रांची: वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव 3 मार्च को झारखंड विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक बजट पेश करेंगे. दिन के 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही डॉ रामेश्वर उरांव के द्वारा सदन में बजट पढ़ा जाएगा. यह चौथा मौका होगा जब लगातार वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के द्वारा झारखंड सरकार का वार्षिक बजट पेश किया जाएगा. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री रघुवर दास के द्वारा लगातार पांच बार बजट पेश किया गया था.
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डॉ रामेश्वर उरांव के द्वारा पेश किए जाने वाले इस बार के बजट में क्या कुछ खास होगा किस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है. जानकारी के मुताबिक 2022-23 की तुलना में इस बार 2023-24 का वार्षिक बजट का आकार ज्यादा होगा. पिछली बार 1.01 लाख करोड़ का बजट पेश किया गया था. इस बार संभावना जताई जा रही है की 10 से 15% की वृद्धि होगी, जिसके तहत करीब 1 लाख 12 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट आ सकता है. इसके अलावा बजट में राज्य सरकार के द्वारा रोड कनेक्टिविटी के साथ-साथ शिक्षा स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास पर जोर देने की संभावना है. इन सबके बीच बजट सत्र के तीसरे दिन राज सरकार के द्वारा चालू वित्तीय वर्ष का तीसरा अनुपूरक बजट पेश किया गया है. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने 4546 करोड़ 27 लाख का अनुपूरक बजट सदन में पेश किया है.
राजनीतिज्ञों ने बजट से पूर्व कुछ इस तरह व्यक्त की प्रतिक्रिया: एक तरफ राज्य सरकार के द्वारा नए वित्तीय वर्ष के वार्षिक बजट को अंतिम रूप दिया जा रहा है और 3 मार्च को पेश करने की तैयारी की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ नए बजट आने से पहले राजनेताओं के अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं. भाजपा विधायक बिरंचि नारायण ने राज्य सरकार पर बजट प्रावधान के अनुरूप पैसे खर्च नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भारी-भरकम बजट लाकर सरकार दिखावा करने में लगी रहती है. मगर हकीकत यह है कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए आवंटित बजट राशि का 60 फीसदी भी खर्च नहीं हो पायी है.
वहीं, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने भी सरकार पर बजट राशि खर्च नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है की बजट से पूर्व अनुपूरक बजट लाना कहीं से भी उचित नहीं है. इधर सत्तापक्ष के विधायकों ने बजट से उम्मीद जताते हुए कहा है कि राज्य सरकार के द्वारा विकास का रोड मैप बनाकर बजट लाया जाता है. इसी के तहत इसबार का बजट यहां के स्थानीय मूल वासियों को ध्यान में रखते हुए लाया जाएगा. कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला और झामुमो विधायक जिगा सुसरन होरो ने विपक्ष के द्वारा उठाए जा रहे सवाल की आलोचना करते हुए कहा है कि सड़क बिजली स्वास्थ्य शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधा बढ़ाने के लिए बजट आकार में यदि वृद्धि हो तो क्या अनुचित है. विपक्ष केवल खामियों को गिनाने में जुटी रहती है बल्कि हकीकत यह है कि वर्तमान हेमंत सरकार के द्वारा राज्य में तेजी से विकास का कार्य हो रहा है. इसके लिए पैसे की जरूरत होती है उसी अनुरूप बजट का आकार भी होता है.