ETV Bharat / state

रांची के इस 4 सौ साल पुराने मंदिर में भगवान शिव के साथ रावण की भी होती है पूजा! - पिठोरिया शिव मंदिर

भले ही रावण को बुराईयों का प्रतीक माना जाता हो, लोग उसे राक्षस कहते हो. लेकिन रांची से 17 किलोमीटर दूर एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान शिव के साथ-साथ रावण की भी पूजा होती है.

मंदिर में भगवान शिव के साथ रावण की होती है पूजा
author img

By

Published : Jul 22, 2019, 1:43 AM IST

रांची: राजधानी के पिठोरिया गांव में एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान शिव के साथ-साथ रावण की भी पूजा की जाती है. मंदिर के पुजारी का कहना है कि रावण भोलेनाथ का परम भक्त था. इस वजह से उनकी भी पूजा इस मंदिर में की जाती है. इस मंदिर के ऊपरी भाग पर विशाल दशानन रावण की आकृति बनी हुई है.

देखें पूरी खबर


रावण में लाख बुराइयों के बावजूद थी एक खासियत
रावण की जब भी बात आती है तो उसे हमेशा बुराइयों का प्रतीक समझा जाता है. यही कारण है कि विद्वान होने के बावजूद, उसकी अच्छाइयों को कम और बुराइयों को ज्यादा याद किया जाता है. रावण में लाख बुराइयों के बावजूद रावण में एक खासियत भी थी, वो बहुत बड़ा ज्ञानी और शिवभक्त था. इसी कारण इस मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ रावण की भी पूजा होती है.

इसे भी पढ़ें:- सावन की पहली सोमवारी को लेकर प्रशासन की तैयारी, रांची में 15 सौ जवान तैनात
मंदिर के पुजारी अवध मिश्रा ने बताया कि इस मंदिर में चार पीढ़ियों से उनके पूर्वज पूजा करते आ रहे हैं. इस मंदिर को बने हुए लगभग 400 साल हो चुके हैं. मंदिर की बाहरी दीवारों से लेकर अंदर तक कई देवी-देवताओं की मूर्ति बनी हुई है. मंदिर के अंदर शिवलिंग, नाग देवी, पार्वती, ब्रह्मा, गुरुड़ आदि की मूर्ति है. वहीं, उन्होंने बताया कि रावण बहुत बड़े ज्ञानी और विद्वान थे और जब भगवान शिव गृह प्रवेश कर रहे थे तो रावण ने ब्राह्मण का रूप लेकर उनका गृह प्रवेश करवाया था.

रांची: राजधानी के पिठोरिया गांव में एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान शिव के साथ-साथ रावण की भी पूजा की जाती है. मंदिर के पुजारी का कहना है कि रावण भोलेनाथ का परम भक्त था. इस वजह से उनकी भी पूजा इस मंदिर में की जाती है. इस मंदिर के ऊपरी भाग पर विशाल दशानन रावण की आकृति बनी हुई है.

देखें पूरी खबर


रावण में लाख बुराइयों के बावजूद थी एक खासियत
रावण की जब भी बात आती है तो उसे हमेशा बुराइयों का प्रतीक समझा जाता है. यही कारण है कि विद्वान होने के बावजूद, उसकी अच्छाइयों को कम और बुराइयों को ज्यादा याद किया जाता है. रावण में लाख बुराइयों के बावजूद रावण में एक खासियत भी थी, वो बहुत बड़ा ज्ञानी और शिवभक्त था. इसी कारण इस मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ रावण की भी पूजा होती है.

इसे भी पढ़ें:- सावन की पहली सोमवारी को लेकर प्रशासन की तैयारी, रांची में 15 सौ जवान तैनात
मंदिर के पुजारी अवध मिश्रा ने बताया कि इस मंदिर में चार पीढ़ियों से उनके पूर्वज पूजा करते आ रहे हैं. इस मंदिर को बने हुए लगभग 400 साल हो चुके हैं. मंदिर की बाहरी दीवारों से लेकर अंदर तक कई देवी-देवताओं की मूर्ति बनी हुई है. मंदिर के अंदर शिवलिंग, नाग देवी, पार्वती, ब्रह्मा, गुरुड़ आदि की मूर्ति है. वहीं, उन्होंने बताया कि रावण बहुत बड़े ज्ञानी और विद्वान थे और जब भगवान शिव गृह प्रवेश कर रहे थे तो रावण ने ब्राह्मण का रूप लेकर उनका गृह प्रवेश करवाया था.

Intro:Body:

GNGBN


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.