रांचीः होली रंगों और खुशियों का त्योहार है. इसके करीब आते ही मन उमंग और उत्साह से भर उठता है. खासकर एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है, जिसका आज भी क्रेज है. लेकिन केमिकलयुक्त रंग हमारी खुशियों पर ग्रहण लगा सकते हैं और किसी अपनी को मुसीबत में डाल सकते हैं. आजकल बाजार में तमाम हर्बल रंग, अबीर गुलाल मिलते हैं, इसके अलावा आप स्वयं भी घर पर अपने हाथ से रंग तैयार कर होली खेल सकते हैं, जिससे एक दूसरे के प्रति प्यार और बढ़ जाएगा. ऐसे में केमिकलयुक्त रंग से बचने में ही भलाई है. रांची के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋषि कुमार की भी यहां के लोगों को केमिकलयुक्त रंग से बचने की सलाह देते हैं. उन्होंने इससे बचाव के तरीके भी सुझाए हैं.
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हो सकती है यह परेशानी
बाल झड़ने की बढ़ती है आशंका
कई चिकित्सकों का कहना है कि केमिकल युक्त रंग अगर बाल में लगाते हैं तो डैंड्रफ जैसी समस्या हो सकती है और आपके बाल झड़ने के भी आसार बढ़ जाते हैं. केमिकल युक्त रंग हवा में उड़ते हैं और सांस संबंधित समस्या पैदा कर सकते हैं. खासकर दमा और सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीज को सूखे रंग से परहेज करने की जरूरत है. इसको लेकर प्रशासन की तरफ से भी चौकसी रखी जा रही है कि दुकानों में सिर्फ हर्बल कलर की बिक्री हो, लेकिन लोगों को भी सजग रहने की जरूरत है.
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रंग खेलने से पहले शरीर पर लगा लें मेडिकेटेड तेल
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ऋषि कुमार कहते हैं कि कोविड गाइडलाइन का पालन करना भी जरूरी है. इसके अलावा रंगों से होने वाले चर्म रोग से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान दें, जैसे कि रंग खेलने से पहले शरीर पर मेडिकेटेड तेल लगा लें, ताकि अगर केमिकल युक्त रंग चेहरे पर लग भी जाए तो उससे ज्यादा नुकसान न हो. वहीं उन्होंने बताया कि वसंत ऋतु के मौसम में ऐसे भी चर्म रोग से जुड़ी बीमारियां आम होती हैं. इसीलिए होली के समय में यह ध्यान रखने की जरूरत है कि त्वचा का विशेष ख्याल रखें, ताकि किसी तरह की कोई चर्म रोग न हो.