रांची: कोरोना की संभावित थर्ड वेव (Possible Third Wave of Corona) से निपटने की तैयारियां झारखंड के अस्पतालों में तेज कर दी गई हैं. रिम्स के कोरोना टास्क फोर्स संयोजक (Corona Task Force Coordinator) डॉ. प्रभात कुमार कहते हैं रिम्स में संभावित तीसरे लहर से निपटने के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है. एडल्ट लोगों के कोरोना संक्रमण के लिए तैयार ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के आधार पर ही बच्चों के इलाज के लिए ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल रिम्स ने तैयार किया है.
इसे भी पढ़ें- संभावित थर्ड वेव से निपटने के लिए कितना तैयार है झारखंड, वैक्सीन पर राजनीति क्यों, स्वास्थ्य मंत्री से एक्सक्लूसिव बातचीत
इसके अलावा भारत सरकार और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी गाइडलाइन मिली है, जिसमें उम्मीद जताई गई है कि अगर संभावित तीसरी लहर आती है और केंद्र में बच्चे होंगे तो उनको मुख्य रूप से रेस्पिरेटरी, कार्डियक और लीवर की कुछ समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में इसके लिए विशेष तैयारी करनी है.
पोस्ट कोरोना से पीड़ित बच्चे पहुंच रहे रिम्स
रिम्स की नियोनेटल विभाग की हेड डॉ. मिनी रानी अखौरी कहती हैं कि अभी तीसरी वेव या कोरोना संक्रमित बच्चे तो नहीं हैं. रिम्स में पोस्ट कोरोना के लक्ष्ण लेकर लेकर बड़ी संख्या में बच्चे पहुंच रहे हैं. ऐसे बच्चों में एंटीबॉडी बनी हुई है.
झारखंड में स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञों को अनुमान है कि अगर तीसरी लहर आई, तो 8 लाख बच्चे इसकी जद में आ सकते हैं. करीब 4 हजार बच्चे ऐसे होंगे, जिन्हें ICU की जरूरत पड़ सकती है. इसी अनुमान को ध्यान में रखकर राज्य में तैयारियां की जा रही है.