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झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से किया सवाल, रांची-टाटा हाइवे पर स्पीड गन लगाने की क्या है स्थिति, 3 फरवरी को अगली सुनवाई

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Published : Jan 27, 2021, 8:09 PM IST

एनएच-33 पर गाड़ियों की तेज गति की वजह से हो रहे सड़क हादसे पर रोक लगाने के बिंदुओं पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि स्पीड टेस्टिंग गन लगाने के जो निर्देश दिए गए थे उसकी क्या स्थिति है.

jharkhand high court
झारखंड हाई कोर्ट

रांची: एनएच 33 पर गाड़ियों की तेज गति की वजह से हो रहे सड़क हादसे पर रोक लगाने के बिंदुओं पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि गाड़ियों की स्पीड पर रोक लगाने के लिए प्रशासन को स्पीड टेस्टिंग गन लगाने के जो निर्देश दिए गए थे उसकी क्या स्थिति है.

देखिये पूरी खबर

पिछली बार हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि सड़क हादसे को रोकने के लिए गाड़ियों की स्पीड पर लगाम लगाने की जरूरत है. जरूरत पड़े तो टोल प्लाजा पर जुर्माना भी वसूला जाए. कोर्ट ने रोड सेफ्टी कमेटी की गाइडलाइन को सख्ती से लागू कराने का निर्देश दिया था. इस मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी को होगी.

यह भी पढ़ें: रांची में इस गांव की महिलाएं 'साबुन' से धो रही बेरोजगारी का कलंक, आत्मनिर्भर बन मल्टीनेशनल कंपनियों को दे रही टक्कर

कोर्ट ने रांची और जमशेदपुर डीसी को सड़क किनारे जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का भी निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि सड़क के किनारे जितने पेड़ कट रहे हैं उसका दस गुना पेड़ लगाया जाए. सुनवाई के दौरान शपथ पत्र के माध्यम से वन विभाग की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सड़क निर्माण के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस दे दी गई है. संबंधित विभाग को फॉरेस्ट पदाधिकारी के पास पैसा जमा करने का निर्देश दिया गया है.

रांची: एनएच 33 पर गाड़ियों की तेज गति की वजह से हो रहे सड़क हादसे पर रोक लगाने के बिंदुओं पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि गाड़ियों की स्पीड पर रोक लगाने के लिए प्रशासन को स्पीड टेस्टिंग गन लगाने के जो निर्देश दिए गए थे उसकी क्या स्थिति है.

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पिछली बार हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि सड़क हादसे को रोकने के लिए गाड़ियों की स्पीड पर लगाम लगाने की जरूरत है. जरूरत पड़े तो टोल प्लाजा पर जुर्माना भी वसूला जाए. कोर्ट ने रोड सेफ्टी कमेटी की गाइडलाइन को सख्ती से लागू कराने का निर्देश दिया था. इस मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी को होगी.

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कोर्ट ने रांची और जमशेदपुर डीसी को सड़क किनारे जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का भी निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि सड़क के किनारे जितने पेड़ कट रहे हैं उसका दस गुना पेड़ लगाया जाए. सुनवाई के दौरान शपथ पत्र के माध्यम से वन विभाग की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सड़क निर्माण के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस दे दी गई है. संबंधित विभाग को फॉरेस्ट पदाधिकारी के पास पैसा जमा करने का निर्देश दिया गया है.

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