रांची: एनसीआरबी के रिकॉर्ड के मुताबिक झारखंड में दुष्कर्म के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. साल 2020 में 1321 मामले रिकॉर्ड हुए थे. इनमें 1205 महिलाएं और 116 बच्चियां हैं. इसकी तुलना में साल 2021 में 1608 मामले दर्ज हुए हैं. यानी एक साल में 287 केस बढ़े हैं. 2020 में हर माह औसतन 110 केस रिकॉर्ड हो रहे थे. जबकि 2021 में हर माह औसतन 134 मामले दर्ज हो रहे हैं. इस हिसाब से पिछले साल की तुलना में 2021 में हर माह दुष्कर्म के 24 केस बढ़े हैं. अगर औसत की बात करें तो 2020 की तुलना में 2021 में दुष्कर्म के मामलों में 17.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
सामाजिक कार्यकर्ता दयामनि बारला का मानना है कि आधुनिकता के साथ सामाजिक सोच में विकृति आ रही है. कुछ समय पहले तक महिलाओं को टारगेट किया जाता था. लेकिन अब छोटी बच्चियों के साथ भी दरिंदगी हो रही है. उन्होंने कहा कि इसे सिर्फ विधि व्यवस्था की खामी से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. इस मामले में हर झारखंडी को आत्ममंथन करने की जरूरत है. वहीं झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार का मानना है कि पुलिस की सुस्ती की वजह से दोषियों को सजा दिलाने में देरी के कारण कानून का भय कम हो रहा है. पुलिस साक्ष्य जुटाने में असफल साबित हो रही है. इसी का नतीजा है कि झारखंड में दुष्कर्म जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं.
इस गंभीर मसले पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश का कहना है कि राज्य की विधि व्यवस्था चौपट हो गई है. हालत यह है कि शाम के बाद महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. यहां सिर्फ ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है. सरकार को विधि व्यवस्था से कोई मतलब नहीं है. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि यह राजनीति का मुद्दा नहीं है. भाजपा के लोगों को हर बात में राजनीति नजर आती है. उन्होंने कहा कि लोगों का कानून पर भरोसा बढ़ रहा है. इसी का नतीजा है कि लोग इंसाफ के लिए सामने आ रहे हैं. इसी वजह से केस में इजाफा दिख रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा को अगर तुलना करना है कि साल 2014 से 2019 के आंकड़ों के साथ चर्चा करे. पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी.
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में हर 16 मिनट पर दुष्कर्म की एक घटना होती है. हर दो दिन पर एक महिला के साथ गैंगरेप होता है. राजस्थान में दुष्कर्म की सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज हुई है. दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश है. देश में दर्ज रेप के कुल मामलों में 30 प्रतिशत केस इन्हीं दो राज्यों में दर्ज किए गये हैं. साल 2020 में पूरे देश में दुष्कर्म के मामलों में झारखंड सातवें स्थान पर था. झारखंड में साल 2020 में महिलाओं के खिलाफ अलग अलग तरह के अपराध के कुल 7,630 केस दर्ज हुए हैं.