ग मीटर तथा नगर निगम विकास प्राधिकरण या नगरपालिका क्षेत्र स्थित आवासीय भवन के लिए 100 रुपए प्रति वर्ग मीटर एवं गैर आवासीय भवन के लिए 150 रुपए प्रति वर्ग मीटर की राशि निर्धारित की गई है.

बहरहाल सरकार के द्वारा की गई पहल की सराहना जरूर की जा रही है. मगर सरकार को जरूर ध्यान रखना होगा कि नियम की पेंचिदगी को यदि सरल नहीं किया गया तो झारखंड के शहरी क्षेत्र में वगैर नक्सा पास के बने हजारों भवन को वैध बनाना नामुमकिन होगा.

Last Updated : Apr 10, 2023, 10:19 PM IST
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