रांची: मंगलवार को झारखंड विधानसभा पहुंचे विभिन्न दलों के विधायकों ने बिहार विधानसभा प्रकरण पर मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की. विधायक सरयू राय ने पूरे प्रकरण पर चली चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि नीतीश कुमार जैसे मुख्यमंत्री ने जो बात कही है वह अजुबा है, जरूर कोई ना कोई बात रही होगी. पूर्वमंत्री और भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी ने बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभाध्यक्ष विजय सिन्हा के बीच हुई बहस को सकारात्मक बताते हुए कहा है कि इसका लाभ आने वाले समय में मिलेगा.
ये भी पढ़ें- विधानसभा में CM नीतीश हुए अध्यक्ष पर आगबबूला
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत सदन के अंदर अपनी बातों को लोग रखते हैं. इसे साकारात्मक रुप में लेना चाहिए. इससे लोकतंत्र के लिए हितकारी चीजें निकलकर आयेंगी. इधर कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने बिहार विधानसभा प्रकरण को लोकतंत्र के लिए घातक बताते हुए कहा है इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए. संसदीय व्यवस्था में जनता से चुनकर आने वाले हम विधायक जनता से जुड़ी बातों को सदन में उठाते हैं. इधर माले विधायक विनोद सिंह ने बिहार विधानसभा प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सदन में आसन का काम होता है पक्ष हो या विपक्ष सभी की ओर से आनेवाले प्रश्नों का जवाब उपलब्ध कराना. मगर अक्सर देखा जाता है कि सरकार में बैठे लोग इसका जवाब सही से नहीं देते. लेकिन मुख्यमंत्री का आग बबुला होना उचित नहीं है.
जानिए क्या है मामला: लखीसराय की घटना को लेकर बिहार में भाजपा और जदयू के बीच खटास बढ़ रही है. बिहार विधानसभा में भी लगातार यह मामला उठ रहा है. इस बात को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सोमवार को बिहार विधानसभाध्यक्ष विजय सिन्हा को संविधान के दायरे में काम करने की नसीहत दी है. दरअसल, लखीसराय के एक कांड की जांच सदन की विशेषाधिकार समिति को सौंपे जाने के बाद भी सोमवार को उसके संदर्भ में सवाल पूछे जाने और उस बाबत विधानसभा अध्यक्ष की टिप्पणी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खासे नाराज हो गये.
उन्होंने एक ही मामले को बार-बार उठाने और विशेषाधिकार समिति को सौंपे जाने के बाद भी उठाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि किसी अपराध की जांच रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाती है न कि विधानसभा को. उन्होंने कहा कि संविधान में तीनों अंगों के कामों का निर्धारण स्पष्ट है. आसन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ऐसा हस्तक्षेप मंजूर नहीं है. आप संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. ऐसे सदन नहीं चलेगा.