रांची: स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण विभाग ने निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए दर तय कर दी है. कोरोना संक्रमित और रिम्स में इलाज करा रहे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसकी जानकारी दी है. A कैटेगरी में रांची, पूर्वी सिंहभूम, धनबाद और बोकारो जिला को रखा गया है. B कैटेगरी में हजारीबाग, पलामू, देवघर, सरायकेला, रामगढ़ और गिरिडीह को रखा गया है. वहीं C कैटेगरी में शेष 14 जिलों को शामिल किया गया है.
निजी अस्पतालों को दो वर्गों में बांटा गया है. एक है नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर यानी एनएबीएच और दूसरा है गैर मान्यता प्राप्त एनएबीएच. ए कैटेगरी वाले जिलों के मरीज अगर एनएबीएच अस्पताल में भर्ती होते हैं और एसिंप्टोमेटिक पाए जाते हैं तो 6000 हजार देने होंगे. मॉडरेट इलनेस पर 10 हजार रु, सीवियर इलनेस पर 15 हजार और वेंटिलेटर सपोर्ट की स्थिति में 18 हजार रुपए देने होंगे. यानी अगर एसिंप्टोमेटिक मरीज जो 1 कैटेगरी वाले जिले का होगा और 10 दिन में ठीक हो जाएगा तो उसको सिर्फ 60 हजार रु देने होंगे.
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ए कैटेगरी वाले नॉन एनएबीएच मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में इलाज कराने पर दर अलग होगा. एसिंप्टोमेटिक को 5500, मॉडरेट को 8000, सीवियर इलनेस होता है तो 13000 और वेंटिलेटर सपोर्ट की स्थिति में 15000 रुपए देने होंगे. इसी तरह बी कैटेगरी और सी कैटेगरी के जिलों के लिए 4 पेज में मरीज के लक्षण के आधार पर अलग-अलग रेट तय कर दिया गया है. बी-कैटेगरी वाले जिले का कोरोना संक्रमित मरीज अगर एसिंप्टोमेटिक होगा और उसका इलाज 10 दिन तक चलेगा तो उसे अधिकतम 55000 देने होंगे. इसी तरह सी कैटेगरी जिले एसिंप्टोमेटिक मरीज को 10 दिन के इलाज पर अधिकतम 50000 रु देने होंगे. अन्य राज्यों के निजी अस्पतालों में लागू दर के अध्ययन के आधार पर इसे बनाया गया है. इसे लेकर सभी निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सूचित कर दिया गया है.
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दरअसल, निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने के आरोप लग रहे थे. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने इलाज का दर निर्धारित करने का फैसला लिया था, जिसे अमलीजामा पहना दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट कहा है कि अगर इसके बाद भी निजी अस्पताल की तरफ से मनमानी की जाती है और उन्हें शिकायत मिलती है तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
राज्य के सभी जिलों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है
कैटेगरी A
इसमें रांची, पूर्वी सिंहभूम, धनबाद और बोकारो है.
कैटेगरी B
इसमें हजारीबाग, पलामू, देवघर, सराकेला, रामगढ़ और गिरिडीह है.
कैटेगरी C
इसमें चतरा, दुमका, गढ़वा, गोड्डा, गुमला, जामताड़ा, खूंटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, साहेबगंज, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम है.
सभी जिला के अस्पतालों को दो कैटेगरी में बांटा गया है. पहली कैटेगरी एनएबीएच और दूसरी नॉन एनएबीएच है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ प्रकार की जांच की भी दर तय की गई है, जिसमें एबीजी जांच के लिए 400 रुपये, ब्लड सुगर लेबल के लिए 100 रुपये, डी-डीमर्स लेबल के लिए 800 रुपये, ह्यूमोग्लोबिन के लिए 150 रुपये, सीटी चेस्ट के लिए 3500 रुपये, एक्स रे चेस्ट के लिए 500 रुपये और इसीजी के लिए 300 रुपये लगेंगे.