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जानिए, पैसों की लेनदेन को लेकर रांची SSP ने लोगों से क्या अपील की?

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Published : Jun 18, 2021, 11:27 AM IST

राजधानी रांची में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कहा कि लोगों को सजग रहने की जरूरत है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि पैसों की लेनदेन के दौरान किसी पर भी भरोसा ना करें.

SSP Surendra Kumar Jha
एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा

रांची: राजधानी में पिछले तीन महीने में कई लूट की कई वारदात सामने आई. एक दो मामलों को छोड़ दे तो अधिकांश मामलों में लूट को अंजाम देने वाला करीबी ही निकलता है. यही वजह है कि रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा (SSP Surendra Kumar Jha) ने आम लोगों से अपील की है कि वो किसी भी कर्मचारी को रखने के पहले पूरी पड़ताल करतें हैं. जो लोग घरों में किरायेदार रख रहे हैं, वो ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन अपने किरायेदार की जानकारी पुलिस को जरूर दें.

ये भी पढ़ें- रांची: सवा करोड़ लूट मामले में पुलिस को मिले अहम सुराग, छह को लिया हिरासत में

अरगोड़ा और मैक्लुस्कीगंज में कर्मचारियों ने ही करवा दी थी लूट
एक महीने पहले रांची के मैक्लुस्कीगंज में एक कुरियर कंपनी में लूट और तीन दिन पहले अरगोड़ा के ग्रॉसरी गोदाम में हुई लूट के साजिशकर्ता पुराने कर्मी ही निकले. दोनों जगह हुई लूट में जब लूट की वारदात को अपराधी अंजाम दे रहे थे, उस वक्त कर्मचारी वही थे. उन्होंने ही अपराधियों को यह बताया था कि पैसा कितना है और कहां रखा हैं. रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र में एक कर्मचारी के अपराधियों से मात्र दोस्ती होने की वजह से ही एक सोनार के 28 लाख के गहने लूट लिए थे.

एसएसपी ने कहा कि अधिकांश मामलों में लूट के शिकार होने वाले व्यक्तियों को अपने कर्मचारियों पर शक नहीं होता है, क्योंकि वह बहुत पहले से उनके पास काम करते हैं. लेकिन पुलिस की मानें तो पैसों की लेनदेन के दौरान किसी पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता है. अगर आप कारोबारी हैं तो पैसा कब आने वाला है या कब किसको दिया जाना है, इसकी सूचना पहले से तय नहीं होनी चाहिए. अगर ज्यादा अमाउंट है तो आपको पुलिस सुरक्षा देकर पैसा गंतव्य तक पहुंचा सकती है. क्योंकि एक बार लूट हो जाने के बाद पुलिस की भी बदनामी होती है और लूट की पूरी रकम कभी-भी बरामद नहीं हो पाती है.

रांची: राजधानी में पिछले तीन महीने में कई लूट की कई वारदात सामने आई. एक दो मामलों को छोड़ दे तो अधिकांश मामलों में लूट को अंजाम देने वाला करीबी ही निकलता है. यही वजह है कि रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा (SSP Surendra Kumar Jha) ने आम लोगों से अपील की है कि वो किसी भी कर्मचारी को रखने के पहले पूरी पड़ताल करतें हैं. जो लोग घरों में किरायेदार रख रहे हैं, वो ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन अपने किरायेदार की जानकारी पुलिस को जरूर दें.

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अरगोड़ा और मैक्लुस्कीगंज में कर्मचारियों ने ही करवा दी थी लूट
एक महीने पहले रांची के मैक्लुस्कीगंज में एक कुरियर कंपनी में लूट और तीन दिन पहले अरगोड़ा के ग्रॉसरी गोदाम में हुई लूट के साजिशकर्ता पुराने कर्मी ही निकले. दोनों जगह हुई लूट में जब लूट की वारदात को अपराधी अंजाम दे रहे थे, उस वक्त कर्मचारी वही थे. उन्होंने ही अपराधियों को यह बताया था कि पैसा कितना है और कहां रखा हैं. रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र में एक कर्मचारी के अपराधियों से मात्र दोस्ती होने की वजह से ही एक सोनार के 28 लाख के गहने लूट लिए थे.

एसएसपी ने कहा कि अधिकांश मामलों में लूट के शिकार होने वाले व्यक्तियों को अपने कर्मचारियों पर शक नहीं होता है, क्योंकि वह बहुत पहले से उनके पास काम करते हैं. लेकिन पुलिस की मानें तो पैसों की लेनदेन के दौरान किसी पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता है. अगर आप कारोबारी हैं तो पैसा कब आने वाला है या कब किसको दिया जाना है, इसकी सूचना पहले से तय नहीं होनी चाहिए. अगर ज्यादा अमाउंट है तो आपको पुलिस सुरक्षा देकर पैसा गंतव्य तक पहुंचा सकती है. क्योंकि एक बार लूट हो जाने के बाद पुलिस की भी बदनामी होती है और लूट की पूरी रकम कभी-भी बरामद नहीं हो पाती है.

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