रांची: झारखंड में सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित है. मगर हकीकत इससे जुदा है. यहां धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग हो रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है? नगर निगम या दुकानदार या आम लोग जो सामान लेने वक्त प्लास्टिक की डिमांड करते हैं. ईटीवी भारत की पड़ताल में भी सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करते हुए लोगों को पाया गया. आईए पड़ताल की पूरी कहानी बताते हैं आपको.
समय के साथ यह नियम धाराशायी: सब्जी बाजार से लेकर शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर धरल्ले से प्रतिबंधित प्लास्टिक का यूज किया जा रहा है. प्रदूषित हो रहे पर्यावरण को बचाने के लिए झारखंड सहित देशभर में 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया था. शुरुआत में इस नियम को प्रभावी बनाने के लिए नगर निगम के माध्यम से कई तरह के अभियान भी चलाए गए थे. जागरूकता कार्यक्रम से लेकर कार्रवाई तक की चेतावनी दी गई. मगर समय के साथ यह नियम भी धाराशायी होता चला गया. प्रावधान के अनुसार इसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत कार्रवाई होनी है. जिसमें माल की जब्ती, पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली, उद्योग वाणिज्य प्रतिष्ठानों के संचालन को बंद करने जैसे नियम शामिल हैं.
धड़ल्ले से हो रहा सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग: प्रतिबंध के बावजूद भी धड़ल्ले से सिंगल यूज़ प्लास्टिक यूज़ हो रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने जब जमीनी हकीकत में कई बातों सामने आई. राजधानी रांची के सब्जी बाजारों एवं विभिन्न चौक चौराहों पर सिंगल यूज प्लास्टिक की थैली का यूज़ धड़ल्ले से हो रहा है. राजभवन के नजदीक बने सब्जी बाजार का जायजा लिया गया तो पाया गया कि सब्जी विक्रेता के साथ-साथ आम लोग भी प्लास्टिक का यूज धरल्ले से कर रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि प्रतिबंध के बावजूद प्लास्टिक का प्रयोग आप क्यों कर रहे हैं? तो वे अपनी गलती मानते हुए आगे से ध्यान रखने की बात कही. इधर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन भी स्वीकारते हैं कि हाल के दिनों में नगर निगम के इस अभियान में सक्रियता कम हुई है. निगम ने अपील की सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें और आने वाले समय में लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाने की बात कही.
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक: सिंगल यूज प्लास्टिक उसे कहते हैं जिन्हें एक बार इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है. इसके तहत सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकोल से बने प्लेट कटोरी, बैनर छोटे-बड़े झंडे, पोस्टर, सजावट सहित अन्य सामग्री बेचने, भंडारण करने और घर में रखने पर पकड़े जाने पर 1 साल की जेल या 1 लाख जुर्माना या दोनों होने का प्रावधान है. शुरुआत में कड़ाई से पालन कराने की कोशिश भी की गई. मगर वक्त के साथ नियम में ढील दिखने लगी.