ETV Bharat / state

रांचीः जीएसटी हिस्सेदारी पर सीएम सोरेन की प्रतिक्रिया, बोले जल्द दिया जाए बकाया भुगतान

जीएसटी में झारखंड सरकार की हिस्सेदारी पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य को केंद्र से कोई मुआवजा नहीं मिला है. सरकार ने अब तक 2,500 करोड़ का नुकसान मौजूदा वित्त वर्ष में सहा है.

सीएम सोरेन
सीएम सोरेन
author img

By

Published : Sep 4, 2020, 10:40 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 10:52 PM IST

रांचीः जीएसटी में झारखंड सरकार की हिस्सेदारी को लेकर चल रहे विवादों के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को राज्य की व्यथा बताई है. उन्होंने कहा कि राज्य को चलाने के लिए संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है और जिस तरह सभी राज्य ने विश्वास के तहत केंद्र सरकार के आगे घुटने टेक दिए अब केंद्र सरकार का दायित्व बनता है कि वह राज्य सरकारों का ध्यान रखें.

देखें पूरी खबर.

दरअसल शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जीएसटी बकाए को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. इस बाबत सीएम सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने संबंधित मंत्रालय को राज्य सरकार के बकाए को रिलीज करने हेतु निर्देश देने का आग्रह किया है.

पीएम को लिखे पत्र में किया सेस का जिक्र

साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास और बढ़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही उन्हें यह जानकारी मिली कि केंद्र सरकार ने जीएसटी के नुकसान की भरपाई को देने में असमर्थता जताई है.

उसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 2,500 करोड़ का नुकसान मौजूदा वित्त वर्ष में सहा है लेकिन अभी तक केंद्र से कोई मुआवजा नहीं मिला है.

केंद्र का ऋण देने का सुझाव बढ़ाएगा बोझ

सीएम ने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार को केंद्र ने उधार देने का विकल्प सुझाया है लेकिन यह झारखंड जैसे गरीब राज्य के लिए आसान नहीं है. साथ ही सीएम ने यह भी लिखा है कि लगभग 5000 करोड़ रुपए का शेष झारखंड भुगतान करता है, बदले में 150 करोड़ रुपए हर महीने मिलते हैं.

उन्होंने कहा कि जुलाई 2017 में जीएसटी लॉन्च किया गया और उस दौरान प्रधानमंत्री ने जो भाषण दिया था वह भी उन्हें भी याद है. पत्र में सीएम ने लिखा कि राज्यों ने अपने संसाधनों का नुकसान सहते हुए केंद्र के इस निर्णय का देश हित में समर्थन किया.

यह भी पढ़ेंः डीएसपीएमयू में अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन, 18 देशों के प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

उन्होंने कहा कि उधार लेने की सलाह देकर राज्य सरकार पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था अनिश्चित स्थिति में है, हर दिन सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इस समय किसानों, असंगठित क्षेत्र, प्रवासी श्रमिकों और बेरोजगार युवकों के लिए अधिक राशि की आवश्यकता है.

बुलाया गया है टाना भगतों को

वहीं टाना भगतों के आंदोलन पर सीएम ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी है और टाना भगतों को मैसेज भेज पाया गया है कि जो भी समस्याएं हैं उसके लिए राज्य सरकार उनसे बात करने को तैयार है.

साथ ही उन्हें कहा गया है कि वह आएं और अपनी बातों को सरकार के समक्ष रखें. सरकार उनकी बातों को निश्चित रूप से संज्ञान लेगी और कदम उठाएगी. दरअसल चंदवे में पिछले 3 दिन से टाना भगत रेलवे ट्रैक पर आंदोलन कर रहे हैं.

रांचीः जीएसटी में झारखंड सरकार की हिस्सेदारी को लेकर चल रहे विवादों के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को राज्य की व्यथा बताई है. उन्होंने कहा कि राज्य को चलाने के लिए संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है और जिस तरह सभी राज्य ने विश्वास के तहत केंद्र सरकार के आगे घुटने टेक दिए अब केंद्र सरकार का दायित्व बनता है कि वह राज्य सरकारों का ध्यान रखें.

देखें पूरी खबर.

दरअसल शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जीएसटी बकाए को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. इस बाबत सीएम सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने संबंधित मंत्रालय को राज्य सरकार के बकाए को रिलीज करने हेतु निर्देश देने का आग्रह किया है.

पीएम को लिखे पत्र में किया सेस का जिक्र

साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास और बढ़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही उन्हें यह जानकारी मिली कि केंद्र सरकार ने जीएसटी के नुकसान की भरपाई को देने में असमर्थता जताई है.

उसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 2,500 करोड़ का नुकसान मौजूदा वित्त वर्ष में सहा है लेकिन अभी तक केंद्र से कोई मुआवजा नहीं मिला है.

केंद्र का ऋण देने का सुझाव बढ़ाएगा बोझ

सीएम ने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार को केंद्र ने उधार देने का विकल्प सुझाया है लेकिन यह झारखंड जैसे गरीब राज्य के लिए आसान नहीं है. साथ ही सीएम ने यह भी लिखा है कि लगभग 5000 करोड़ रुपए का शेष झारखंड भुगतान करता है, बदले में 150 करोड़ रुपए हर महीने मिलते हैं.

उन्होंने कहा कि जुलाई 2017 में जीएसटी लॉन्च किया गया और उस दौरान प्रधानमंत्री ने जो भाषण दिया था वह भी उन्हें भी याद है. पत्र में सीएम ने लिखा कि राज्यों ने अपने संसाधनों का नुकसान सहते हुए केंद्र के इस निर्णय का देश हित में समर्थन किया.

यह भी पढ़ेंः डीएसपीएमयू में अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन, 18 देशों के प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

उन्होंने कहा कि उधार लेने की सलाह देकर राज्य सरकार पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था अनिश्चित स्थिति में है, हर दिन सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इस समय किसानों, असंगठित क्षेत्र, प्रवासी श्रमिकों और बेरोजगार युवकों के लिए अधिक राशि की आवश्यकता है.

बुलाया गया है टाना भगतों को

वहीं टाना भगतों के आंदोलन पर सीएम ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी है और टाना भगतों को मैसेज भेज पाया गया है कि जो भी समस्याएं हैं उसके लिए राज्य सरकार उनसे बात करने को तैयार है.

साथ ही उन्हें कहा गया है कि वह आएं और अपनी बातों को सरकार के समक्ष रखें. सरकार उनकी बातों को निश्चित रूप से संज्ञान लेगी और कदम उठाएगी. दरअसल चंदवे में पिछले 3 दिन से टाना भगत रेलवे ट्रैक पर आंदोलन कर रहे हैं.

Last Updated : Sep 4, 2020, 10:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.