रांची:1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को राज्य में लागू कराने की मांग को लेकर अपनी ही सरकार की नीतियों के खिलाफ सदन से सड़क तक हल्ला बोलने वाले झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम शुक्रवार को रांची के चुटिया स्थित अतिप्राचीन और ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर पहुंच गए. वहां मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की पूजा आराधना की और भगवान से राज्य के सुखद भविष्य के लिए 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग की.
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चुटिया श्रीराम मंदिर ही क्यों गए लोबिन: रांची के चुटिया स्थित अति प्राचीन भगवान श्रीराम मंदिर जाने का राज भी विधायक लोबिन हेंब्रम ने ईटीवी भारत से बातचीत के क्रम में खोल दिया. उन्होंने कहा कि मुझे किसी ने बताया कि "अबुआ दिशोम, अबुआ राज" के लिए धरती आबा बिरसा मुंडा ने भी चुटिया भगवान राम मंदिर में जाकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की पूजा आराधना की थी. इसलिए आज जब वह 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति नियोजन नीत ,सीएनटी, एसपीटी, पेसा कानून और 13 जिलों में पंचायत चुनाव का विरोध की लड़ाई वह लड़ रहे हैं तो उन्हें लगा कि धरती आबा की तरह ही वह भी भगवान श्रीराम से आशीर्वाद लेकर इस लड़ाई को मुकाम तक ले जा सकेंगे.
विरोध की नहीं, चुनावी एजेंडी की भाषा बोल रहा हूं: आज जेएमएम के बागी विधायक लोबिन हेंब्रम ने भगवान श्रीराम की पूजा की और 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति, नियोजन नीति के लिए शुरू किए आंदोलन की सफलता के लिए भगवान से बल मांगा ताकि वह इस निर्णायक लड़ाई को मुकाम तक पहुंचा सकें. उन्होंने कहा कि सरकार या पार्टी विरोधी भाषा नहीं बोल रहे हैं बल्कि हम चुनावी एजेंडे की बात कर रहे हैं.
शिबू सोरेन मेरे भगवान जैसे: पूजा अर्चना के बाद अपने आवास पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि वे हर दिन सुबह उठकर भगवान को याद करते हैं उसके बाद शिबू सोरेन को याद करते है. ऐसे में कोई उन्हें शिबू सोरेन की तस्वीर लगाने से कैसे रोक सकता है. लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि शिबू सोरेन से मिलने की कोशिश करेंगे और उनकी तस्वीर लगाने से पार्टी मना नहीं कर सकती, क्योंकि गुरूजी उनके गुरू और भगवान हैं.