रांचीः रामगढ़ विधानसभ उपचुनाव में बीजेपी और आजसू गठबंधन ने बाजी मार ली है. दावे वादे चाहे जितने किए गए हो लेकिन जनता ने 27 फरवरी को जिन नेताओं की किस्मत ईवीएम में बंद की थी, 2 मार्च को जब वह खुली तो उसमें आजसू और बीजेपी के गठबंधन को जीत हासिल हुई.
रामगढ़ उपचुनाव में कुल 18 उम्मीदवार मैदान में थे. महागठबंधन और एनडीए के बीच में मेन मुकाबला था. दोनों तरफ से कई दावे और वादे किए गए. महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस प्रत्याशी बजरंग महतो मैदान में थे. वहीं एनडीए की तरफ से आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी मैदान में थीं. दोनों तरफ से खूब प्रचार प्रसार हुआ. लेकिन अंत में जीत आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी की किस्मत में आई. 2019 में वो कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी से चुनाव हार गई थी. वहीं इस जीत के बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि रामगढ़ की जनता ने तो इतिहास बदल दिया.
वहीं भाजपा नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी इस जीत से उत्साहित दिखे. उन्होंने कहा कि यह तो 2024 की शुरुआत है, जनता ने बीजेपी पर भरोसा किया, आजसू का साथ दिया. अब आगे-आगे देखिए होता है क्या, उन्होंने कहा कि रामगढ़ के परिणाम सरकार को आईना है. यह परिणाम बता रहा है कि हेमंत सोरेन सरकार पूरी तरह से फेल है.
हालांकि इस बाबत जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी हमारी योजनाएं धरातल तक तो पूरी तरह पहुंची नहीं है. हम जनता के बीच अपनी बातों के रख रहे हैं और अपने विकास की बात को लेकर जा रहे हैं.