रांची: कांग्रेस चिंतन शिविर में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के बयान ने झारखंड की राजनीति में नया तूफान ला दिया है. राजद ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और भाजपा को मजबूत करने वाला बताते हुए तत्काल इस्तीफा देने की मांग कर दी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बन्ना गुप्ता के मुख्यमंत्री को लेकर दिए बयान को उनका व्यक्तिगत विचार बताते हुए कहा कि झामुमो केंद्रीय नेतृत्व का ध्यान बन्ना गुप्ता के बयान पर है. महागठबंधन दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप को दिखावे के नूराकुश्ती बताते हुए भाजपा नेता सीपी सिंह ने कहा कि ये लोग आपस में लड़ेंगे पर मोदी जी के भय से एकजुट रहेंगे. सीपी सिंह ने कहा कि सत्ता की मलाई खाने के लिए ये लोग इसी तरह करते रहेंगे.
ये भी पढ़ें- मंत्री बन्ना का दर्द: कहा- CM ही चाहते हैं कांग्रेस की बर्बादी, मां भारती के लिए दे सकता हूं इस्तीफा
आरजेडी ने मांगा बन्ना का इस्तीफा: राजद के नेता राजेश यादव ने कहा कि जब बन्ना गुप्ता को ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कांग्रेस को कमजोर करने में लगे हैं या सभी क्रेडिट मुख्यमंत्री खुद ले रहे हैं, तो इन कांग्रेसियों को सत्ता छोड़ देनी चाहिए. राजेश यादव ने बन्ना गुप्ता के कांग्रेस चिंतन शिविर में दिए वक्तव्य को महागठबंधन धर्म के खिलाफ बताते हुए तत्काल मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देने की मांग की है.
जेएमएम ने कहा हेमंत को धन्यवाद कहें बन्ना: झामुमो नेता मनोज पांडेय ने बन्ना गुप्ता के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि बन्ना गुप्ता को तो हेमंत सोरेन का धन्यवाद करना चाहिए. क्योंकि बहुत सारे विधायक थे जिसमें से हेमंत ने बन्ना गुप्ता को मौका दिया.
भाजपा का तंज: बन्ना और अन्य कांग्रेसी नेताओं के चिंतन शिविर में अपनी ही सरकार और उसके मुखिया की कार्यशैली पर उठाये जा रहे सवाल पर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि ये लोग इसी तरह लड़ते रहेंगे, लेकिन मोदी जी के डर से एक रहेंगे. सीपी सिंह ने कहा कि महागठबंधन में शामिल दलों के नेताओं को राष्ट्र और राज्य से कोई मतलब नहीं है, बल्कि इन्हें सत्ता की मलाई चाहिए.
ये भी पढ़ें- झारखंड में महागठबंधन में महाभारत से बढ़ा सियासी तापमान, बीजेपी ने कहा- सरकार में समन्वय की कमी
क्या कहा था बन्ना गुप्ता ने: गिरिडीह में कांग्रेस चिंतन शिविर में अपने संबोधन में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ही कांग्रेस को कमजोर करने का आरोप लगाया था और अपने इस्तीफे तक की बात की थी. वहीं विधायक दीपिका पांडेय सिंह और सुबोधकांत सहाय ने सरकार में कांग्रेस की उपेक्षा होने का आरोप लगाया था.